जब 6 फरवरी 1952 को तड़के सुबह ब्रिटेन के सैंड्रिंघम में तात्कालिक राजा जॉर्ज VI की नींद में मृत्यु हो गई तो उनकी बड़ी बेटी राजकुमारी एलिजाबेथ, जो उस समय अपने पति के साथ केन्या यात्रा पर थीं, तुरंत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) बन गईं. आज महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के 70 साल से अधिक के रिकॉर्ड कार्यकाल के बाद फिर से यही स्थिति सामने आई है.
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद शनिवार, 9 सितंबर को चार्ल्स तृतीय को आधिकारिक रूप से राजा घोषित किया जायेगा. महारानी के रिकॉर्ड-तोड़ शासन के बाद, ब्रिटेन के राष्ट्रीय ताने-बाने से एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) के नाम, उनकी तस्वीरों और उनके जिक्र को हटाने में अच्छ-खासा समय लगेगा. बैंक नोट से लेकर राष्ट्रगान तक- ये रहीं ब्रिटेन की कुछ चीजें जिन्हें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद बदलने की जरूरत है.
बैंक नोट और सिक्के
ऐसे 4.5 बिलियन स्टर्लिंग बैंक नोट चलन में हैं, जिन पर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का चेहरा है, और इनको मिलाकर इसकी वैल्यू 80 बिलियन पाउंड की है. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार इन नोटों को बाजार से हटाकर उनकी जगह नए महाराजा किंग चार्ल्स III की तस्वीर वाले नोटों से बदलने में कम से कम दो साल लगने की संभावना है.
बता दें कि 1952 में जब महारानी ने गद्दी संभाली थी तब महारानी या सम्राट की तस्वीर बैंकनोटों पर नहीं होती थी. यह 1960 में तब बदला जब एलिजाबेथ द्वितीय का चेहरा £1 के नोटों पर दिखाई देने लगा, इस तस्वीर को बैंकनोट डिजाइनर रॉबर्ट ऑस्टिन ने तैयार किया था.
महारानी की मौत के बाद अब बकिंघम पैलेस की सहमति से किंग चार्ल्स III की तस्वीर को नोटों पर जगह दी जाएगी. खास बात है कि महारानी का फेस कनाडा में कुछ $20 के नोटों पर, न्यूजीलैंड के सिक्कों पर, और पूर्वी कैरेबियाई केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए सभी सिक्कों और नोटों पर भी है, जिनके अब बदलने की संभावना है.
झंडा
पूरे यूनाइटेड किंगडम में पुलिस स्टेशनों के बाहर लहराने वाले झंडों से लेकर नौसेना के जहाज पर इस्तेमाल किए जाने वाले झंडे तक (जब कोई जनरल जहाज पर होता है) EIIR लिखे हजारों झंडों को बदलने की आवश्यकता होगी.
UK में सैन्य रेजिमेंट "क्वींस कलर" वाले फ्लैग उड़ाते हैं, जिनमें से कई पर सुनहरे रंग में EIIR लिखा होता है. ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड जैसे कई ऐसे राष्ट्रमंडल देश हैं जहां रानी 'हेड ऑफ स्टेट' हैं, वहां रानी के लिए पर्सनल झंडा था, जिसका उपयोग रानी के आने पर किया जाता था. अब उन्हें भी बदला जायेगा.
यूनाइटेड किंगडम का राष्ट्रीय गान
एक बदलाव जो सबसे निकट है वह यह है कि ब्रिटेन का राष्ट्रगान में मौजूद "भगवान हमारी दयालु रानी को बचाए/God save our gracious Queen " की जगह अब "भगवान हमारे दयालु राजा को बचाए/God save our gracious King" गाया जायेगा. हालांकि इन नए बदलाव के साथ ढलने में ब्रिटेन के लोगों को समय लगेगा .
ब्रिटिश राष्ट्रगान - "गॉड सेव द क्वीन" या "गॉड सेव द किंग", इस पर निर्भर करता है कि कौन शासन कर रहा है. खास बात यह है कि यह कई राष्ट्रमंडल देशों द्वारा रॉयल गाने के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. चूंकि इससे जुड़ा कोई कानून नहीं है, इसलिए इसके शब्द तुरंत बदल सकते हैं.
पोस्ट बॉक्स और स्टैम्प्स
महारानी एलिजाबेथ के शाही चिन्ह, ER वाले रॉयल मेल पोस्टबॉक्स को हटाए जाने की संभावना नहीं है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि किंग जॉर्ज VI के शाही चिन्ह GR वाले कुछ रॉयल मेल पोस्टबॉक्स आज भी उनके मरने के 70 साल बाद उपयोग में हैं. हालांकि रॉयल मेल अपने स्टैम्प्स को बदलेगा और उसने क्वीन एलिजाबेथ की जगह किंग चार्ल्स की तस्वीर होगी .
कॉमनवेल्थ देशों में होंगे बदलाव
महारानी एलिजाबेथ की मृत्यु ब्रिटेन से बाहर कई राष्ट्रमंडल देशों के लिए भी एक अनिश्चित क्षण है. 14 देश ऐसे हैं जो ब्रिटेन की महारानी और अब राजा को अपने 'हेड ऑफ स्टेट' के रूप में मान्यता देते हैं. कई मामलों में उनके संविधान में कहा गया है कि रानी देश की प्रधान हैं. अब रानी की मौत के बाद इन देशों में, उनके उत्तराधिकारी किंग चार्ल्स III के लिए संविधानों में संशोधन करने की आवश्यकता होगी.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जमैका जैसे देशों में जहां अभी एक मजबूत रिपब्लिकन आंदोलन चल रहा है और बेलीज में इन संवैधानिक परिवर्तनों के लिए भी जनमत संग्रह की आवश्यकता होगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)