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Rishi Sunak: चुनावी लड़ाई अब चीन पर आई,भारतीय मूल के ऋषि बीजिंग को क्यों घेर रहे?

Rishi Sunak ने कहा- चीन ब्रिटेन की घरेलू और वैश्विक सुरक्षा के लिए "नंबर एक खतरा" है

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ब्रिटेन में अगले प्रधानमंत्री की रेस को लेकर सियासी उठा-पटक जारी है. भारतीय मूल के पूर्व चांसलर ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और विदेश सचिव लिज ट्रस (Liz Truss) कंजरवेटिव पार्टी की नेता और यूके की अगली प्रधानमंत्री बनने के लिए खुलकर एक-दूसरे के सामने हैं. ऐसे में ऋषि सुनक ने रविवार, 24 जुलाई को चुनावी वादा किया कि अगर वह ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनते हैं तो चीन से सख्ती से निपटेंगे. ऋषि सुनक ने एशिया की इस महाशक्ति को घरेलू और वैश्विक सुरक्षा के लिए "नंबर एक खतरा" बताया है.

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बता दें कि ऋषि सुनक और लिज ट्रस के बीच सोमवार की रात आमने-सामने की डिबेट होनी है. ऐसी स्थिती में डिबेट से पहले दोनों अपना पलड़ा मजबूत करना चाहते हैं.

चीन पर बरसे ऋषि सुनक

ऋषि सुनक के प्रस्तावों में ब्रिटेन में सभी 30 कन्फ्यूशियस (Confucius) संस्थानों को बंद करना शामिल है जिससे संस्कृति और भाषा कार्यक्रमों के माध्यम से ब्रिटेन पर चीन के सॉफ्ट-पावर को रोका जा सके.

उनकी टीम ने बताया कि ब्रिटेन में कन्फ्यूशियस केंद्रों में से नौ की स्थापना तब हुई जब ट्रस 2012 और 2014 के बीच शिक्षा मंत्री थीं.

साथ ही सुनक ने उच्च शिक्षा प्रतिष्ठानों को £50,000 ($60,000) से अधिक के विदेशी फंडिंग का खुलासा करने और रिसर्च पार्टनरशिप की समीक्षा करने के लिए मजबूर करके "सीसीपी (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) को अपने यूनिवर्सिटीज से बाहर निकालने का वादा किया है.

सुनक ने रविवार रात को कहा कि “बस बहुत हो गया. बहुत लंबे समय से, ब्रिटेन और पूरे पश्चिम में राजनेताओं ने लाल कालीन बिछाया है और चीन की नापाक गतिविधियों और महत्वाकांक्षाओं से आंखें मूंद ली हैं”

उन्होंने यह भी कहा है कि ब्रिटेन की घरेलू जासूसी एजेंसी MI5 का इस्तेमाल चीनी जासूसी से निपटने में मदद के लिए किया जाएगा, और बताया कि वह साइबर स्पेस में चीनी खतरों से निपटने के लिए "NATO-स्टाइल" अंतरराष्ट्रीय सहयोग का निर्माण करना चाहते हैं.

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सुनक ने दावा किया कि चीन "हमारी (ब्रिटेन की) टेक्नोलॉजी की चोरी कर रहा है और हमारे यूनिवर्सिटी में घुसपैठ कर रहा है" और रूसी तेल खरीदकर विदेश में व्लादिमीर पुतिन को "सहारा" दे रहा है, साथ ही ताइवान सहित पड़ोसियों को धमकाने का प्रयास कर रहा है.

उन्होंने चीन की वैश्विक "बेल्ट एंड रोड" परियोजना पर भी निशाना साधा है. बता दें कि भारत भी "बेल्ट एंड रोड" परियोजना का विरोध करता रहा है जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है.

चीन पर क्यों बरस रहे हैं ऋषि सुनक?

ऋषि सुनक चीन पर उस समय बरस रहे हैं जब पीएम की रेस में उनकी प्रतिद्वंदी लिज ट्रस ने उन पर चीन और रूस के मुद्दे पर नरम होने का आरोप लगाया है. यहां तक कि चीन के अखबार भी उन्हें अपना 'साथी' बताते रहे हैं. चीन के सरकारी अखबार- ग्लोबल टाइम्स ने पहले कहा था कि "ब्रिटेन-चीन संबंधों को विकसित करने पर एक स्पष्ट और व्यावहारिक दृष्टिकोण" के साथ प्रतियोगिता में सुनक एकमात्र उम्मीदवार हैं".

ऐसी स्थिति में ऋषि सुनक चीन पर निशाना साध कर चीन हितैषी इमेज से बाहर निकलना चाहते हैं.

ऋषि के वार पर चीन का पलटवार  

बीजिंग ने ब्रिटिश नेताओं से चीन पर अपनी टिप्पणियों में संयम बरतने को कहा है. उसने कहा कि "चीन की धमकी को हाइप करने" से ब्रिटेन की अपनी समस्याओं को हल करने में मदद नहीं मिलेगी.

ऋषि सनक की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि कंजरवेटिव पार्टी के अगले नेता का चुनाव यूके का आंतरिक मामला है.

"मैं ब्रिटेन के कुछ राजनेताओं को सूचित करना चाहता हूं कि वे बहस करने और 'चीन के खतरे' और अन्य गैर-जिम्मेदार बयानों को हवा देने के लिए बार-बार चीन का उपयोग करके अपनी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते"
प्रवक्ता, चीनी विदेश मंत्रालय

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