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Rishi Sunak: यूके PM की रेस में पिछड़ रहे भारतीय मूल के ऋषि,डिबेट से होगी वापसी?

Rishi Sunak v Liz Truss: इकॉनमी, क्लाइमेट,शिक्षा... पॉलिसी के मोर्चे पर दोनों कैसे अलग हैं?

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"यूनाइटेड किंगडम का अगला प्रधानमंत्री भारतीय मूल का होगा?" इस सवाल का जवाब जानने के लिए जितने उत्सुक ब्रिटेन के निवासी हैं उतने ही भारतीय लोग भी. यह सवाल इसलिए सरगर्म है क्योंकि भारतीय मूल के पूर्व चांसलर ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और विदेश सचिव लिज ट्रस (Liz Truss) कंजरवेटिव पार्टी की नेता और यूके की अगली प्रधानमंत्री की दौड़ में अंतिम दो उम्मीदवार हैं.

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हालांकि आखिरी दौर की वोटिंग के पहले ऋषि सुनक की उम्मीदों को मौजूदा सर्वे और ट्रेंड झटके दे रहे हैं. YouGov के एनालिसिस के अनुसार 21 जुलाई तक कंजरवेटिव पार्टी के केवल 31% सदस्यत ऋषि सुनक को वोट देने का इरादा रखते थे, जबकि लिज ट्रस को 49% सदस्य वोट देने की बात कह रहे हैं. सर्वे के अनुसार 15% ने अभी तय नहीं किया है जबकि 6% सदस्य वोट नहीं देने की बात कर रहे हैं.

ऋषि सुनक के पास आखिरी मौका- डिबेट में दावेदारी मजबूत करें

ऋषि सुनक इस वीकेंड मार्गरेट थैचर के होमटर्फ से अगले और निर्णायक राउंड की दौड़ के लिए अपनी लड़ाई की शुरुआत करेंगे. उनके समर्थकों ने पार्टी के सदस्यों से तक वोट नहीं डालने का आग्रह किया है जब तक कि सुनक को वे लिज ट्रस के खिलाफ और डिबेट में भाग लेते हुए नहीं देख लेते.

बता दें कि 1-5 अगस्त तक पार्टी के लगभग 160,000 सदस्यों को बैलेट पेपर मिल जायेगा और फिर उनके पास अगला प्रधानमंत्री तय करने का मौका होगा. वे या तो तुरंत अपना वोट डाल सकते हैं या 1 सितंबर तक प्रतीक्षा कर सकते हैं.

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार ऋषि सुनक इस बात पर भी जोर देंगे कि ट्रस के नेतृत्व में कंजरवेटिव पार्टी अगला चुनाव हार सकती है, और वह खुद विपक्षी पार्टी लेबर पार्टी से मुकाबला करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हैं.

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Rishi Sunak v Liz Truss: इकॉनमी, क्लाइमेट,शिक्षा... पॉलिसी के मोर्चे पर दोनों कैसे अलग हैं?

इकॉनमी: भारतीय मूल के सुनक ने पार्टी सदस्यों को कंजरवेटिव पार्टी के पारंपरिक आर्थिक मूल्यों को फिर से अपनाने का वादा किया है. उन्होंने कहा है कि उनका लक्ष्य टैक्स में कटौती करना है लेकिन उससे पहले वो महंगाई की चुनौती से निपटना चाहते हैं.

दूसरी तरफ ट्रस ने नेशनल इंश्योरेंस रेट में हुई वृद्धि को वापस लेने का वादा किया है, जिसे स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल के लिए डिजाइन किया गया था. वो लो टैक्स और लो रेगुलेशन का नारा दे रहीं हैं.

क्लाइमेट

ऋषि सुनक ने 2045 तक एनर्जी इंडिपेंडेंट होने के लिए एक नया कानूनी लक्ष्य निर्धारित करने का वादा किया है और साथ ही उन्होंने 2050 तक नेट जीरो एमिशन (शून्य उत्सर्जन) तक पहुंचने के सरकार के कानूनी रूप से बाध्यकारी लक्ष्य को बनाए रखने पर प्रतिबद्धता जताई है. उन्होंने कंजरवेटिव पार्टी के ग्रीन विंग (पर्यावरण के लिए आवाज उठाने वाले सदस्य) से वादा किया है कि वे किसी भी कीमत पर पर्यावरण की रक्षा करेंगे.

ट्रस ने भी 2050 तक नेट जीरो एमिशन तक पहुंचने के सरकार के कानूनी रूप से बाध्यकारी लक्ष्य को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता जताई है, लेकिन उसने कहा है कि वह ग्रीन टैक्स को हटा देंगी. बता दें कि ग्रीन टैक्स एक सरकार द्वारा प्रदूषण या कार्बन उत्सर्जन के स्रोतों पर लगाया गया टैक्स है.
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Brexit

ऋषि सुनक ब्रेक्सिट का समर्थन करते हुए जल्दी सामने आ गए. उन्होंने कथित तौर पर "नॉर्थन आयरलैंड प्रोटोकॉल" पर प्रस्तावों का समर्थन किया है और चांसलर के रूप में ब्रेक्सिट से लाभ के एक तरीके के रूप में ब्रिटेन के आसपास "फ्रीपोर्ट्स" को बढ़ावा दिया है.

दूसरी तरफ ट्रस ने अगले साल के अंत तक ब्रेक्सिट के बाद बनाए गए सभी यूरोपीय संघ के कानूनों की समीक्षा करने और ब्रिटेन के विकास में बाधा डालने वाले कानूनों को रद्द करने या बदलने की कसम खाई है.

गृह मंत्रालय

ऋषि सुनक रवांडा ट्रांसफर स्कीम का भी समर्थन करते हैं, हालांकि द गार्डियन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि उन्होंने £ 120 मिलियन की लागत वाली इस योजना का चांसलर के रूप में इसका विरोध किया था. उन्होंने गैंग्स को तैयार करने पर कठोर कार्रवाई का वादा किया है और बाल यौन शोषण के खिलाफ पुलिस बल बनाने का वादा किया है.

दूसरी तरफ ट्रस ने कथित तौर पर कहा है कि वह रवांडा ट्रांसफर स्कीम को तुर्की जैसे देशों में विस्तारित करने का प्रयास करेंगी और उन्होंने इसे "पूरी तरह से नैतिक" कहा है.

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