यूक्रेन (Ukraine) में शुक्रवार को यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र जेपोरजिया के पास में आग लगने की खबर सामने आई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने यूरोपियन देशों से कहा कि ये जागने का सही समय है और रूस के खिलाफ कड़े एक्शन लेने चाहिए.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति व्लोदिमिर ने कहा कि यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पास आग लगी हुई है. इसके लिए जिम्मेदार रूस ने थर्मल इमेजिंग से लैस टैंक की मदद से छह रियेक्टर के पास गोलीबारी की है.
उन्होंने वैश्विक आपदा चेरनोबिल 1986 के बारे में याद दिलाते हुए कहा कि जेपोरजिया में अगर कोई हादसा हुआ है, तो इसके नतीजे और बुरे होंगे. उन्होंने आगे कहा कि प्लीज, यूरोप अब जाग जायें अपने राजनेताओं को बताएं कि रूस की सेना यूक्रेन में परमाणु संयंत्र पर गोलीबारी कर रही है.
जेलेंस्की ने आगे कहा कि वह अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, जर्मनी और पोलैंड के नेताओं के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के संपर्क में हैं, साथ ही उन्होंने आम नागरिकों से भी अपील की है कि आप सभी अपने नेताओं को जगाएं.
रूस के कारण यह दुनिया परमाणु राख से ढक जाएगी, अब यह केवल एक चेतावनी नहीं है, यह हकीकत है.
इससे पहले शुक्रवार को यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने चेतावनी दी थी कि अगर आग की वजह से परमाणु संयंत्र में विस्फोट हो गया तो यह तबाही चेरनोबिल आपदा से 10 गुना बड़ी होगी. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने यूक्रेन के अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि आग के मद्देनजर संयंत्र स्थल पर विकिरण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
आईएईए ने यह भी कहा कि आग से जरूरी उपकरण प्रभावित नहीं हुए हैं और परमाणु ऊर्जा विमान में कर्मी शमन करने वाली कार्रवाई कर रहे हैं.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन में वर्तमान में चार सक्रिय परमाणु संयंत्र हैं, जिनमें जेपोरजिया भी शामिल है, जो कथित तौर पर देश की बिजली का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा है. यह चेरनोबिल जैसी साइटों पर परमाणु कचरे से भी निपटता है, जो अब रूसी नियंत्रण में है.
यूक्रेन में सबसे खराब स्थिति आना अभी बाकी है': मैक्रों
इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत की. इस बातचीत को लेकर मैक्रों ने कहा कि 'यूक्रेन में सबसे खराब स्थिति आना अभी बाकी है'.
बीएफएमटीवी ने मैक्रों के एक प्रवक्ता के हवाले से बताया कि फ्रांस और रूस के राष्ट्रपतियों ने गुरुवार सुबह करीब डेढ़ घंटे तक टेलीफोन पर बातचीत की. इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है. पुतिन अपनी बात पर अड़े हैं और उन्होंने किसी भी तरह का समझौता करने से इनकार कर दिया है.
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