अमेरिका ने चीन की कंपनियों, हुआई और ZTE को सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इनकी फंडिंग पर रोक लगा दी है. अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन (FCC) ने दोनों कंपनियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया. FCC ने बयान में कहा कि ये कदम अमेरिकी नेटवर्क को सुरक्षा के खतरों से बचाने के लिए उठाया गया है. दोनों कंपनियों को FCC के यूनिवर्सल सर्विस फंड के लिए सप्लायर के तौर पर बैन कर दिया गया है.
फेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन अमेरिकी एजेंसी है जो सभी कम्युनिकेशन्स टेक्नोलॉजी को नियंत्रित करती है.
FCC ने बयान में कहा कि सबूतों के आधार पर, ब्यूरो ने हुआई और ZTE को अमेरिका के कम्युनिकेशन नेटवर्क और 5G भविष्य के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है.बयान में आगे कहा गया है कि FCC के 8.3 बिलियन डॉलर के सलाना यूनिवर्सल सर्विस फंड के पैसों का इस्तेमाल, इन सप्लायर्स से इक्विपमेंट या सर्विस खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है. ये फंड सब्सिडी का एक कलेक्शन है जिसके जरिए अमेरिकी सरकार टेलीकॉम सर्विस तक पहुंच को बढ़ावा देती है.
अमेरिका का कहना है कि हुवेई के इक्पिमेंट को चीन जासूसी करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है. FCC के चेयरमैन अजित पाई ने कहा,
“दोनों कंपनियों के चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी सेना से करीबी संबंध हैं, और दोनों व्यापक रूप से चीन के कानून के अधीन हैं जो, उन्हें देश की इंटेलीजेंस सर्विसेज के साथ सहयोग करने के लिए बाध्य करते हैं.”
भारत ने बैन किए 59 चीनी ऐप
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच, भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 59 चीनी ऐप पर -बैन लगा दिया है. इसमें टिकटॉक. हेलो, यूसी ब्राउजर जैसे ऐप शामिल हैं, जो भारत में काफी पॉपुलर हैं. टिकटॉक के भारत में लाखों में यूजर्स हैं. भारत सरकार ने इन ऐप्स को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इनपर बैन लगाया है.
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