अमेरिका (US) में गर्भपात (अबॉर्शन) के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली गोली मिफेप्रिस्टोन (Mifepristone) पर से प्रतिबंध को हटा दिया गया है. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया, जिसने महिलाओं द्वारा अबॉर्शन (Abortion Pill) के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गोली मिफेप्रिस्टोन पर बैन लगा दिया था.
यानी फिलहाल बैन को हटा दिया गया है, लेकिन फैसला आना अभी भी बाकी है. निचली अदालत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बाइडन प्रशासन और मिफेप्रिस्टोन बनाने वाली लेबोरेट्री डैनको ने रोक के खिलाफ अपील की थी.
बैन हटने के बाद राष्ट्रपति बाइडन ने बयान जारी कर कहा कि....
"मतदाताओं को इस मुद्दे को राष्ट्रपति चुनाव तक ले जाना चाहिए. औरतों के स्वास्थ्य को लेकर हमारी लड़ाई हमेशा जारी रहेगी. लेकिन अमेरिकी वोटरों को फिर से डेमोक्रेट्स (बाइडन की पार्टी) को सत्ता में वापस लाना चाहिए जो हमेशा लोगों के हित के लिए काम करती है."
कई डेमोक्रेट्स और अबॉर्शन के पक्ष में आवाज उठाने वालों ने बैन हटने के आदेश पर खुशी जताई लेकिन उनका कहना है कि यह केवल आदेश है. इस पर फैसला आना बाकी है.
क्या है मामला?
दरअसल, टेक्सास की एक अदालत ने गर्भपात की दवा मिफेप्रिस्टोन के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश दिया था.
यह दवा, प्रोजेस्टेरोन में बाधा डालने का काम करती है. यह एक हार्मोन है जो गर्भावस्था को जारी रखने के लिए जरूरी है.
इस दवा को अमेरिका में साल 2000 से उपयोग में लाया जा रहा है और 5 मिलियन से अधिक लोगों ने इसका उपयोग किया है. अमेरिका में आधे से ज्यादा गर्भपात के मामलों में मिफेप्रिस्टोन का उपयोग दूसरी दवा मिसोप्रोस्टोल के साथ किया जाता है.
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