WHO ने दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना के नए वेरिएंट का नाम ओमिक्रॉन (OMICRON) रखा है. लेकिन अब इसके नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कहा जा रहा है कि ग्रीक वर्णमाला के क्रमानुसार कोरोना के सभी वोरिएंट का नाम रखा जाता है, लेकिन ओमिक्रॉन नाम रखने के लिए ग्रीक अल्फाबेट के क्रम को तोड़ दिया गया.
क्यों छिड़ा कोरोना के नए वेरिएंट के नाम पर विवाद
कोरोना के सभी वेरिएंट्स चाहे अल्फा हो या डेल्टा, का नाम ग्रीक अल्फाबेट के क्रम का पालन करके रखा गया. अगर सही क्रम का पालन किया जाता तो कोरोना के नए वोरिएंट का नाम Nu या फिर उसके बाद Xi होना चाहिए था, लेकिन इन दोनों को छोड़कर WHO ने ओमिक्रॉन नाम को चुना.
दरअसल विवाद इसलिए भी है क्योंकि वर्णानुक्रम में छोड़े गए नामों में Xi भी शामिल है. यह चीनी राष्ट्रपति Xi Xinping के नाम से मिलता-जुलता है. कोरोना महामारी के दौरान WHO पर चीन के प्रति नरमी दिखाने के आरोप लगते रहे हैं.
माना जा रहा था कि कोरोना के नए वेरिएंट का नाम Nu होगा, लेकिन New शब्द से मिलता-जुलता होने के कारण इसका इस्तेमाल नहीं किए जाने की बात कही जा रही है. वहीं Nu के बाद अगला नाम Xi होना चाहिए था, लेकिन चीनी राष्ट्रपति के नाम की वजह से इसका भी इस्तेमाल नहीं किया गया.
WHO पर फिर उठ रहे सवाल
यूके के अखबार दे टेलिग्राफ में ग्लोबल हेलथ सिक्यॉरिटी ऐंड कैंपेन एडिटर पॉल नुकी ने WHO सूत्रों के हवाले से Nu और Xi नाम जानबूझकर छोड़े जाने का दावा किया. उन्होंने ट्वीट किया, ''WHO के एक सूत्र ने पुष्टि कि है कि Nu और Xi नाम जानबूझकर छोड़ा गया है. Nu का उच्चारण New से मिलता-जुलता है, जबकि Xi को चीनी के एक क्षेत्र विशेष से जुड़ा होने के कारण नहीं इस्तेमाल किया गया.''
वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर अमेरिकी सीनेटर टेड क्रूज ने WHO पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी से डरता है.
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