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वो 5 विराट गलतियां जिनकी वजह से द.अफ्रीका के खिलाफ सीरीज हारा भारत

टेस्ट क्रिकेट में दुनिया की नंबर 1 टीम भारत को साउथ अफ्रीका की धरती पर बुरी तरह से मात मिली है.

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टेस्ट क्रिकेट में दुनिया की नंबर 1 टीम भारत को साउथ अफ्रीका की धरती पर बुरी तरह से मात मिली है. टीम इंडिया का फुल टाइम कैप्टन बनने के बाद से विराट कोहली पहली बार टेस्ट सीरीज हारे हैं. साथ ही पिछली 9 सीरीज से चला रहा टीम इंडिया का विजय रथ आखिरकार थम गया. तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत 0-2 से पीछे हो गया है. लेकिन ये हुआ कैसे? आखिर क्या वजह रही कि दुनिया की नंबर 1 टीम प्रोटियाज धरती पर फिसड्डी साबित हुई. हम आपको बताते हैं वो 5 बड़ी वजह जिसकी वजह से विराट कोहली एंड कंपनी को ये हार नसीब हुई.

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1. खराब टीम सेलेक्शन

दोनों मैचों में टीम इंडिया मैनेजमेंट ने अजीबों गरीब प्लेइंग XI का चयन किया. जब भी ये टीम इंडिया विदेश में सीरीज खेलती है तो अंजिक्या रहाणे का आखिरी 11 में होना ऑटोमेटिक होता है. रहाणे का घरेलू जमीन पर रिकॉर्ड चाहे कैसा भी हो लेकिन विदेशी पिचों पर वो सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी होते हैं. इस बल्लेबाज ने द. अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड, हर जगह पर रन बनाए हैं(इंग्लैंड में तो खुद कोहली फिसड्डी रहे हैं). लेकिन, रहाणे को दोनों मैचों में टीम से बाहर रखा गया. उनकी जगह टेस्ट क्रिकेट में अब तक कुछ भी खास न कर पाने वाले बल्लेबाज रोहित शर्मा को मौका दिया गया. रोहित ने दोनों मैचों में 19.50 की खराब औसत से सिर्फ 78 रन बनाए हैं.

दूसरे टेस्ट में तो विराट और शास्त्री ने कमाल ही कर दिया. इनफॉर्म गेंदबाज भुवनेश्वर को प्लेइंगXI से बाहर करके ईशांत शर्मा को टीम में ले लिया. स्विंग के मास्टर भुवनेश्वर कुमार हर एक परिस्थिती में ईशांत से बेहतर टेस्ट गेंदबाज हैं लेकिन ज्यादा उछाल मिलने के नाम पर कोहली ने ये कदम उठाया. सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं भुवनेश्वर बल्ले से भी बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं, ऐसे में मैनेजमेंट के गलत फैसले की वजह से भारत ने एक विकेट टेकिंग गेंदबाज तो खोया ही साथ में लोअर ऑर्डर का अच्छा बल्लेबाज भी गंवा दिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भुवी ने पहले मैच में 6 विकेट लिए थे और बहुमूल्य 38 रन बनाए थे.

2. हल्की फील्डिंग

टीम के सबसे बढ़िया स्लिप फील्डर रहाणे को बाहर बैठाना टीम इंडिया को मैदान पर काफी भारी पड़ा. स्लिप में भारतीय फील्डर्स ने कई कैच टपकाए. मोटे- मोटे तौर पर टीम इंडिया ने इस मैच में 7 से 8 बड़े कैच टपका दिए. एक कैच तो कप्तान विराट कोहली ने खुद ड्रॉप किया और विकेटकीपर पार्थिव पटेल भरसक कोशिश की कि टीम मैनेजमेंट उन्हें अगले टेस्ट के लिए न चुने. उन्होंने अकेले ने 4 कैच छोड़े.

सिर्फ कैच ही नहीं आउट फील्ड में भी टीम इंडिया का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. छोटे फॉर्मेट में अपनी फील्डिंग के लिए जानी जाने वाली ये टीम इंडिया लंबे फॉर्मेट में फ्लॉप रही. नतीजा विरोधी ने खूब रन बनाए और दबाव बढ़ता गया.

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3. रन आउट

एक ही मैच में किसी टीम के तीन बल्लेबाज रन आउट हो जाएं तो विरोधी के लिए इससे बड़ा गिफ्ट और क्या हो सकता है? सेंचुरियन टेस्ट में नंबर-3 बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा दोनों पारियों में रन आउट हुए और हार्दिक पांड्या पहली पारी में रन आउट हुए. यानी तीन बार अफ्रीकी टीम को खास मेहनत किए बिना ही गिफ्ट में विकेट मिल गए. जरूरत है कि कोचिंग स्टाफ इस कमजोरी पर ध्यान दे.

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4. खराब बल्लेबाजी

अब तक सीरीज में कई बार ऐसा हुआ है कि टीम इंडिया के बल्लेबाज अच्छी गेंदबाजी नहीं बल्कि अपनी गलतियों की वजह से आउट हुए. केपटाउन टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली का बाहर जाती गेंद से छेड़छाड़ कर आउट होना हो या फिर सेंचुरियन टेस्ट में केएल राहुल का पॉइंट पर कैच थमाना. कई मौकों पर बल्लेबाजों ने अपने विकेट यूं ही फेंक दिए. टेस्ट क्रिकेट में सफल होने का सबसे बड़ी उसूल यही है कि आप अच्छी गेंद पर आउट हो सकते हैं लेकिन खराब शॉट खेलकर आउट होना बर्दाश्त नहीं.

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5. तैयारियों में कमी

जब भी टीम इंडिया इंग्लैंड या फिर ऑस्ट्रेलिया जाती है तो वहां एक या दो प्रैक्टिस मैच खेलती है. लेकिन इस टीम को न जाने क्यों इतना ज्यादा कॉन्फिडेंस था कि वो सिर्फ दो प्रैक्टिस सेशन के बाद ही सीधा मैच खेलने उतर गए. मीडिया में तो ये भी खबरें थीं कि पुजारा, विजय और रहाणे को बीसीसीआई तैयारी के लिए पहले ही साउथ अफ्रीका भेजना चाहती थी लेकिन टीम मैनेजमेंट ने ऐसा करने से मना कर दिया.

टीम इंडिया के कोई भी प्रैक्टिस मैच न खेलने पर पूर्व कप्तान अजित वाडेकर और सुनील गावस्कर ने भी हैरानी जताई थी.

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