ADVERTISEMENTREMOVE AD

Asian Games में मणिपुर की रोशिबिना को सिल्वर, कभी फटे कपड़े जोड़ करती थी प्रैक्टिस

Asian Games: नाओरेम रोशिबिना देवी महिलाओं के 60 किलोग्राम सांडा फाइनल में जीतकर रजत पदक हासिल करने में सफल रहीं.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तीन वुशू खिलाड़ी हांग्जो में चल रहे 19वें एशियाई खेलों (Asian Games 2023) में भाग लेने का मौका चूक गए, क्योंकि चीन ने उन्हें वीजा नहीं दिया है. हालांकि, जातीय दंगा प्रभावित मणिपुर की नाओरेम रोशिबिना देवी महिलाओं के 60 किलोग्राम सांडा फाइनल में जीतकर रजत पदक हासिल करने में सफल रहीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हांग्जो एशियाई खेलों में आठ सदस्यीय भारतीय दल ने वुशू में भाग लिया. नाओरेम रोशिबिना देवी इस खेल में भारत की एकमात्र पदक विजेता थीं. उन्होंने अपना रजत पदक संकटग्रस्त अपने गृह राज्य के लोगों को समर्पित किया.

रोशिबिना फाइनल में घरेलू पसंदीदा चीन की वू जियाओवेई से 0-2 से हार गईं.

2018 में जकार्ता में 18वें एशियाई खेलों में इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले 22 वर्षीय खिलाड़ी ने 2026 में टोक्यो (जापान) में होने वाले 20वें एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने का वादा किया.

Asian Games:  नाओरेम रोशिबिना देवी महिलाओं के 60 किलोग्राम सांडा फाइनल में जीतकर रजत पदक हासिल करने में सफल रहीं.

पंद्रह साल पहले मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के एक साधारण गांव क्वाक्षीफाई में एक छोटी लड़की ने अपना खाली समय अपने घर पर बनाए गए तात्कालिक पंचिंग बैग पर मुक्का मारने में बिताया, जिससे भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के इंफाल प्रशिक्षण केंद्र में उसका वुशू सीखने का मार्ग प्रशस्त हुआ.

'गृह राज्य में स्थिति सुलझ जाती तो मुझे और भी खुशी होती'

सेमीफाइनल में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद रोशिबिना ने एशियाई खेलों में वुशू में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने की उम्मीद की थी, जिसमें उन्होंने वियतनाम की थि थु थुय न्ग्युगेन को 2-0 से हरा दिया था, जिसमें दो-दो मिनट के केवल दो राउंड की जरूरत थी.

प्रतिभाशाली और आक्रामक सांडा फाइटर ने फाइनल के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं, लेकिन अगर मैं चैंपियन होती और अगर मेरे गृह राज्य में स्थिति सुलझ जाती तो मुझे और भी खुशी होती."

उन्होंने कहा कि वह 2026 में टोक्यो में होने वाले एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य रखेंगी. अपने राज्य को लगभग पांच महीने तक हिंसक जातीय दंगे का सामना करने के बावजूद रोशिबिना 2018 में जकार्ता एशियाड में जीते गए पदक का रंग इस बार कांस्य से रजत में बदलने में कामयाब रहीं.

Asian Games:  नाओरेम रोशिबिना देवी महिलाओं के 60 किलोग्राम सांडा फाइनल में जीतकर रजत पदक हासिल करने में सफल रहीं.

रोशिबिना के पिता नाओरेम दामू सिंह ने कहा, “हमारे छोटे परिवार और गांव में हम सभी खुश हैं, क्योंकि मेरी बेटी ने रजत पदक जीता है. लेकिन वह (रोशिबिना) फाइनल मैच में स्वर्ण की उम्मीद कर रही थी.'' एक साधारण किसान दामू ने कहा, जैसे ही उन्होंने अपनी बेटी की उपलब्धि के बारे में सुना, वह उसे एक ऐसे घर से व्हाट्सएप पर कॉल करने में कामयाब रहे, जहां इंटरनेट की पहुंच है. उन्होंने कहा,

“हमारी छोटी बातचीत के दौरान मेरी बेटी खुश नहीं थी, क्योंकि उसने कहा कि वह स्वर्ण पदक की उम्मीद कर रही थी. हालांकि, मैंने उससे हिम्मत न हारने के लिए कहा और उसे आगामी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया.“
नाओरेम दामू सिंह, रोशिबिना के पिता

दामू ने कहा कि उनकी बेटी को इस साल नवंबर में यूएसए में आयोजित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय वुशू चैंपियनशिप के लिए पहले ही चुना जा चुका है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रोशिबिना ने एशियाई खेलों के पदकों के अलावा 2017 में बुल्गारिया में आयोजित जूनियर वुशू विश्‍व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, 2019 में दक्षिण एशियाई खेलों (काठमांडू) में स्वर्ण और इस साल मॉस्को वुशु स्टार्स में दो समान पदक जीते.

वुशू के प्रति रोशिबिना के गहरे जुनून को याद करते हुए दामू ने कहा कि जब वह सिर्फ सात या आठ साल की थी, तो उसने फटे हुए कपड़े एकत्र कर उस पर हर समय बेतहाशा मुक्का और लात मारती थी. दामू ने कहा,

“उसके उत्साह को देखते हुए हमारे इलाके की एक वुशू चैंपियन मालेमंगनबी देवी ने उसे खेल सिखाना शुरू किया. हमारे पड़ोसी गांव नाचौ के एक अन्य वुशू कोच एम रोनेल सिंह ने भी उन्हें थोड़े समय के लिए खेल की कला सिखाई."

उन्होंने कहा, बाद में रोशिबिना अपने कोच एम. प्रेमकुमार के तहत औपचारिक वुशू प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए इंफाल में एसएआई प्रशिक्षण केंद्र गई, वह इस समय बिष्णुपुर जिले के सीआई कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही है.

'अरुणाचल प्रदेश के तीनों खिलाड़ियों को प्रतिभागियों के रूप में माना जाएगा'

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बुधवार (27 सितंबर) को कहा था कि राज्य के तीन वुशू खिलाड़ी, जो मेजबान देश द्वारा वीजा देने से इनकार के कारण चीन में चल रहे एशियाई खेलों में भाग नहीं ले सके, उन्हें प्रतिभागियों के रूप में माना जाएगा. भारतीय वुशू टीम के सदस्यों के रूप में इस आयोजन में भाग लिया और राज्य की खेल नीति के अनुसार प्रोत्साहन प्रदान किया गया.

तीन वुशु खिलाड़ियों - ओनिलु तेगा, न्येमान वांगसु और मेपुंग लाम्गु ने खेल और युवा मामलों के मंत्री मामा नातुंग, उनके कोच माईबम प्रेमचंद्र सिंह के साथ बुधवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की.

इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कि तीनों एथलीट एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाले अरुणाचल प्रदेश के पहले खिलाड़ी थे, लेकिन बिना किसी गलती के उन्हें प्रतिष्ठित प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा, खांडू ने कहा कि उन्हें तदनुसार 20-20 लाख रुपये का नकद प्रोत्साहन मिलेगा.

उन्होंने यह भी कहा कि कोच माईबम प्रेमचंद्र सिंह को भी एथलीटों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन का 10 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा.

युवा वुशू खिलाड़ियों के साथ बातचीत करते हुए खांडू ने उन्हें कड़ी मेहनत करने और टोक्यो में होने वाले 2026 एशियाई खेलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×