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Tejswin Shankar को CWG मेडल:हफ्ते भर पहले तक बर्मिंघम जाने के लिए लड़ रहे थे केस

Commonwealth Games 2022: तेजस्विन शंकर ने हाई जम्प में ब्रॉन्ज जीता है, एथलेटिक्स में भारत को पहला मेडल आया

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बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games 2022) में तेजस्विन शंकर (Tejaswin Shankar) ने भारत के लिए एथलेटिक्स में पहला मेडल जीता है. मेंस हाई जम्प इवेंट में बुधवार, 3 अगस्त को शानदार प्रदर्शन करते हुए तेजस्विन शंकर ने भारत की झोली में ब्रॉन्ज मेडल डाला. उनकी यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि उन्हें बर्मिंघम CWG 2022 में पहुंचने के लिए एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई भी लड़नी पड़ी थी.

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तेजस्विन शंकर की बर्मिंघम में मिली इस जीत के बाद एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वो सिर्फ एक हफ्ते पहले नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कुत्तों के सामने प्रैक्टिस करते हुए नजर आ रहे हैं. इस समय तेजस्विन शंकर बर्मिंघम जाने के लिए एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे थे जबकि दूसरी तरफ बाकी एथलीट बर्मिंघम पहुंच कर तैयारी में लगे थे.

फेडरेशन शंकर को कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं भेजना चाहता था और उन्हें शुरुआती स्क्वॉड से बाहर कर दिया था. फेडरेशन ने यह निर्णय इस तथ्य के बावजूद लिया कि उन्होंने 2.27 मीटर के क्वालीफाइंग मार्क को क्रॉस कर लिया था. फेडरेशन की दलील थी कि तेजस्विन शंकर ने यह क्वालीफाइंग मार्क अमेरिका में हुए NCAA चैंपियनशिप में केंसास स्टेट यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करते हुए पार किया था.

एक मीडिया चैनल से बात करते हुए तेजस्विन शंकर ने कहा कि "मुझे आखिर तक पता नहीं था कि मैं बर्मिंघम जा रहा हूं या नहीं. मैं बस किसी कीमत पर शेप में रहना चाहता था. हम आमतौर पर 2:30 से 3 pm के बीच स्टेडियम जाते थे ताकि शाम में होने वाली भीड़ से बच सके. उस समय हमें सिर्फ आवारा कुत्ते देख रहे होते थे. 3 आवारा कुत्तों से से बर्मिंघम में 30 हजार दर्शकों के सामने जाना एक लंबा सफर है."

इससे पहले तेजस्विन शंकर 2018 में गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 6th पोजीशन पर रहे थे. लेकिन तेजस्विन शंकर उस हार को बर्मिंघम में मिली जीत के पीछे की वजह बता रहे हैं. एक मीडिया चैनल से बात करते हुए तेजस्विन शंकर ने कहा कि

"2018 में गोल्ड कोस्ट में मैंने एक बड़ी भीड़ के सामने परफॉर्म किया था और छठे स्थान पर रहा. उस अनुभव ने मेरी मदद की और मैं इस बार तैयार रहना चाहता था और मेडल जीतने की स्थिति में रहना चाहता था. मैं बस खुद को लकी मानता हूं कि यह सब ऐसे पूरा हुआ"

पेशे से CA हैं शंकर,कहा- मेडल की जगह टाई पहनूंगा और 9 से 5 बजे की जॉब करूंगा.

पेशे से एक CA तेजस्विन शंकर ने अपने इस मेडल को अपनी मां को समर्पित किया है. उन्होंने कहा कि कुछ दिन तक भले ही मैं इस मेडल को पहने रहूं लेकिन उसके बाद इसको शोकेस में रखकर वापस कोट और टाई पहनूंगा और एक CA के रूप में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे की जॉब करूंगा.

बड़े मंच पर यह तेजस्विन शंकर का पहला मेडल है. बता दें कि खबर लिखे जाने तक भारत की झोली में 5 गोल्ड, 6 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज सहित कुल 18 मेडल आ चुके हैं. इसके अलावा बॉक्सिंग में भारत के बॉक्सरों ने पहले ही 5 मेडल पक्का कर लिया है.

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