भारत और श्रीलंका (IND vs SL) के बीच मंगलवार को खेले गए मैच में भारतीय टीम को एशिया कप की सबसे बड़ी निराशा हाथ लगी. ऐसा इसलिए क्योंकि श्रीलंका ने ना सिर्फ भारत को 6 विकेट से हराया, बल्कि टूर्नामेंट के बाहर होने के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया.
1. योद्धाओं की तरह खेल रही है श्रीलंकाई टीम
श्रीलंकाई टीम के पास गंवाने के लिए ज्यादा कुछ था नहीं. टूर्नामेंट शुरू होने से पहले किसी ने भी उनके फाइनल तक पहुंचने की कल्पना नहीं की थी. लेकिन योद्धाओं की तरह लड़ते हुए श्रीलंकाई टीम ने सभी को गलत साबित कर दिया.
श्रीलंका इस समय अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है. हालात ऐसे आ चुके थे कि राष्ट्रपति को देश छोड़कर जाना पड़ा. सड़क से लेकर राष्ट्रपति भवन तक लोगों का प्रदर्शन चल रहा था.
इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए श्रीलंका में आयोजित होने वाला एशिया कप यूएइ में कराया जा रहा है. इन तमाम मुश्किलों के बीच श्रीलंकाई टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए अपने देशवासियों को खुश होने का मौका दिया है. उनके प्रदर्शन की तारीफ होनी चाहिए. वहीं, भारतीय टीम को अपनी गलतियों से सीख लेनी चाहिए.
2. भारतीय टीम में सुधार की जरुरत
भारतीय टीम ने टूर्नामेंट की शुरुआत तो शानदार की थी, लेकिन अब अंत खराब होता दिख रहा है. इसका एक सबसे आम कारण यह है कि बेहतर विकल्प होने के बावजूद कोच और कप्तान खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मौका देते रहे.
3. केएल राहुल और ऋषभ पंत ने किया निराश
केएल राहुल एशिया कप 2022 में अब तक पूरी तरह से फ्लॉप रहे. चोट से वापसी के बाद से उन्होंने अब तक एक भी प्रभावशाली पारी नहीं खेली है.
राहुल ने एशिया कप 2022 के चार मैचों में 104.47 की निराशाजनक स्ट्राइक रेट से सिर्फ 70 रन बनाए हैं. श्रीलंका के खिलाफ मैच में उन्होंने 7 गेंदों में 6 रन बनाए.
वहीं विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का बल्ला भी खामोश रहा. पंत ने इस टूर्नामेंट में अब तक तीन मैचों की दो पारियों में 15.50 की औसत से सिर्फ 31 रन बनाए हैं. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट भी काफी औसत दर्जे का रहा है. पंत के लगातार फ्लॉप होने के बावजूद दिनेश कार्तिक को मौका नहीं दिया जाना टीम के चयन पर कई सवाल खड़े करता है.
बता दें कि पहले दो मैच में कार्तिक को मौका दिया गया था. जिसमें उन्हें बस एक बार बल्लेबाजी करने का मौका मिला. जहां, उन्होंने एक गेंद में नाबाद एक रन बनाए थे.
4. तेज गेंदबाजी 'धीमी'
श्रीलंका को इस मैच जीतने के लिए आखिरी दो ओवेरों में 21 रन चाहिए थे. कप्तान ने एक बार फिर 19वें ओवर के लिए भुवनेश्वर कुमार का रुख किया और भुवि ने एक बार फिर निराश किया. भुवि ने मैच के सबसे महत्वपूर्ण ओवर में 14 रन लुटा दिए. जहां से मैच श्रीलंका की झोली में जा चुका था.
यह कहना गलत नहीं होगा कि भुवनेश्वर कुमार अपनी पहले वाली लय नहीं पकड़ पा रहे हैं. आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं, पाकिस्तान के खिलाफ पहला मैच छोड़ दें तो भुवि ने तीन मैच में सिर्फ दो विकेट चटकाए हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)