ऑस्ट्रेलिया और भारत (IND vs AUS) के बीच टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले यानी इंदौर टेस्ट की पिच (Indore Pitch Controversy) पर कई विदेशी खिलाड़ी सवाल उठा रहे हैं. इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेले जा रहे इस मैच की पिच पर ज्यादा टर्न और स्पिनर्स का मैच में हावी हो जाना कई पूर्व खिलाड़ियों को नागवार गुजर रहा है.
उनका मानना है कि ये टेस्ट क्रिकेट के स्तर की पिच नहीं है. इससे पहले दिल्ली और नागपुर टेस्ट की पिच को लेकर भी भारत की आलोचना हो चुकी है.
सवाल उठा रहे हैं कई खिलाड़ी
स्काय स्पोर्टस रेडियो पर बातचीत में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा कि "इस पिच पर सिर्फ पफ और डस्ट है जिसका स्पिनर्स फायदा उठा रहे हैं और यह दिन-व-दिन बदतर होती जा रही है. पहले ही दिन तीसरे दिन जैसा लग रहा है." चेतेश्वर पुजारा ने भी मैच के दूसरे दिन माना कि ये पिच बल्लेबाजी के लिए काफी मुश्किल है.
भारत के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकार ने बीसीसीआई पर सवाल उठाते हुए इस तीन दिवसीय खेल को टेस्ट क्रिकेट में एक मजाक कहा है. वेंगसरकार ने कहा कि
भारत को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से कुछ सीखना चाहिए जहां टेस्ट क्रिकेट देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में आते हैं, लेकिन दुख की बात यह है कि हमारे देश में ऐसा नहीं है.
मार्क वॉ ने फॉक्स क्रिकेट पर कहा कि "ये तबाही है. यह टेस्ट स्तर की पिच नहीं है, ये ठीक नहीं है. गेंद पहले 20 मिनट के अंदर ही इस पिच पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने अच्छे खिलाड़ी हैं, आपको किस्मत का साथ चाहिए."
हरभजन ने भी लाइव कमेंट्री के दौरान कहा कि ये पिच टेस्ट क्रिकेट के लिए ठीक नहीं है. इस तरह से 2 या ढ़ाई दिन में मैच खत्म नहीं होना चाहिए.
मैथ्यू हेडन ने फॅाक्स स्पोर्टस पर बात करते हुए कहा कि यह फर्क नहीं पड़ता की कौन जीतता है, लेकिन टेस्ट मैच में ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिच पहले एक घंटे के खेल में ही ज्यादा पुरानी लगने लगी थी. उन्होंने तीखे अंदाज में कहा कि टेस्ट मैच में इतनी तेजी से भी आगे नहीं बढ़ना चाहिए, और अगर तेजी से बढ़ाना ही है तो उसे चार से पांच दिन के बजाय तीन दिन का टेस्ट घोषित कर देना चाहिए.
स्पिनर्स ले रहे हैं ज्यादातर विकेट
इंदौर टेस्ट में पहले ही दिन से बवाल मचा है. पहली पारी में भारतीय टीम 109 रन पर ही ऑलआउट हो गई थी और हैरानी की बात ये रही कि भारत के सभी 10 विकेट स्पिनर्स ने ही लिए. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में भी 10 में से 7 विकेट स्पिनर्स ने ही लिए. भारत की दूसरी पारी में भी 10 में से 9 विकेट स्पिनर्स के खाते में रहे.
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