ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के साथ लगातार बुरा बर्ताव हो रहा है. मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह पर नस्लीय टिप्पणी का मामला थमा भी नहीं था और फिर से उसी घटना को दोहराया गया है. बताया गया है कि सिराज पर एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों की तरफ से नस्लीय टिप्पणी की गई है. जिसके चलते अब इस मामले ने और ज्यादा तूल पकड़ लिया है. कप्तान विराट कोहली ने भी ट्वीट कर इस मामले को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही आईसीसी ने भी इसकी निंदा की है. इसके अलावा अश्विन ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.
ऑस्ट्रेलिया के साथ तीसरे टेस्ट के दौरान भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद सिराज को परेशान किया गया. जब वो बाउंड्री पर फील्डिंग कर रहे थे तो उन पर कई तरह की टिप्पणियां की गईं. ऐसा ही गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के साथ भी हुआ. इसके बाद इस घटना की चारों तरफ जमकर आलोचना हुई, भारतीय टीम की तरफ से शिकायत भी की गई. लेकिन ठीक एक दिन बाद तीसरे टेस्ट के चौथे दिन भी ऑस्ट्रेलिया के समर्थकों ने यही किया.
कोहली ने कहा- सख्त कार्रवाई हो
इस घटना के बाद भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने भी ट्वीट कर अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
“नस्लीय टिप्पणी किसी भी तरह से स्वीकार नहीं की जा सकती हैं. इससे पहले भी बाउंड्री लाइन पर कई ऐसी शर्मनाक घटनाएं हुई हैं, लेकिन ये उपद्रवी व्यवहार की हद है. मैदान में ऐसा होता देखना काफी दुखद है. इस मामले को तुरंत गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.”
अश्विन ने कहा- सिडनी के लोग काफी अभद्र
कोहली के अलावा भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इस मामले पर कहा कि ये अभद्र व्यवहार पहली बार ऑस्ट्रेलिया के दर्शकों की तरफ से नहीं हुआ है. अश्विन ने कहा कि उन्होंने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में जब भी खेला है तब उन्हें स्टैंड में मौजूद दर्शकों की तरफ से अभद्र व्यवहार का सामना करना पड़ा है, खासकर लोअर टिएर में बैठे दर्शकों की तरफ से. इसी मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है. अश्विन ने कहा,
"ये मेरा ऑस्ट्रेलिया का चौथा दौरा है. खासकर यहां सिडनी में पहले भी हमने काफी कुछ अनुभव किया है. मुझे लगता है कि पहले एक या दो बार खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है (विराट कोहली ने 2012 में एससीजी पर बीच की उंगली दिखाई, जिसके कारण उन्हें मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना देना पड़ा था.) ये खिलाड़ी की गलती नहीं है, यहां दर्शक खराब तरह से बात करते हैं खासकर लोअर टिएर में बैठे लोग. वो लोग काफी अभद्र होते हैं."
भारतीय टीम ने मैच रेफरी डेविड बून से तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद नस्लीय टिप्पणियों को लेकर शिकायत की थी. चौथे दिन मैच अधिकारी और स्टेडियम के अधिकारी चौकन्ने थे. चौथे दिन जब मोहम्मद सिराज ने इस मामले को लेकर एक बार फिर शिकायत दर्ज कराई तो खेल रोक दिया गया और सुरक्षा अधिकारियों ने 6 लोगों को मैदान से बाहर भेज दिया.
खेल में भेदभाव की जगह नहीं- आईसीसी
इस घटना के बाद आईसीसी की तरफ से भी बयान जारी किया गया. आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनु स्वाहने ने कहा, "हमारे खेल में भेदभाव को लेकर कोई जगह नहीं है और हम पूरी तरह से निराश हैं कि दर्शकों की बहुत कम तादाद के लिए यह खराब व्यवहार मानने योग्य है. हमारी भेदभाव को लेकर नीति है जिसे सदस्यों को मानना होता है और यह सुनिश्चित करना होता है कि प्रशंसक भी उसे मानें. मैदान पर मौजूद अधिकारियों और क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) ने जो कदम उठाए हम उससे खुश हैं."
उन्होंने कहा, "हम क्रिकेट आस्ट्रेलिया और संबंधित अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देते हैं. साथ ही हम खेल में हम किसी तरह से नस्लवाद की बर्दाश्त नहीं करेंगे." साथ ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और इसमें वो भारतीय टीम का पूरा सहयोग करेंगे.
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