ऑस्ट्रेलियाई दौर पर गई भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच आखिरकार ड्रॉ करा ही लिया. लेकिन मैच को ड्रॉ कराने के पीछे हीरो बने चोटिल ऋषभ पंत, हनुमा विहारी और स्पिनर रविचंद्रन अश्विन. ऋषभ पंत को विकेट कीपिंग के दौरान कोहनी में गेंद लग गई थी जिसके बाद वो चोटिल हो गए थे. लेकिन वो जब क्रीज पर आए तो उन्होंने पुजारा के साथ मिलकर 97 रनों की आक्रामक पारी खेली. एक वक्त ऐसा लगने लगा कि मानो अब टीम इंडिया मैच जीत लेगी. लेकिन इसके बाद पंत और फिर पुजारा दोनों आउट हो गए और इस वक्त तक भारत के 5 विकेट गिर चुके थे.
हनुमा विहारी भी चोटिल हो गए
जब हनुमा विहारी खेलने आए तब वो फिट थे लेकिन रन दौड़ने के दौरान उनकी मांसपेशियों में खिंचाव आ गया और इसके बाद वो रन नहीं दौड़ सकते थे. अब भारत के पास कोई सेट बल्लेबाज नहीं था जो रन बना सके. वहीं क्रीज पर मौजूद हनुमा विहारी चोटिल थे और दूसरे छोर पर खेल रहे अश्विन स्पिनर थे. लेकिन फिर दोनों प्लेयर्स टीम की खातिर क्रीज पर जमे रहे और ऑस्ट्रेलियाई तेज तर्रार गेंदबाजों का सामना करते रहे.
6वें विकेट के लिए स्थिर साझेदारी
आर अश्विन और हनुमा विहारी ने मिलकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की करीब 250 से ज्यादा गेंदें खेलीं और टेस्ट मैच ड्रॉ कराने के लिए भारत को जरूरी साझेदारी दी. एक छोर पर अश्विन तो दूसरे छोर पर हनुमा विहारी जमे रहे. अश्विन ने कोशिश की कि ज्यादातर स्पिनर्स को खेला जाए तो वहीं हनुमा विहारी की कोशिश रही कि तेज गेंदबाजों को खेला जाए.
सधी हुई बल्लेबाजी, धैर्य का प्रदर्शन
दोनों बल्लेबाजों ने एकदम सधी हुई बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के पसीने छुड़ा दिए. हेडलवुड, पेट कमिंस जैसे धुरंधर गेंदबाज पानी पीते नजर आए. विहारी और अश्विन ने अपने खेल को पूरी तरह से डिफेंसिव मोड में रखा.
शरीर से दूर रहने वाली गेंदों, बाउंसर्स को बिल्कुल नहीं छेड़ा. विकेट की लाइन में आने वाली गेंदों को डिफेंसिव तरीके से खेलने की कोशिश की. दोनों ने रन बनाने की जरा भी कोशिश नहीं की. इसकी साफ वजह थी कि दोनों के बीच रनिंग बिटवीन विकेट संभव ही नहीं थी.
5वें दिन पंत की आक्रामक पारी ने जगाई उम्मीद
चौथे दिन के अंत तक भारत के मैच हारने की उम्मीद ज्यादा की जा रही थी. लेकिन मैच शुरू होने के बाद पुजारा ने स्थिर शुरुआत दी. हालांकि कप्तान रहाने जल्दी आउट हो गए लेकिन इसके बाद विकेटकीपर बल्लेबाज पंत ने विपरीत परिस्थितियों में अच्छी पारी खेलते हुए टीम इंडिया को एक वक्त पर विश्वास दिला दिया कि हम जीत की तरफ बढ़ रहे हैं. पंत ने 118 गेंदों पर 97 रनों की तेज पारी खेली.
5 विकेट गिर जाने के बाद भारत की कोशिश मैच जीतने की नहीं रही थी बल्कि भारत की पूरी कोशिश क्रीज पर वक्त गुजारते हुए मैच ड्रॉ कराने की थी जिसमें टीम इंडिया सफल भी हो गई.
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