भारत और साउथ अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट मैच बुधवार से विशाखापत्तनम के एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में शुरू होगा. तीन टेस्ट मैच की ये फ्रीडम सीरीज आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा है.
इस टेस्ट में भारतीय टीम मैनेजमेंट और फैंस की निगाहें सबसे ज्यादा रोहित शर्मा पर रहेंगी, जो पहली बार टेस्ट मैच में ओपनिंग करने उतरेंगे.
भारत ने पिछले महीने ही वेस्टइंडीज को 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 से हराया था. वहीं साउथ अफ्रीका की टीम पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तहत टेस्ट मैच खेलने उतर रही है. दोनों देशों के बीच तीन मैचों की टी-20 सीरीज 1-1 से बराबर रही थी.
रोहित और साहा पर नजरें
भारत ने इस टेस्ट के लिए अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान मंगलवार 1 अक्टूबर को ही कर दिया. इसमें सबसे बड़ा बदलाव विकेटकीपर को लेकर रहा.
जनवरी 2018 से टीम इंडिया के लिए लगातार विकेटकीपर की जिम्मेदारी निभा रहे युवा ऋषभ पंत को इस टेस्ट के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया है. उनकी जगह अनुभवी ऋद्धिमान साहा की टीम में वापसी हुई है.
साहा ने जनवरी 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ ही अपना आखिरी टेस्ट खेला था, जिसमें लगी चोट के बाद वो टीम से बाहर हो गए थे.
हालांकि इस बीच पंत ने टेस्ट मैचों में कुछ अच्छी पारियां खेलीं, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में खराब प्रदर्शन और वनडे-टी20 में भी निराशाजनक बैटिंग के कारण उन्हें इस टेस्ट से बाहर कर दिया गया है.
ऐसे में इसी महीने 35 साल के होने वाले साहा पर सबकी निगाहें रहेंगी.
वहीं वनडे-टी20 में टीम के उप-कप्तान और ओपनर रोहित शर्मा पहली बार टेस्ट मैच में भी ओपनिंग करते दिखेंगे. रोहित अभी तक टेस्ट में मिडिल ऑर्डर में ही खेलते आए हैं लेकिन लोकेश राहुल की खराब फॉर्म के कारण उन्हें टेस्ट में पारी की शुरुआत करने का मौका मिल रहा है.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अभ्यास मैच में रोहित हालांकि सिर्फ दो गेंदों पर बिना कोई रन बनाए आउट हो गए थे. इस शुरुआत के बाद रोहित के ऊपर अपने आप को साबित करने का दबाव बढ़ गया है.
इस सीरीज में किया गया प्रदर्शन ही रोहित शर्मा के टेस्ट करियर के अगले पड़ाव की बुनियाद बनेगा.
मजबूत मिडिल ऑर्डर
भारत बैटिंग लाइन-अप के लिए अच्छी शुरुआत निश्चित तौर पर एक चुनौती है, क्योंकि रोहित पहली बार इस भूमिका में उतर रहे हैं, जबकि मयंक अग्रवाल वेस्टइंडीज के खिलाफ नाकाम रहे थे.
इसके बावजूद भारतीय टीम की बड़ी जिम्मेदारी मजबूत मिडिल ऑर्डर पर रहेगी. कप्तान कोहली और उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे भी फॉर्म में हैं. हां, रहाणे के लिए निरंतरता बनाए रखना चुनौती हो सकता है.
वेस्टइंडीज में नाकाम रहे चेतेश्वर पुजारा से इस सीरीज में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है. भारतीय जमीन पर मैच होने के कारण पुजारा इस चुनौती से पार पा सकते हैं.
निचले क्रम में हनुमा विहारी ने टीम का भार अच्छे से उठा रखा है. वह विंडीज में टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे.
बुमराह नहीं, अश्विन-जडेजा पर दारोमदार
गेंदबाजी में हालांकि भारत के लिए जसप्रीत बुमराह का न होना परेशानी है. वह चोट के कारण बाहर हैं. उनकी अनुपस्थिति में ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी की जिम्मेदारी बढ़ गई है.
कोहली ने रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन की जोड़ी को एक बार फिर अंतिम-11 में मौका दिया है. भारतीय पिचों पर जब भी दोनों स्पिनर एक साथ टीम में रहे हैं, तो विरोधी टीम को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. इन दोनों के अलावा विहारी भी ऑफ स्पिनर हैं.
स्पिन खेलना साउथ अफ्रीका के लिए हमेशा से बड़ी चुनौती रही है. ऐसे में तीन स्पिनरों का सामना अनुभव की कमी वाली साउथ अफ्रीका कैसे करती है यह देखना होगा.
डु प्लेसी-डि कॉक और फिलेंडर-रबाडा पर निर्भर अफ्रीका
साउथ अफ्रीका की बल्लेबाजी कप्तान फाफ डु प्लेसी और क्विंटन डि कॉक पर काफी हद तक निर्भर है. डीन एल्गर, एडिन मार्करम और नए उप-कप्तान टैम्बा बावुमा का योगदान भी अहम होगा.
गेंदबाजी में उसके लिए कगिसो रबाडा सबसे अहम हैं. रबाडा को भारत में खेलने का भी अच्छा अनुभव है. वर्नन फिलेंडर और लुंगी एनगिडी के लिए भारत की परिस्थतियों में गेंदबाजी करना आसान नहीं होगा. स्पिनर केशव महाराज से मेहमान टीम को काफी उम्मीदें होंगी.
भारत और साउथ अफ्रीका की टीमें:
भारत : विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे (उप-कप्तान), रोहित शर्मा, मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, हनुमा विहारी, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी.
साउथ अफ्रीका : फाफ डु प्लेसी (कप्तान), टैम्बा बावुमा (उप-कप्तान), थेयुनिस डे ब्रूयना, क्विंटन डि कॉक (विकेटकीपर), डीन एल्गर, जुबैर हम्जा, केशव महाराज, एडिन मार्करम, सेनुरान मुतुसामी, लुंगी एनगिडी, एनरिक नोर्टजे, वर्नन फिलेंडर, डेन पिएड्ट, कगिसो रबाडा, रुडी सेकेंड.
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