क्रिकेट में टी20 फ्रेचाइजी लीग का चलन बढ़ता ही जा रहा है. आईपीएल (IPL) को अभी दो दशक भी नहीं हुए हैं, लेकिन क्रिकेट खेलने वाले तमाम देशों पर इसका असर पड़ चुका है. आईपीएल के ही तर्ज पर कई देशों ने टी20 फ्रेंचाईजी लीग की शुरुआत की है. जिसमें यूएई और साउथ अफ्रीका दो नए नाम है. आईपीएल का असर इन दोनों लीग पर भी देखने को मिला है.
जनवरी में शुरू हो रहे साउथ अफ्रीका की टी20 लीग में आईपीएल की 6 टीमों ने फ्रेंचाईजी खरीदी है. वहीं, यूएई में शुरू हो रही टी20 लीग में मुंबई इंडियन्स की टीम ने फ्रेंचाईजी खरीदी है.
जिस तरह दुनिया भर की क्रिकेट लीग में आईपीएल की टीमें पैसा लगा रही हैं, इससे आईपीएल के बढ़ते प्रभाव को समझा जा सकता है. हाल ही में एक खबर आई थी कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डेविड वॉर्नर इस सीजन बिग बैश लीग के बदले यूएई में होने वाली लीग में खेल सकते हैं.
गिलक्रिस्ट ने इस चलन को खतरनाक बताया
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने आईपीएल के बढ़ते प्रभाव और वॉर्नर के बीबीएल के बदले यूएई टी20 लीग को ज्यादा तवज्जो देने पर काफी कुछ कहा था. गिलक्रिस्ट ने एक रेडियो शो में कहा था कि
“वह डेविड वॉर्नर को बीबीएल में खेलने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं. मैं इस बात को समझता हूं. केवल वॉर्नर ही नहीं अन्य खिलाड़ी भी इसमें शामिल होंगे. यह आईपीएल फ्रेंचाइजी का वर्ल्ड लेवल पर बढ़ता दबदबा है, जिनके पास कैरेबियाई प्रीमियर लीग में कई टीमों का स्वामित्व है.'
उन्होंने आगे कहा, 'यह थोड़ा खतरनाक चलन है, क्योंकि यह उस स्वामित्व और खिलाड़ियों के स्वामित्व और उनकी प्रतिभा पर एकाधिकार करने से जुड़ा है. यह इससे जुड़ा है कि वे कहां खेल सकते हैं और कहां नहीं खेल सकते हैं.
गावस्कर ने किया पलटवार
एडम गिलक्रिस्ट के इस बयान पर पूर्व भारतीय दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने पलटवार किया है. स्पोर्टस्टार के लिए लिखे कॉलम में गावस्कर ने कहा,
“एक बार फिर ये बातें हो रही हैं कि आईपीएल की वजह से दूसरी टीमों के क्रिकेट कैलेंडर पर असर पड़ रहा है. जैसे ही साउथ अफ्रीका की टी20 लीग और यूएई टी20 लीग की खबर सामने आई, पुराने क्रिकेट पावरहाउसों ने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया.”
उन्होंने आगे कहा, “आप अपने क्रिकेट के हितों को देखिए और हम क्या करते हैं उसमें हस्तक्षेप करने की कोशिश मत करें. हम अपने फायदे के हिसाब से फैसला लेंगे ना कि आप जो कहेंगे वैसा किया जाएगा.”
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)