ADVERTISEMENTREMOVE AD

हर मैच के ₹45 लाख! टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने की BCCI की ऐतिहासिक पहल

BCCI ने एक सीजन में 50% से ज्यादा टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले पुरुष खिलाड़ियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया है

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत (India) ने इंग्लैंड को हराकर 5 मैचों की सीरीज 4-1 से अपने नाम कर ली है. इसी के साथ BCCI ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एक सीजन में 50% से ज्यादा टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले पुरुष खिलाड़ियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया है. वो भी ऐसी वैसी राशि नहीं- हर मैच के 45 लाख तक मिल सकते हैं.

अब तक के नियम के मुताबिक टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को 15 लाख की रकम दी जाती है. लेकिन "टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना"(Test Cricket Incentive Scheme) के तहत अब एक सीजन में 75% से ज्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 45 लाख की अतिरिक्त रकम दी जाएगी. यह योजना साल 2022-23 से लागू की जाएगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

BCCI ने अलग से 40 करोड़ रुपये की राशि की घोषणा की है. BCCI के सचिव जय शाह ने अपने ट्वीट में इस योजना की जानकारी दी है. इसे टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है.

क्या है पूरी योजना?

इस योजना के तहत एक सीजन में 50 फीसदी से ज्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को हर मैच के लिए 30 लाख की अतिरिक्त राशि दी जायेगी. जबकि अगर खिलाड़ी मैच ना खेले यानी प्लेइंग 11 का हिस्सा न हो तो उसे 15 लाख की राशि हर मैच के लिए दी जाएगी.

टेस्ट क्रिकेट के एक सीजन में 75 प्रतिशत से ज्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 45 लाख रुपए हर मैच के लिये दिये जायेंगे. इसके अलावा अगर कोई खिलाड़ी 75% से ज्यादा मैच में सिलेक्शन के लिए तो उपलब्ध रहा लेकिन प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं बन सका तो, उसे हर मैच में 22.5 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि दी जायेगी.

50% से कम टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा. घरेलू क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए BCCI की ये पहल अपने तरह की नई पहल है. यह योजना केवल पुरुष क्रिकेट टीम के लिए लागू हुई है.

BCCI का क्या है मकसद?

BCCI का यह फैसला तब आया है जब पिछले महीने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में शामिल खिलाड़ियों को जय शाह ने चिट्ठी लिख कर कहा था कि घरेलू क्रिकेट मैच भारतीय क्रिकेट की रीढ़ हैं और इसपर IPL को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए.

पिछले महीने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में यह बात साफ कर दी गई थी कि घरेलू क्रिकेट मैच को प्राथमिकता देने वाले खिलाड़ियों को ही कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा बनाया जाए. माना जा रहा है कि ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को इस वजह से ही कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया.

रांची में इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही सीरीज का चौथा मैच जीतने के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान दिये जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि टेस्ट, क्रिकेट का सबसे कठिन प्रारूप है. खिलाड़ियों में इसके लिए भूख की दरकार है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×