भारतीय क्रिकेट के इतिहास में भारत ने कुछ महान कप्तानों को जन्म दिया, जिन्होंने विश्व क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी. मंसूर अली खान पटौदी से लेकर सुनील गावस्कर, कपिल देव फिर मोहम्मद अजहरुद्दीन, सौरव गांगुली, एमएस धोनी और हाल ही में विराट कोहली तक...लिस्ट लंबी है.
इनकी सफलता के अलग-अलग स्तर हो सकते हैंं लेकिन इन सबके अंदर एक बात को समान थी कि हर कोई भारतीय क्रिकेट को टॉप पर देखना चाहता था. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने गांगूली और कोहली की कप्तानी पर बात की है.
विराट, गांगुली की तरह टीम नहीं बना सके- सहवाग
सहवाग ने कहा कि सांख्यिकीय रूप से, कप्तान के रूप में विराट कोहली सर्वश्रेष्ठ में से एक रह सकते हैं, फिर भी वह गांगुली की तरह टीम नहीं बना सके. सहवाग ने स्पोर्ट्स 18 के शो होम ऑफ हीरोज के नए एपिसोड में कहा, "सौरव गांगुली ने एक नई टीम बनाई, नए खिलाड़ियों को लाया और उनके उतार-चढ़ाव के दौरान उनका समर्थन किया. मुझे नहीं लगता है कि कोहली ने अपने कार्यकाल में ऐसा किया है."
गांगुली, जिन्होंने करीब 49 टेस्ट में भारत का नेतृत्व किया, वर्तमान में बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं. 21 जीत, 15 ड्रॉ और 13 हार के साथ उनका जीत प्रतिशत 42.85 था.
सहवाग ने आगे कहा कि कोहली की कप्तानी के दौरान 2-3 साल से लगभग हर टेस्ट के बाद टीम बदलने का चलन था, चाहे वे जीते या हारे. मेरी राय में, नंबर 1 कप्तान वह है जो एक टीम बनाता है और अपने खिलाड़ियों को आत्मविश्वास देता है. उन्होंने (कोहली) कुछ खिलाड़ियों का समर्थन किया, कुछ का नहीं किया.”
गांगूली युवाओं के कप्तान-सहवाग
सहवाग ने कहा, गांगुली को युवाओं के कप्तान के रूप में जाना जाता था. उनके कार्यकाल में जहीर खान, युवराज सिंह, सहवाग, आशीष नेहरा, हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट के स्तंभ बने.
इसका मतलब ये नहीं है कि कोहली की कप्तानी में खिलाड़ियों का विकास नहीं हुआ. मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा और उमेश यादव जैसे गेंदबाजों के साथ कोहली के नेतृत्व में भारत का अब तक का सबसे अच्छा तेज गेंदबाजी आक्रमण था.
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