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IPL 2018: आंधी या बरसात, अपनी पहली टीम का इन्होंने नहीं छोड़ा साथ!

आइए नजर डालते हैं ऐसे ही 5 खिलाड़ियों पर जो जब से इंडियन प्रीमियर लीग में आए, एक ही टीम के होकर रह गए

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7 अप्रैल से आईपीएल 2018 शुरू हो रहा है. सभी टीमें अब बिल्कुल नई नजर आएंगी. 27 और 28 जनवरी को हुई नीलामी में खिलाड़ियों पर करोड़ों रुपए की बारिश हुई. कई खिलाड़ी जो सालों से या यूं कह लें कि शुरू से ही एक टीम का हिस्सा थे वो अब आईपीएल 2018 में एक दम नई जर्सी पहले मैदान पर नजर आएंगे. लेकिन, कुछ ऐसे भी बड़े खिलाड़ी हैं जिन्होंने जब से आईपीएल में कदम रखा है, सिर्फ एक टीम को ही अपनी सेवाएं दी हैं. आइए नजर डालते हैं ऐसे ही 5 खिलाड़ियों पर जो जब से इंडियन प्रीमियर लीग में आए, एक ही टीम के होकर रह गए. हमारी इस लिस्ट में जो खिलाड़ी हैं उन्होंने कम से कम 5 सीजन एक ही टीम के लिए खेले हैं.

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विराट कोहली, रॉयल चैंलेजर्स बैंगलोर

जब से आईपीएल शुरु हुआ है, तब से ही विराट कोहली आरसीबी का हिस्सा हैं. साल 2008 में भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप दिलाने के बाद कोहली को यंग टैलेंट के तौर पर आरसीबी ने अपने साथ रखा था. उस वक्त शायद आरसीबी ने खुद नहीं सोचा होगा कि वो भविष्य के चैंपियन को अपने साथ जोड़ रहे हैं. ड्राफ्ट सिस्टम के तहत विराट को बैंगलोर ने सिर्फ 30 हजार डॉलर में खरीदा यानी आज के हिसाब से करीब 20 लाख रुपए. तब से लेकर अब तक कोहली बैंगलोर के साथ हैं और अब उन्हें बैंगलोर खुद के साथ खेलने के लिए 17 करोड़ रुपए देता है.

जसप्रीत बुमराह, मुंबई इंडियंस

बूम- बूम बुमराह को सबसे पहले मुंबई ने साल 2013 में अपने साथ जोड़ा. उसके बाद साल 2014 में वो फिर से नीलामी में पहुंचे तो दिल्ली और मुंबई के बीच उन्हें लेने के लिए होड़ रही. आखिरी बोली मुंबई ने लगाई और 1 करोड़ 20 लाख में अपने साथ जोड़ा. उसके बाद से वो लगातार मुंबई के लिए ही खेल रहे हैं. इस वक्त विश्व क्रिकेट में बुमराह सबसे उम्दा डेथ ओवर गेंदबाजों में से एक हैं. साल 2018 में मुंबई ने उन्हें 7 करोड़ में रिटेन किया. पिछले 5 सालों से बुमराह मुंबईकर बने हुए हैं और अभी ये सफर और लंबा होगा.

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डेविड मिलर, किंग्स XI पंजाब

किलर-मिलर के नाम से मशहूर डेविड पहली बार साल 2011 में आईपीएल में नजर आए. उस वक्त चोटिल दिमित्री मैस्करेनस की जगह मिलर को पंजाब ने अपने साथ जोड़ा था लेकिन कोई भी मैच नहीं खिलाया. साल 2012 में हुई नीलामी में प्रीति जिंटा की टीम ने उन्हें 1 लाख डॉलर यानी करीब 60 लाख रुपए में रिटेन किया. उसके बाद से मिलर पंजाब की टीम के अहम खिलाड़ी हैं. साल 2013, 2014 और 2015 में मिलर ने कमाल का प्रदर्शन किया. पिछले साल हुए आईपीएल में वो कुछ खास नहीं कर पाए थे लेकिन फिर भी इस बार हुई नीलामी में पंजाब टीम के थिंक टैंक उन्हें अपने साथ जोड़ा. राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल करते हुए पंजाब ने मिलर को 3 करोड़ में खरीदा. पिछले 7 सालों से वो किंग्स XI पंजाब का हिस्सा हैं.

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सुनील नरेन, कोलकाता नाइट राइडर्स

वेस्टइंडीज के इस स्पेशलिस्ट टी20 गेंदबाज को आईपीएल नीलामी 2012 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने करीब 4 करोड़ रुपए में खरीदा. नरेन जैसे ही आईपीएल में आए तो छा गए और केकेआर को 2012 का चैंपियन बना दिया. उसके बाद से लगातार हर साल वो कमाल का प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले साल तो उन्होंने ओपनिंग बल्लेबाजी पर आकर केकेआर के लिए खूब रन भी बनाए. अब तक सुनील नरेन ने आईपीएल में 82 मैचों में 95 विकेट लिए हैं वो भी सिर्फ 21.37 की औसत के साथ. इस साल नीलामी से पहले नरेन को कोलकाता ने सिर्फ 8.5 करोड़ में अपने साथ जोड़ लिया. अगर नरेन नीलामी में जाते तो जरूर सबसे महंगे खिलाड़ी बन सकते थे.

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कायरन पोलार्ड, मुंबई इंडियंस

साल 2010 की नीलामी में वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर कीरॉन पोलार्ड का बेस प्राइज 2 लाख डॉलर था. टीमों के पास सिर्फ 7 लाख 50 हजार डॉलर ही थे. चेन्नई, कोलकाता, बैंगलोर और मुंबई इंडियंस ने कैरेबियाई ऑलराउंडर के लिए बोली लगाई और थोड़ी ही देर में पोलार्ड की बोली 7 लाख 50 हजार डॉलर पर पहुंच गई. अब पोलार्ड को ज्यादा पैसे नहीं मिल सकते थे क्योंकि टीमों के पैसे खत्म हो गए थे और क्योंकि उनकी बोली लग चुकी थी तो वो अनसोल्ड भी नहीं जा सकते थे.

अब टाई-ब्रेकर होने पर ऐसा नियम निकाला गया कि हर एक टीम पोलार्ड के लिए सीक्रेट बोली लगाएगी और जो टीम सबसे ज्यादा बोली लगाएगी पोलार्ड उसे ही मिलेंगे. मुंबई इंडियंस विनर बनी और उसके बाद पोलार्ड के साथ उनका सफर शानदार रहा. पोलार्ड के साथ रहते हुए टीम ने तीन बार आईपीएल खिताब जीता. उस दिन पोलार्ड कितने में बिके थे वो आज तक किसी को नहीं पता. साल 2010 से आज तक ये लाजवाब ऑलराउंडर मुंबई इंडियंस का ही हिस्सा है. पोलार्ड को 2018 नीलामी में मुंबई ने 5.40 करोड़ में राइट टू मैच कार्ड के जरिए अपना बनाया.

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