पोर्ट एलिजाबेथ के सेंट जॉर्जस मैदान पर खेले गए पांचवें वनडे में भारत ने साउथ अफ्रीका को हराया और इतिहास में पहली बार प्रोटियाज धरती पर कोई वनडे सीरीज जीती. पांचवां वनडे 73 रनों से जीतने वाली टीम इंडिया की इस मैदान पर ये पहली जीत थी. ये भारत की लगातार 9वीं द्विपक्षीय वनडे सीरीज जीत है. अब भारत से आगे सिर्फ वेस्टइंडीज है जिन्होंने 1980 से 1988 तक 14 वनडे सीरीज जीती थीं.
इस जीत के साथ ही टीम इंडिया वनडे रैंकिंग में भी पहले स्थान पर पहुंच गई है. आपको बता दें कि आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी टीम इंडिया नंबर-1 टीम है.
पांचवें वनडे में पहली बल्लेबाजी का न्योता मिलने के बाद रोहित शर्मा की सेंचुरी की बदौलत टीम इंडिया ने 274/7 का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया. टीम इंडिया की शुरुआत बेहद अच्छी रही, शिखर धवन ने शुरुआत से ही आक्रामक बल्लेबाजी की. दूसरी तरफ रोहित थोड़ा संभल-संभल कर खेल रहे थे लेकिन एक बार आंखें जम जाने के बाद उन्होंने मैदान के चारों ओर रन बनाए और अपने करियर की 17वीं सेंचुरी ठोक दी.
रोहित ने शुरुआती 15 गेंदों में सिर्फ 1 रन बनाया था. उसके बाद उन्होंने अपने गेयर स्विच किए और गेंद पर जोरदार प्रहार करने लगे. अगले कुछ ओवर में उन्होंने 148.39 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की और एक बार जब उन्होंने 100 का स्ट्राइक रेट हासिल कर लिया तो लंबी पारी खेलने का लक्ष्य बनाया.
रोहित अपनी पारी में कगिसो रबादा के खिलाफ थोड़े असहज दिखाई दिए. इस पूरे दौरे पर 9 में से 6 बार रोहित को रबादा ने आउट किया. रबादा की गेंद पर लॉन्ग ऑन पर लंबा छक्का जड़ने के अलावा ज्यादातर वक्त उन्हें रबादा ने परेशान किया. हालांकि बाकी सभी गेंदबाजों के सामने रोहित ने आसानी से बल्लेबाजी की.
भारत को 274 के स्कोर पर रोकने के बाद भी साउथ अफ्रीका के लिए ये लक्ष्य आसान नहीं होने वाला था. मैच की पहली पारी में ही पिच थोड़ी स्लो नजर आ रही थी और स्पिन गेंदबाजों को मदद कर रही थी.
द. अफ्रीका ने अच्छी शुरुआत की और पहले विकेट के लिए मरक्रम और अमला ने तेज तर्रार 2 रन जोड़े. लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने वापसी करते हुए साउथ अफ्रीका को लगातार तीन बड़े झटके दिए. मरक्रम को बुमराह ने आउट किया तो वहीं ड्यूमिनी और एबी डिविलियर्स को पांड्या ने अपना शिकार बनाया. स्कोर 12.5 ओवर में 65/3 हो गया.
यहां से अमला और पिछले मैच के हीरो रहे डेविड मिलर (36) ने टीम को संभालने की कोशिश की और चौथे विकेट के लिए 62 रन जोड़े, लेकिन युजवेंद्र चहल की फिरकी ने मिलर के विकेट उखाड़ भारत को जरूरी सफलता दिलाई. अमला की संघर्षपूर्ण पारी का अंत पांड्या ने सीधी थ्रो के साथ किया. अमला ने 92 गेंदों की पारी में पांच चौके लगाए. अमला का विकेट 166 के कुल स्कोर पर गिरा. उनके स्थान पर आए आंदिले फेहुलकवायो को कुलदीप ने बोल्ड कर मेजबान टीम को छठा झटका दिया. पिछले मैच में मिलर के साथ मिलकर दक्षिण अफ्रीका को जीत दिलाने वाले हेइनरिक हालांकि एक छोर से रन बना रहे थे. इसी बीच कुलदीप ने कागिसो राबादा (3) को आउट कर मेजबान टीम को सातवां झटका दिया. कुलदीप ने क्लासेन को धोनी के हाथों स्टंप करा उनकी 42 गेंदों में दो छक्के और दो चौकों की मदद से बनाए गए 39 रनों की पारी का अंत किया.
यहां से मेजबानों की हार तय हो गई थी. तबरेज शम्सी को कुलदीप ने खाता भी नहीं खोलने दिया और दक्षिण अफ्रीका को नौवां झटका दिया. युजवेंद्र चहल ने मोर्न मोर्कल (1) को पगबाधा आउट कर अपनी टीम की ऐतिहासिक जीत पर मुहर लगाई. भारत के दोनों स्पिनर्स अब तक 5 मैचों में 30 विकेट ले चुके हैं. इससे पहले भारत की ओर से एक द्विपक्षीय सीरीज में स्पिनर्स द्वारा सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड 27 विकेट का था. 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ हरभजन (12 विकेट), रमेश पवार (7 विकेट), युवराज सिंह (6 विकेट) और वीरेंद्र सहवाग (2 विकेट) ने ये कारनामा किया था.
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