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क्रूज शेफ...अब सड़क पर बेचते हैं बिरयानी, पर हिम्मत नहीं हारी

लॉकडाउन ने छिना क्रूज शेफ का काम, अब लगाते हैं बिरयानी का स्टाल

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COVID-19 ने बहुत लोगों की जिंदगियों को परेशानी में डाल दिया है, कई लोगों की नौकरियां गई, तो कई लोगों की तनख्वाह आधी से भी कम हो गई. COVID-19 का बड़ा असर टूरिज्म इंडस्ट्री पर भी पड़ा, इस इंडस्ट्री से अक्षय प्रवीन पार्कर भी उन लोगों में शामिल थे जिनकी नौकरी इस महामारी की वजह से चली गई. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज इतनी काबिलियत है कि सपने को पूरा कर रहे हैं और बड़े सपने देख भी रहे हैं.

अक्षय की कंपनी ने फरवरी 2020 तक अपना सारा काम रोक दिया था. कई लोगों को कंपनी ने जाने को कहा, बहुत कम स्टाफ और बहुत कम तनख्वाह के साथ काम कर रहे लोगों के साथ-साथ होटल की भी स्थिति ठीक नहीं थी. अक्षय को अपनी योग्यता का आधा भी नहीं नहीं मिला, तब अक्षय ने अपनी '5 सितारा' बिरयानी मुंबई के दादर में सड़क किनारे बेचने का फैसला किया

खुद की शिक्षा का खर्च उठाने के बाद अक्षय के पास इतने पैसा नहीं थे कि वो होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर पाता, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, किसी तरह अक्षय ने होटल ताज में अप्रेंटिसशिप यानी होटल मैनजेमेंट सीखने का रास्ता खोज लिया, ताज में सिखने के साथ-साथ उन्हें 1500 रुपये का स्टाइपेंड भी मिलता था. 

ये उनके लिए एक बड़ा अवसर था कि वो दुनिया के बेहतरीन शेफ्स से सीख रहे थे, उन्होंने उसी कंपनी के लिए 7 साल काम किया लेकिन जून में COVID-19 के कारण उनकी नौकरी चली गई

सितंबर 2020 तक अक्षय की सारी सेविंग खत्म हो चुकी थी, उनके और उनके परिवार के पास जरूरत के सामान के लिए भी पैसे नहीं थे, तब अक्षय की मां ने उन्हें एक नई शुरुआत करने को कहा. उन्होंने सड़क किनारे बियानी के बेचने के लिए 10000 की दुकान में 5 हजार रुपये का निवेश किया. लेकिन कोई ग्राहक नहीं आ रहे थे, न ही प्रचार कर सकते थे और खाना बनाने में बहुत पैसे लग रहे थे, इस स्थिति ने अक्षय को हताश कर दिया

अगर मैं 1 किलो बिरयानी बनाता हूं तो आधी ही बिकती है, मैं सिर्फ 1 या 2 ही प्लेट बेच पाया था, ये देख कर बहुत निराशा होती थी और अपने फैसले पर शक होता था कि क्या कहीं इस कारोबार में पैसे लगाकर कोई गलती तो नहीं की?
अक्षय प्रवीन पार्कर
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अक्षय के दोस्त हर्षदा करन ने कारोबार में उनकी मदद की थी, उन्होंने अक्षय को सुझाव दिया कि वो अपना फेसबुक पर पोस्ट डालें, कुछ लोगों की मदद से उन्होंने 'बिंग मालवानी' नाम से फेसबुक पेज बनाया और कुछ ही घंटे में उनकी कहानी वायरल होने लगी.

आयुष्य तुम्हाला एक संधी देते आता त्या संधीचे कसे सोन्यात रुपांतर करायचे हे तुमच्यावर असते ह्या लॉकडाऊन च्या आधी मुंबईतील...

Posted by Being मालवणी on Tuesday, November 17, 2020
अभी हम सब खुद ही कर रहे हैं, लेकिन हमें और लोगों की जरूरत पड़ेगी क्योंकि डिमांड भी बढ़ रही है, ये ठीक नहीं लगता है जब मैं ग्राहक को कहता हूं कि मेरे पास डिलीवरी बॉय नहीं है, लेकिन मैं उनका बहुत शुक्रगुजार हूं कि वो इतनी दूर तक बिरयानी के लिए आते हैं
अक्षय प्रवीन पार्कर

अक्षय का सपना है कि वो रेस्टोरेंट चैन शुरू करें और अपनी टॉप क्लास बिरयानी सभी को खिला पाएं.

  • वीडियो एडिटर: वीरू कृष्ण मोहन
  • कैमरा: संजॉय देबी/गौतम शर्मा
  • प्रोड्यूसर: दिव्या तलवार

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