जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद 16 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन, रैली के बीच एक अलग तस्वीर देखने को मिली.
'खिदमत फाउंडेशन' इंडिया गेट पर धरना दे रहे छात्रों को बिरयानी और चाय परोसती नजर आई.
क्विंट से बात करते हुए, इस फाउंडेशन के सदस्यों में से एक ने कहा, “मीडिया ने जो धारणा बनाई है कि एक दाढ़ी वाला आदमी, जो कुर्ता पहनता है, वो कुछ और ही है. मैं ये कहना नहीं चाहता लेकिन आप जानते हैं कि मेरा क्या मतलब है. ”
"वे सिर्फ छात्र हैं"
एक अन्य सदस्य ने कहा कि वो इंडिया गेट जाकर मदद इसलिए करना चाहते थे क्योंकि वहां सभी प्रदर्शनकारियों में सिर्फ छात्र शामिल हैं.
“अगर आप आज उनके पक्ष में खड़े हैं, तो कल, जब वे अपनी जिंदगी और कामकाज में व्यस्त हो जाएंगे, तो वे इसे याद रखेंगे और इंसानियत का फर्ज निभाएंगे. ये ऐसी चीज है जिसकी आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है.”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार में शीर्ष पर बैठे लोग इंसानियत को भूल चुके हैं. यही वजह है कि आज लोगों को आगे आना पड़ रहा है और ये करना पड़ रहा है.
एक अन्य सदस्य ने कहा कि फाउंडेशन इस काम के लिए पैसा नहीं लेता है.
“हम ये सब करते हैं क्योंकि अगर हम सिर्फ अपनी जाति या समुदाय के लोगों की मदद या सेवा कर रहे हैं, तो कोई फायदा नहीं है. हमें सभी की मदद करनी चाहिए. हम इंसानियत के लिए ऐसा कर रहे हैं."
जामिया के छात्रों पर पुलिस एक्शन और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हजारों छात्रों ने 16 दिसंबर को सड़कों पर उतरकर विरोध किया और कहा कि इससे भारत की धर्मनिरपेक्ष नींव कमजोर होगी और उसके सामाजिक ताने-बाने को नुकसान होगा.
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