वीडियो एडिटर: संदीप सुमन/आशुतोष भारद्वाज
हरियाणा चुनाव में किसका चलेगा जोर, 'बुजुर्ग' वोटर जाएंगे किस ओर. यही जानने के लिए हरियाणा के 'ताऊ' के साथ फतेहाबाद के एक गांव में क्विंट ने अपनी चुनावी चौपाल लगाई.
“लोकसभा चुनाव के लिए 300 रैलियां अकेले पीएम मोदी ने की, एक रैली में करोड़ों खर्च होते हैं. अब विधानसभा चुनाव में भी पीएम मोदी, अमित शाह, योगी सब रैली करने हरियाणा आ रहे हैं. कोई बताएगा इतनी रैलियों के लिए पैसा कहां से आ रहा है? देश में मंदी है फिर भी चुनाव में खूब पैसे खर्च हो रहे हैं. सरकार चलाने के लिए रिजर्व बैंक से 176 लाख करोड़ लिया गया. पैसा कहां गया देश का.” ये बात धारनिया गांव के 65 साल के बुजुर्ग राम सिंह ने गुस्से भरे लहजे में कहा.
लेकिन राम सिंह के पास में ही बैठे 62 साल के राजकुमार को लगता है कि पीएम मोदी ने और बीजेपी की सरकार ने हरियाणा से भ्रष्टाचार खत्म कर दिया है. राजकुमार ने कहा, “रिश्वतखोरी कम हो गई. अब नौकरी के लिए पैसे नहीं देने पड़ते हैं. रामराज्य आ रहा है.” राजकुमार के साथी की मानें तो उनके बेटे को जॉब लग गई है, इसलिए रामराज्य की बात कर रहे हैं.
पहले के चुनाव में और अब में क्या फर्क है?
जब हमने इन बुजुर्गों से पहले के और अब के चुनाव के फर्क के बारे में पूछा, तो धारनिया के रहने वाले हनुमान ने हुक्का पीते हुए कहा, “EVM पर यकीन नहीं है हमें, बैलेट पेपर में पता चलता था कि किसे वोट कर रहे हैं. अब EVM मशीन में पहले ही सेटिंग हो जाती है. कौन किसे वोट दे रहा है इसपर हमारा यकीन नहीं बन पा रहा है.”
किसानों की क्या है मांग?
गांव के बुजुर्ग किसानों को लगता है कि सरकार ने किसानों को 6 हजार रुपये देने की बात कर अच्छा काम किया है, लेकिन बीज, खाद और बाकी चीजों के दाम बढ़ाकर सही नहीं किया.
बता दें कि हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान है और 24 को नतीजे आएंगे.
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