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हावी होता भीड़तंत्र: पुलिस के हाथ किसने बांधे हैं?

कानपुर में मुस्लिम युवक की पिटाई: अब सवाल पुलिस की इज्जत का भी है

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वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह

वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

ये जो इंडिया है ना...यहां कानपुर का वीडियो जिसने देखा, वो दहल गया. क्विंट हिंदी पर इस वीडियो को देखकर आर्यन नाम के दर्शक ने लिखा- क्यों ऐसे कर रहे हो भाई मैं भी हिन्दू हूं यार श्री राम भगवान का नाम ऐसे लेने को मत कहो प्लीज मुझे देखकर रोना रहा है

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बड़ी तादाद में लोगों ने कानपुर में मुस्लिम शख्स अफसार अहमद को उसकी मासूम बच्ची के सामने ही पीटने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की. लेकिन हम आपका ध्यान नीलूश्वर के कमेंट की तरफ दिलाना चाहते हैं.

''पुलिस के सामने उस मासूम को मार रहे आदमी के लिए पुलिस अन्धी हो गई। ये भारत और भारतीयों का पतन हो रहा है।''

सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन अपने सामने कानून तोड़ रहे लोगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेने वाले पुलिस कर्मियों पर क्या एक्शन हुआ?

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ये सवाल राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने कानपुर पुलिस कमिश्नर को भेजे नोटिस में भी पूछा है. ये एक्शन जरूरी है क्योंकि मामला सिर्फ पीड़ित अफसार अहमद को इंसाफ दिलाने का नहीं है. सवाल यूपी पुलिस की इज्जत और वजूद का बनता जा रहा है.

चंद रोज पहले की बात है. क्रांति सेना के लोगों ने मुजफ्फरनगर के बाजारों में एक चेकिंग अभियान चलाया. उन्होंने चेक किया कि कहीं कोई मुस्लिम शख्स महिलाओं को हरियाली तीज पर मेहंदी तो नहीं लगा रहा. सरे बाजार ये गैरकानूनी अभियान चला और पुलिस रोक नहीं पाई.

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कुछ ही दिन पहले बलिया में एक इंटरफेथ कपल को करणी सेना के लोगों ने अदालत से खींच लिया. वो वहां शादी करने गए थे. भीड़ उसे पुलिस के पास ले गए. रास्ते में पूछा बुर्का क्यों पहनी हो, किस जाति की हो. क्यों उससे शादी करना चाहती , तुम्हारी उम्र कितनी है. फिर ये लोग उसे पुलिस के पास ले जाते हैं. करणी सेना पुलिस के सामने apni मोरल पुलिसिंग karti रही और कानून के रखवाले चुपचाप देखते रहे...

नवंबर 2018 में शामली में पुलिस वैन से खींचकर भीड़ ने एक शख्स की हत्या कर दी. पुलिस एक बार फिर, देखती रही. ये वीडियो सितंबर 2018 का है..मेरठ में विश्व हिंदू परिषद के लोग "'लव जिहाद'' का आरोप लगाकर एक युवक ko बुरी तरह पीट रहे हैं..पुलिस का रवैया देखा जा सकता है.

  • करणी सेना

  • बजरंग दल

  • विश्व हिंदू परिषद

  • क्रांति सेना...

  • दुर्गा वाहिनी

  • हिंदू वाहिनी

अगर कोई कुछ गैरकानूनी कर भी रहा है तो इन लोगों को सड़क पर अदालत लगाने का हक किसने दिया? पैरालल पुलिसिंग की हिम्मत कहां से आई? आखिर यूपी पुलिस के हाथ किसने बांध रखे हैं? पुलिस की कमजोरी ही उसे और कमजोर बना रही है

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दिलीप सिंह बजरंगी 2020 में पुलिस को धमकी दे रहा था कि मुसलमानों की लड़की उठा ले जाएगा. पुलिस ने उस वक्त कुछ नहीं किया, एक साल पहले अगर पुलिस ने एक्शन लिया होता तो दिलीप सिंह खुलेआम फिर से पुलिस को धमकी नहीं देता- लेकिन एक साल बाद भी पुलिस ने कुछ नहीं किया.

ये जो इंडिया है ना...यहां पुलिस का कद किस कदर घट रहा है वो कानपुर के वीडियो में दिखा.

अफसार अहमद को पीटने के आरोप में जब कानपुर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया तो आधी रात को बजरंग दल के कार्यकर्ता डीसीपी कानपुर साउथ रविना त्यागी के दफ्तर पर धरने पर बैठ गए. वहां हनुमान चालीसा करने लगे और वो तीनों वाकई रिहा कर दिये गए गए ! मुस्लिम युवक पर जुल्म ढाते लोग दिन में सोशल मीडिया पर मचे हल्ले के बाद गिरफ्तार तो हुए लेकिन रात के अंधेरे में ही उन्हें थाने से ही जमानत मिल गई

ये जो इंडिया है ना...यहां कानून के रखवाले ही अगर कानून की रक्षा करने से कतराएंगे तो फिर आप, हम, आम आदमी, किसके भरोसे रह जाते हैं?

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