Bihar Poll of Polls: बिहार (Bihar) में इस बार भी चलेगा प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार का जादू या फिर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव करेंगे कमाल? इसका फैसला तो 4 जून को होगा. लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए हैं. अब तक आए एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में NDA को नुकसान और इंडिया गठबंधन को फायदा होता दिख रहा है.
बिहार में किसको कितनी सीटें?
सबसे पहले इस पोल ऑफ पोल्स का लब्बोलुआब जानिए, यानी कि सभी पोल्स के औसत के आधार पर किस गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है. सभी पोल्स के एवरेज निकालने पर NDA को बिहार में 34 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं उसकी प्रतिद्वंद्वी INDIA गठबंधन को सीटें 6 सीट मिलने का अनुमान है.
एग्जिट पोल्स पर एक नजर
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल 2024 के मुताबिक, बिहार में NDA को 29-33 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं इंडिया गठबंधन को 07-10 सीटें मिल सकती है. बीजेपी को 13-15, कांग्रेस को 1-2, जेडीयू को 9-11, आरजेडी को 6-7 और LJP(R) को 5 सीटें मिल सकती है. इसके अलावा 0-2 सीटें अन्य के खाते में जाती दिख रही हैं.
जन की बात एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार में NDA को 32-37 और INDIA को 7-3 सीटें मिलने का अनुमान है. बीजेपी के खाते में 14-17, JDU को 12-14, LJP को 4-5, HAM को 1 सीट मिल सकती है. वहीं RJD प्रदेश में 2-6, कांग्रेस 1-2 सीटें जीत सकती है.
टुडेज चाणक्य के सर्वे के मुताबिक बिहार में NDA को 36 (± 4) सीटें, इंडिया गठबंधन को 4 (± 4) सीटें और अन्य को शून्य (±1) सीटें मिलने का अनुमान है.
ABP-CVoter के एग्जिट पोल के मुताबिक NDA को बिहार में 34 से 38 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं इंडिया को 3 से 5 सीटें मिल रही हैं.
टाइम्स नाउ के एग्जिट पोल के मुताबिक, NDA को 31, इंडिया को 8 और अन्य को 1 सीटें मिलने का अनुमान है.
अब समझिए इन अनुमानों का मतलब क्या है?
एग्जिट पोल नतीजों का निचोड़ है कि बिहार में NDA की सीटें घट तो रही हैं, लेकिन पलड़ा अभी भी भारी है. वहीं इंडिया गठबंधन की सीटों में इजाफा होता दिख रहा है. बता दें कि पिछली बार यूपीए को मात्र 1 सीट मिली थी.
पांच एग्जिट पोल के विश्लेषण के बाद NDA को बिहार में 4-5 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है. वहीं इंडिया गठबंधन को 5-6 सीटों का फायदा हो सकता है.
NDA गठबंधन में जेडीयू को ज्यादा नुकसान का अनुमान है. पिछली बार जेडीयू ने 17 सीटों में से 16 पर जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार उसे औसतन 4-5 सीटों का नुकसान हो सकता है.
एग्जिट पोल्स के अब तक के अनुमानों के मुताबिक, बिहार में बीजेपी की 2-3 सीटें घट सकती हैं.
आरजेडी का इस बार खाता खुलता दिख रहा है. पिछली बार शून्य पर रही पार्टी को इस बार 4-6 सीट मिल सकती है.
9 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को कोई खास फायदा होता नहीं दिख रहा है. पार्टी इस बार 1-2 सीटें ही जीत सकती है.
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति (रामविलास) पार्टी की बात करें तो वो अपनी सीटें बरकरार रखती दिख रही है.
एग्जिट पोल्स के मुताबिक, बिहार में बीजेपी और जेडीयू को जो नुकसान हो रहा है, उसके पीछे एंटी इनकंबेंसी को फैक्टर माना जा सकता है. इसके साथ ही कहा जा सकता है कि प्रदेश में 'डबल इंजन' की सरकार के प्रति लोगों का भरोसा थोड़ा कम हुआ है.
पिछले चुनावों में क्या हुआ था?
2019 लोकसभा चुनाव: NDA ने 53.25 वोट शेयर के साथ प्रदेश की 40 में से 39 सीटों पर कब्जा जमाया था. बीजेपी ने 17 में से 17 सीटों पर जीत हासिल की थी. पार्टी को 23.58% वोट मिले थे. वहीं JDU ने 17 में 16 सीटें जीती थी. उसे 21.8% वोट मिले थे. लोक जनशक्ति पार्टी ने 7.86% वोट शेयर के साथ 6 में से 6 सीटों पर कब्जा जमाया था.
वहीं यूपीए को 40 में से सिर्फ 1 सीट ही मिली थी. गठबंधन का वोट शेयर 30.61% रहा था. कांग्रेस को 7.70% वोट मिले थे और पार्टी ने 9 में से सिर्फ 1 सीट ही जीत पाई थी. वहीं आरजेडी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी का खाता भी नहीं खुला था. हालांकि, पार्टी को 15.36% वोट मिले थे. UPA का हिस्सा रही RLSP, HAM और VIP ने कुल मिलाकर 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन तीनों में से किसी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी.
2014 लोकसभा चुनाव: NDA में BJP, LJP और RLSP थी. NDA ने 38.77% वोट शेयर के साथ 40 में से 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने 30 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 22 पर जीत हासिल की थी. पार्टी को 29.38% वोट मिले थे. LJP ने 6.40% वोट के साथ 7 में से 6 सीटों पर कब्जा जमाया था. वहीं ने अपनी तीनों सीटें जीती थी.
दूसरी तरफ UPA 40 सीटों में से सिर्फ 7 सीटें ही जीत पाई थी. गठबंधन को 29.75% वोट मिले थे. कांग्रेस को 8.42% वोट के साथ 12 में से 2 सीटें मिली थी, जबकि 27 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली आरजेडी 4 सीटें ही जीत पाई थी. पार्टी को 20.13% वोट मिले थे. बिहार में UPA का हिस्सा रही NCP भी 1 सीट जीतने में सफल रही थी.
2014 में नीतीश कुमार की पार्टी ने अकेले लोकसभा चुनाव लोकसभा चुनाव लड़ा था और 38 में से सिर्फ 2 सीटें ही जीत पाई थी. पार्टी को 15.78% वोट मिले थे.
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