वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया, मो. इरशाद आलम
‘मोमो एक कंफर्ट फूड है, हो सकता है कि वो इसे कभी नहीं खा पाए तो, ये मेरे लिए उन्हें मोमो खाने का अनुभव देने का एक मौका है और उन्हें कुछ पल के लिए खुश किया जाए. ऐसा मुझे लगता है.’
ये कहना है MO mosquare के ऑनर जोहेब भूटिया का.
जोहेब दिल्ली के हुमायूंपुर में मोमोज की दुकान लगाते हैं. दिल्ली का ये इलाका पूर्वोत्तर के व्यंजनों के लिए काफी मशहूर है और आकर्षण का केंद्र है. यहां मोमोज के ढेरों स्टॉल लगते हैं. इन्हीं में से एक स्टॉल जोहेब का भी है.
क्विंट से बातचीत में जोहेब बताते हैं कि दिल्ली के हुमायूंपुर में ढेरों मोमोज के स्टॉल हैं और जोहेब भी चाहते थे कि वो प्रामाणिक मोमोज प्लेस खोलें.
हमारा गंगटोक में एक होटल है, जो उनका कहना है कि सिक्किम का पहला होटल है और हमने जो खाना परोसा वो था मोमोज. तो ये मेरे परदादा के समय से है कि हम मोमोज बना रहे हैं और ये सिक्किम में बहुत प्रसिद्ध है. इसलिए मैं दिल्ली में यही करना चाहता था, लोगों को कुछ प्रामाणिक मोमोज खिलाया जाएजोहेब भूटिया
जोहेब बताते हैं कि वो और उनकी मां दिल्ली में स्टॉल खोलना चाहते थे, जो खुलने के ठीक बाद ही लॉकडाउन के कारण बंद हो गया. जोहेब बताते हैं कि उनकी पूरी बिक्री बंद हो गई लेकिन फिर उन्हें एक आइडिया आया-
जैसे ही हमने रेस्तरां खोला और हम डिलीवरी करने लगे, लॉकडाउन हो गया, मैं नहीं चाहता था कि मेरे लोग बेकार बैठे रहें. तभी मुझे मोमोज शेयर करने का आइडिया आया, ईमानदारी से कहूं तो यही एक बात थी, एक बार में मैं सौ मोमोज देना चाहता था.जोहेब भूटिया
जोहेब बताते हैं कि उन्होंने धीरे धीरे मोमोज शेयर का काम शुरू किया और कई भूखे लोगों को वो मोमोज देने लगे. देखते ही देखते ये काम एक मुहिम में बदल गया.
‘मोमोज डिलीवरी बनी कई लोगों के लिए मदद का रास्ता’
जोहेब बताते हैं कि उनकी पूरी टीम मोमोज को बनाने से लेकर उसे डिलीवर करने तक सारा काम बखूबी से करते हैं, साथ ही उनके स्कूल के दोस्त जो अब एक डॉक्टर हैं वो गरीब लोगों को खाना देने उनकी टीम के साथ जाते हैं और जरूरत पड़ने पर कई लोगों का इलाज और दवाएं भी लिखते हैं.
जोहेब बताते हैं कि जबसे वो मोमोज शेयर का काम कर रहे हैं तब से अब तक वो बहुत लम्बा सफ़र तय कर चुके हैं- अब वो एक भी दिन छुट्टी नहीं ले सकते. उनका कहना है कि अगर वो एक भी दिन चूक गए तो कई लोग जो उनके भरोसे हैं वो भूखे प्यासे रहेंगे
यहां लोगों को पानी और भोजन नहीं मिलता है, आप देख सकते हैं कि वे कितने हताश हैं, तो अगर मैं एक दिन भी चूक गया. तो शायद वे प्यासे होंगे या भूखे होंगे. इसलिए, मैं कम से कम हर दिन कुछ न कुछ भेजने की कोशिश करता हूंजोहेब भूटिया
अगर आप जोहेब की मदद करना चाहते हैं, तो आप यहां डोनेट कर सकते हैं:
Zoheb Bhutia
Bank: HDFC
Ac No: 50100221768940
IFSC Code: HDFC0002649
Branch: Stellar IT Park, Noida
Email: zohebbhutia@gmail.com
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