साहित्य अकादमी ने साल 2015 के अकादमी पुरस्कारों की घोषणा करते हुए हिन्दी में रामदरश मिश्र को उनकी कविता संग्रह ‘आग की हंसी’ और तारिक को उनकी समालोचना ‘तसव्वुफ और भक्ति’ के लिए पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की है.
राजस्थानी में जसविंदर सिंह को उनके उपन्यास ‘गवाड’ और पंजाबी में मुध आचार्य ‘आशावादी’ को ‘मात लोक’, मैथिली में मनमोहन झा को उनकी कहानी ‘खिस्सा’ और संस्कृत में रामशंकर अवस्थी को उनके कविता संग्रह ‘वनदेवी’ के लिए पुरस्कार दिया जाएगा.
अंग्रेजी श्रेणी में सायरस मिस्त्री को उनके अंग्रेजी उपन्यास ‘क्रॉनिकल ऑफ कॉर्प्स बेयरर’ के लिए साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया गया है. वहीं मलयाली भाषा के साहित्यकार के आर मीरा को उनके मलयाली उपन्यास ‘आराचार’ के लिए पुरस्कार दिया जाएगा.
साहित्य अकादमी की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस साल 4 उपन्यास, 6 कहानी संग्रह, 6 कविता संग्रह, दो निबंध संग्रह, दो नाटक, दो समालोचना और एक संस्मरण के लिए पुरस्कारों की घोषणा की गई है. वहीं बंगाली भाषा के अवॉर्डों की घोषणा बाद में की जाएगी.
अकादमी द्वारा दिया जाने वाला भाषा सम्मान साल 2014 के लिए श्रीकांत बाहुलकर को दिया जाएगा.
23 भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले विशिष्ट ज्यूरी मेंबर्स ने इन अवॉर्ड्स की सिफारिश की. अकादमी के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अगुआई में गुरुवार को बैठक की गई जिसके बाद इन सिफारिशों को मंजूरी दी गई.के. श्रीनिवासन राव, सचिव, साहित्य अकादमी
पुरस्कार जीतने वाले साहित्यकारों को अगले साल 16 फरवरी को सम्मानित किया जाएगा.
इन अवॉर्ड्स का ऐलान ऐसे वक्त में किया गया है जब 39 साहित्यकारों ने देश में कथित तौर पर बढ़ती असहिष्णुता और साहित्य अकादमी के बोर्ड सदस्य एम एम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में अपने अवॉर्ड वापस कर दिए थे.
हमें 35 लेखकों की ओर से चेक मिले हैं, लेकिन अकादमी ने उन चेकों को डिपॉजिट न करने का फैसला किया है. अकादमी ने लौटाए गए अवॉर्ड्स को वापस न लेने का फैसला किया है.के. श्रीनिवासन राव, सचिव, साहित्य अकादमी
अकादमी की ओर से कहा गया है कि पुरस्कार विजेताओं को अकादमी अपने परिवार के सदस्यों की तरह मानती है और संस्था ने पुरस्कार वापस न लेने का फैसला किया है.
युवा पुरस्कार सम्मान प्राप्त अमन सेठी ने अकादमी के कार्यालय में चेक वापस करने के संबंध में संपर्क किया था, लेकिन अकादमी ने इसे स्वीकार नहीं किया है.के. श्रीनिवासन राव, सचिव, साहित्य अकादमी
अन्य चार साहित्यकारों के विषय में अकादमी की ओर से कहा गया है कि बंगाली साहित्य पुरस्कार विजेता मंदक्रांत सेन ने पुरस्कार के पैसे वापस करने के लिए अपने खाते के विवरण के साथ संपर्क किया था, लेकिन अकादमी ने पुरस्कार वापस न लेने का फैसला किया है.
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