मृत आर्टिस्ट हेमा उपाध्याय के परिवार को पक्का यकीन है कि डबल मर्डर की साजिश हेमा के पति चिंतन उपाध्याय के इशारे पर रची गई थी. परिवार के मुताबिक इस हत्या का मकसद हेमा से पीछा छुड़ाना था और हेमा के वकील हरीश भंबानी को इसलिए मारा गया क्योंकि वह आरोपी विद्याधर राजभर के वेयरहाउस पर हेमा के साथ चले गए थे.
हेमा के परिवार के मुताबिक, चिंतन लगभग एक दशक से हेमा को मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहा था, लेकिन किसी को भी अंदाजा नहीं था कि वह ऐसा भयानक कदम भी उठा सकता है.
हेमा के चचेरे भाई दीपक प्रसाद ने द क्विंट को बताया,
यह एक शीत युद्ध की तरह था. 2006 में जबसे वे जुहू वाले घर में गए थे, तबसे हेमा को प्रताड़ित किया जा रहा था. चिंतन उसे दुखी करने का कोई मौका नहीं छोड़ता था. उसने हेमा को तलाक का नोटिस शादी की सालगिरह के दिन दिया था. जब वह उस सुबह उठी थी तो उसने कागजातों को अपने डाइनिंग टेबल पर पाया था. वह लगातार रोती रही. उसने मुझसे कहा था, ‘यह हमारी सालगिरह का सबसे अच्छा तोहफा है जो वह मुझे दे सकता था.’दीपक प्रसाद, हेमा का चचेरा भाई
प्रसाद ने कहा कि चिंतन अपने कॉमन फ्रेंड्स के बीच हेमा के बारे में बुरा-भला कहता था. बदले में वे दोस्त हेमा को ताना मारते थे. हेमा ने धीरे-धीरे उन सभी लोगों से दूरी बना ली थी जो उन दोनों को जानते थे.
दो या तीन मौकों पर, जब उन्होंने बुरी तरह लड़ाई की थी, चिंतन ने हेमा को जुहू वाले घर से बाहर निकाल दिया था. हेमा को चिंतन के बारे में मालूम था, इसीलिए उसने अपने बोरिवली वाले उस घर का किराया देना जारी रखा था, जहां वे दोनों जुहू जाने से पहले रहते थे.
जब भी चिंतन हेमा को जुहू वाले घर से बाहर निकाल देता था, हेमा बोरिवली वाले घर में आकर रहती थी.
उसने हेमा को परेशान करने के लिए तरह-तरह के तरीके आजमाए. हेमा को कोई बच्चा नहीं था, इसलिए मैंने उसे एक पालतू जानवर रखने की सलाह दी थी. वह दो कुत्तों को सड़क से उठाकर घर लाई और उनकी देखभाल करने लगी. चिंतन को पता था कि हेमा उन कुत्तों से कितना प्यार करती थी, इसलिए अदालत की अगली सुनवाई में चिंतन ने अदालत को बताया कि उसे कुत्तों से एलर्जी है और उनकी वजह से उसे परेशानी हो रही है. और हर बार वह ऐसी चीजें किसी खास दिन करता था, कभी उसके बर्थडे पर, कभी सालगिरह पर, कभी किसी बड़े एग्जिबिशन के मौके पर तो एक बार यूरोप में एक शो के दौरान. वह हेमा को परेशान करना चाहता था.दीपक प्रसाद, हेमा का चचेरा भाई
चिंतन की वकील मृणालिनी देशमुख ने जांच जारी रहने का हवाला देकर इस मसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने यह भी साफ किया कि वह परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों को समझ सकती हैं लेकिन चिंतन पर हत्या का आरोप लगाना गलत है. देशमुख ने कहा,
मैं फिलहाल सिर्फ इतना कह सकती हूं कि जांच जारी है. पुलिस मामले की तह में जाने की और यह पता लगाने की पूरी कोशिश कर रही है कि यह सब किसने और क्यों किया.मृणालिनी देशमुख, चिंतन की वकील
‘हत्या की साजिश रची गई’
प्रेस रिपोर्ट्स और पुलिस के दावों को कि हेमा और उसके वकील की हत्या अचानक हुए विवाद का नतीजा थी, को आड़े हाथों लेते हुए दीपक प्रसाद ने कहा कि सबकुछ सुनियोजित था.
उन्होंने कहा कि हेमा पर मुख्य आरोपी प्रसाद का कोई पैसा बकाया नहीं था, जबकि मीडिया में हत्या के मकसद के तौर पर यही बात प्रचारित की जा रही है. दीपक के मुताबिक हेमा ने विद्याधर को उसके बीमार पिता के इलाज के लिए कुछ पैसे उधार दिए थे और उसने पिछले कुछ सालों से उसके साथ काम भी नहीं किया था.
प्रसाद ने कहा, ‘जब उसकी हत्या हुई, विद्याधर ने उससे फोन पर बताया कि वह एक ऐसे आदमी के साथ है, जिसके पास चिंतन के खिलाफ कुछ खबर है.
जब हेमा ने उससे पूछा कि वह ये सारी बातें उससे क्यों बताना चाहता है जबकि वह उसके पूर्व पति चिंतन के ज्यादा करीब है, तो उसने कहा कि उसे पैसों की जरूरत है. उसने हेमा से जोर देकर कहा कि वह उससे अकेले में मिले, लेकिन हेमा ने यह साफ किया कि वह अपने वकील को साथ लेकर ही मिलेगी.
यही वजह रही कि हेमा के साथ उसके वकील भंबानी, जोकि उसके लिए पिता समान थे, की भी हत्या हो गई.’
उन्होंने आगे कहा,
यह बात यकीन करने लायक ही नहीं है कि हेमा का कत्ल सिर्फ 5 लाख रुपयों के लिए कर दिया गया. वह चार अंगूठियां पहना करती थी जिनकी कीमत 15 लाख रुपये थी. यदि यह पैसे का ही मामला होता तो वह दो अंगूठियां उसके मुंह पर मारती और चलती बनती. यह सब कुछ पहले से तय था और सारी साजिश चिंतन ने रची थी.दीपक प्रसाद, हेमा का चचेरा भाई
प्रसाद ने यह भी कहा कि जब उन्हें पता चला कि हेमा लापता है, तो उन्होंने अपने परिवार से तुरंत चिंतन से संपर्क करने के लिए कहा, क्योंकि हेमा का फोन स्विच ऑफ था.
प्रसाद ने डरते-डरते अपने परिवार से कहा, ‘क्या अब भी आपको पता नहीं चल रहा? वह कभी वापस नहीं आएगी. उसको कॉल करो.
यह सब उसी ने किया है.’ लेकिन जब उन्होंने चिंतन को फोन किया, तो उसने कहा कि हेमा किसी दोस्त के घर गई होगी.
हत्या के एक दिन पहले चिंतन ने अपने फेसबुक पर ‘अलविदा’ गाना अपलोड किया था. जब वह पिछली बार मुंबई में था तो जुहू के घर से जाने से पहले ही उसने हेमा को ‘बाय’ कह दिया था. उसने ऐसा पहले कभी नहीं किया था. उसे सबकुछ मालूम था, क्योंकि यह सब उसी का प्लान था. उसने मुझसे कहा था कि वह हेमा से अलग होने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, पर हमें यह बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वह ऐसा करेगा. हम ऐसा सोच भी कैसे सकते थे? वह एक स्थापित कलाकार है, एक पब्लिक फीगर है.दीपक प्रसाद, हेमा उपाध्याय के चचेरे भाई
प्रसाद ने कहा कि उन्होंने आखिरी बार हेमा से इसी दिवाली पर बात की थी. हेमा उस समय काफी खुश थी क्योंकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने चिंतन को इस कपल के जुहू वाले घर के मेंटेनेंस की खातिर पैसे देने का आदेश दिया था.
प्रसाद ने बताया कि इस आदेश के पहले चिंतन ने खर्चे के लिए एक भी पैसा नहीं दिया था. उसने कोर्ट को बताया था कि उसके पास पैसे नहीं थे, जबकि उसने हाल ही में बड़ौदा में एक फ्लैट बेचा था.
वहीं चिंतन की वकील मृणालिनी देशमुख का कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि सच्चाई की जीत होगी.
“इस समय कुछ भी कहने से निश्चित तौर पर जांच प्रभावित होगी. एक वकील के तौर पर व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि सच्चाई सामने आएगी. अंदाजा लगाने के बजाय हमें पुलिस को सच्चाई का पता लगाने के लिए समय देना चाहिए.”
झूठ और असुरक्षा
प्रसाद ने कहा, ‘दोनों के रिश्ते में परेशानियां बढ़ने की कई वजहें थीं. मैं हेमा के लिए कह सकता हूं कि वह बुरी तरह से डरी हुई थी. जब भी वह कमरे में आता था तो वह डर जाती थी. उसे और ज्यादा परेशानी का डर सताता रहता था. वह उससे जलता था. वह जानता था कि दुनियाभर में हेमा का नाम ज्यादा है, वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्बर है और उसे कभी उसकी मदद की जरूरत नहीं पड़ी.’
उन्होंने आगे बताया,’हेमा ने एक बार चिंतन के साथ एक प्रॉजेक्ट के कॉन्सेप्ट पर बात की थी, उसने वह आइडिया चुराकर उसपर अपना काम कर लिया. एक और मौके पर दोनों में तगड़ी लड़ाई हुई थी जब हेमा ने उसके एक शो को होस्ट करने के लिए अपने इंटरनेशनल क्यूरेटर को राजी करने से इनकार कर दिया था.’
उन्होंने बताया, ‘चिंतन एक दोहरे चरित्र वाला इंसान है. मैं उसे लंबे समय से जानता हूं, वह हमेशा से ऐसा ही है.’
‘क्या आपने उसे अंतिम संस्कार के वक्त रोते हुए देखा? उसकी आंखों में आंसू नहीं थे, सिर्फ आवाज थी.
हम जानते हैं कि हत्या के पीछे उसी का हाथ है, हमें पक्का यकीन है. हमें मुंबई पुलिस पर भरोसा है, उन्होंने एक हफ्ते के अंदर चार लोगों को गिरफ्तार किया है, और हमें यह भी मालूम है कि वे चिंतन को भी गिरफ्तार करेंगे.
लेकिन यदि वे ऐसा नहीं करेंगे, तो हम कोर्ट जाएंगे, सीबीआई तक जाएंगे. हम हेमा और भंबानी को न्याय दिलाने के लिए सब कुछ करेंगे.’
तलाक के सैकड़ों हजारों मामले सामने आते हैं, और यह उन दो लोगों के बीच होता है जो एक साथ नहीं रहना चाहते. इसका मतलब यह नहीं कि लोग ऐसा काम करना चाहते हैं. मेरी संवेदनाएं पूरी तरह से हेमा के परिवार के साथ है क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी या अपने किसी करीबी को खोया है, लेकिन इस तरह की बातें करना मेरे ख्याल से सही नहीं है.मृणालिनी देशमुख, चिंतन उपाध्याय की वकील
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