सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश में नबाम तुकी सरकार को बहाल करने का आदेश दिया है. इस तरह प्रदेश में लंबे समय से जारी राष्ट्रपति शासन हटना तय हो गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश में राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियों के मामले की सुनवाई करते राज्यपाल के सभी आदेशों को निरस्त कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर, 2015 के बाद गवर्नर द्वारा लिए गए सभी फैसले रद्द करने का आदेश देते हुए राज्य में 15 दिसंबर से पहले की स्थिति बहाल करने का आदेश दिया है.
क्या है मामला?
पिछले साल दिसंबर में मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने अपने वित्तमंत्री कालिखो पुल को रिश्वत लेने के आरोप में पद से हटा दिया था. 2014 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 60 में से 42 सीटें मिली थीं, जिससे तुकी ने आसानी से सरकार बना ली थी. लेकिन तुकी के साथ 21 विधायक बागी हो गए.
इन 21 विद्रोही विधायकों ने विधानसभा की बैठक में बीजेपी के 11 और 2 निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर विधानसभाध्यक्ष नबाम रेबिया के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास कर दिया था. इन घटनाओं को राज्यपाल राजखोवा ने संवैधानिक संकट करार दिया था. इसके बाद 26 जनवरी, 2016 को वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था.
फरवरी में कालिखोपुल के नेतृत्व में नई सरकार का गठन किया गया था, जिसकी वैधता को चुनौती देते हुए नबाम तुकी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.
इस कदम के चलते नरेंद्र मोदी सरकार लंबे समय से विपक्ष के निशाने पर थी.
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