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झारखंड में NDA आगे, लेकिन INDIA भी मुकाबले में बरकरार-Exit Polls की 5 बड़ी बातें

Jharkhand Poll of Polls: 5 में से 3 एग्जिट पोल्स के अनुमान में NDA को झारखंड में बहुमत मिलता दिख रहा है.

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Jharkhand Poll of Polls 2024: झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुआ. प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, AJSU पार्टी प्रमुख सुदेश महतो सहित सभी उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद हो गई है. प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 23 नवंबर को होगा, जब फाइनल नतीजे आएंगे. लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल्स के आंकड़े आ गए हैं.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली NDA गठबंधन प्रदेश में सरकार बनाती दिख रही है. 5 में से 3 एग्जिट पोल्स के अनुमान में NDA को बहुमत मिलता दिख रहा है. जबकि एक्सिस माई इंडिया ने INDIA गठबंधन की जीत की भविष्यवाणी की है. दैनिक भास्कर रिपोर्टर्स पोल में कांटें की टक्कर दिख रही है.

चलिए अब समझने की कोशिश करते हैं कि खनिज समृद्ध और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण झारखंड के एग्जिट पोल्स का निचोड़ क्या है और इससे क्या संकेत मिल रहे हैं. लेकिन उससे पहले आप ये जान लें कि एग्जिट पोल सिर्फ एक अनुमान है. ये पूरी तरह से सटीक या सही नहीं होते हैं.

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1. NDA और INDIA में टक्कर

पीपुल्स पल्स, मैट्रिज और टाइम्स नाऊ-जेवीसी के एग्जिट पोल में NDA गठबंधन को बहुमत मिलता दिख रहा है. पीपुल्स पल्स के मुताबिक, NDA को 44-53 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं इंडिया गठबंध को 24-37 सीटें मिल सकती हैं.

मैट्रिज ने NDA के लिए 42-47 सीटों और टाइम्स नाऊ- जेवीसी ने 40-44 सीटों का अनुमान जताया है. वहीं मैट्रिज और टाइम्स नाऊ-जेवीसी के एग्जिट पोल में INDIA गठबंधन को क्रमश: 25-30 और 30-40 सीटें मिलने की उम्मीद है.

Jharkhand Poll of Polls: 5 में से 3 एग्जिट पोल्स के अनुमान में NDA को झारखंड में बहुमत मिलता दिख रहा है.
एक्सिस माई इंडिया ने झारखंड में INDIA गठबंधन की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनने की भविष्यवाणी की है. आंकड़ों के मुताबिक, INDIA ब्लॉक को 49-59 सीटें मिल सकती हैं, जबकि NDA के खाते में 17-27 सीटें जाने की उम्मीद है.

दैनिक भास्कर के रिपोर्टर्स पोल में किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है. NDA को जहां 37-40 सीटें मिलने की उम्मीद है, वहीं INDIA गठबंधन 36-39 सीटें जीत सकता है. अन्य के खाते में 0-2 सीटें जा सकती है.

2. बीजेपी को गठबंधन का फायदा

2019 विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने वाली बीजेपी ने इस बार गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा. सुदेश महतो को साथ लाकर बीजेपी ने ओबीसी वोटर्स को साधने की कोशिश की तो दूसरी तरफ आदिवासी वोटर्स को साधने के लिए कोल्हान के टाइगर कहे जाने वाले पूर्व CM चंपाई सोरेन को पार्टी में शामिल कराया. इसके बाद कांग्रेस की बड़ी लीडर और पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को अपने साथ जोड़ा.

अगर एग्जिट पोल्स सही साबित होते हैं तो बीजेपी का ये दांव सफल माना जाएगा. बता दें कि AJSU ने 2019 विधानसभा चुनाव में 53 सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, जीत सिर्फ दो सीटों पर मिली थी, लेकिन पार्टी 9 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी.

इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने टिकट बंटवारे में भी ओबीसी वर्ग का खास ध्यान रखा था, पार्टी ने समुदाय के करीब 19 नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है.

दूसरी तरफ INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर मतभेद देखने को मिला. पहले आरजेडी की नाराजगी सामने आई फिर CPI-ML के साथ भी मतदेभ देखने को मिला. कुछ सीटों पर गठबंधन के घटकदलों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे, जिससे वोट बंटने की आशंका बढ़ी है.

3. कोल्हान में सीटें बढ़ने की उम्मीद

झारखंड में 28 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. इनमें से 27 सीटें कोल्हान, संथाल परगना और दक्षिण छोटानागपुर क्षेत्रों में हैं. एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, कोल्हान क्षेत्र में NDA को 14 में से 5 सीटें मिल सकती हैं. यहां 9 सीटें एसटी के लिए रिजर्व हैं.

दूसरी तरफ संथाल परगना और दक्षिण छोटानागपुर में भी बीजेपी अपनी सीटें बरकरार रखती दिख रही है. बता दें कि पिछले चुनाव में बीजेपी सिर्फ दो एसटी सीट ही जीत पाई थी.

4. भ्रष्टाचार और एंटी इनकंबेंसी

चुनाव में बीजेपी ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ जोर-शोर से भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. बता दें कि कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में हेमंत सोरेन को इस साल जेल भी जाना पड़ा था. जून में जमानत मिलने के बाद वे जेल से बाहर आए थे. वहीं झारखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम भी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं.

दूसरी तरफ एंटी इनकंबेंसी फैक्टर से भी बीजेपी को फायदा होता दिख रहा है. प्रदेश में अभी तक हर चुनाव में सत्ता परिवर्तन की परंपरा देखने को मिली है. जनता हर चुनाव में बदलाव के मूड में रहती है, जिसका नुकसान INDIA गठबंधन सरकार को होता दिख रहा है.
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5. हेमंत के इमोशनल कार्ड पर भारी पड़ा बीजेपी का घुसपैठ का मुद्दा

झारखंड में बीजेपी ने बांग्लादेशियों की घुसपैठ का मुद्दा उठाया. प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा सहित प्रमुख नेताओं ने इंडिया गठबंधन पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया. बीजेपी ने राज्य की रोटी-माटी और बेटी को बचाकर झारखंडी अस्मिता को बनाए रखने का वादा किया. ये मुद्दे कितने चले ये तो नतीजों के बाद ही साफ हो पाएगा, लेकिन वोटिंग के बाद आए सर्वेक्षणों में इसकी झलक देखने को मिल रही है.

दूसरी तरफ हेमंत ने इमोशनल कार्ड खेते हुए चुनाव प्रचार के दौरान अपने पांच महीने के कारावास का मुद्दा बार-बार उठाया और खुद को आदिवासियों, गरीबों और दलितों के चैंपियन के रूप में पेश किया. पार्टी ने नारा दिया- जेल का जवाब जीत से...धनुष-बाण किसका? हमारा-हमारा.

अब सबकी निगाहें 23 नवंबर पर टिकी है, जब फाइनल नतीजे आएंगे. देखना होगा की एग्जिट पोल्स कितने सही साबित होते हैं- NDA बहुमत के साथ सरकार बनाती है या फिर INDIA गठबंधन दोबारा सत्ता में काबिज होती है.

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