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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) जब मंगलवार, 1 फरवरी को संसद में अपना चौथा और मोदी सरकार का दसवां केंद्रीय बजट (Union Budget 2022) पेश कर रही थीं तब भारत के टैक्सपेयर्स ने एक उम्मीद पाल रखी थी- सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव कर टैक्स का बोझ कम करेगी. लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी तब फिरा जब वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं करने का प्रस्ताव रखा.
हालांकि दूसरी तरफ युवाओं के बीच तेजी से प्रसिद्ध होते क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल एसेट) पर होने वाली आय पर 30% का भारी-भरकम टैक्स लगाया गया है. इनकम टैक्स से लेकर लॉन्ग टर्म कैपिटल टैक्स तक- केंद्रीय बजट 2022-23 में डायरेक्ट टैक्स पर सरकार ने क्या प्रस्ताव रखा है, डालते हैं उनपर एक नजर.
वेतनभोगी क्लास के लिए निराशा के रूप में केंद्रीय बजट 2022-23 में कोई टैक्स रियायत नहीं दी गई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब या दरों में कोई बदलाव नहीं करने की घोषणा की.
वित्त मंत्री ने बजट 2022 में अपना संशोधित इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने वाले लोगों को राहत दी है. वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि टैक्स फाइलिंग विंडो को किसी खास वित्त-वर्ष से अलगे दो साल तक खुला रखा जायेगा. यानी टैक्सपेयर्स 2 साल बाद भी अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकेंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के बजट में स्टार्टअप्स के लिए टैक्स में मिली छूट को बढ़ाने की घोषणा की है. अब तक 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2021 के बीच शुरू स्टार्टअप इस टैक्स में छूट योजना के लिए पात्र थे. वित्त मंत्री ने पात्रता को 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया है, जो स्टार्टअप्स के लिए एक अतिरिक्त वर्ष है.
बजट 2022 के हाइलाइट्स में एक रहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल/डिजिटल एसेट की आय पर 30% के भारी-भरकम टैक्स की घोषणा की है. प्रस्ताव में एक निश्चित सीमा से ऊपर के भुगतान पर 1 प्रतिशत का टीडीएस भी शामिल होगा. डिजिटल एसेट को गिफ्ट के रूप में पाने पर प्राप्तकर्ता को टैक्स देना होगा.
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि 2023 तक, एक ब्लॉकचेन-आधारित और आरबीआई समर्थित सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पेश की जाएगी.
बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों को लिए एक खुशखबरी है. पहले केंद्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) में डाली गई रकम पर टैक्स छूट की सीमा 14% थी, लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारी को 10% रकम पर ही छूट क्लेम का नियम था. अब बजट के बाद राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए छूट क्लेम की सीमा 14% कर दी गई है.
वर्तमान में लिस्टेड शेयर और इक्विटी फंड पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर 15% टैक्स लगता है, लेकिन अन्य LTCG के लिए कुल आय के आधार पर टैक्स लगाया जाता है. बजट 2022 में वित्त मंत्री ने सभी सभी संपत्तियों के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 15% कैप का प्रस्ताव दिया है.
को-ऑपरेटिव सोसायटी को बजट में राहत दी गई गई. इन पर लगने वाले मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (MAT) को घटाया गया है. पहले ये टैक्स 18% था, जिसे घटाकर 15% कर दिया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि
आम आदमी का सीधा इससे कोई संबंध नहीं है, लेकिन मान लेते हैं किसानों की कोई को-ऑपरेटिव सोसायटी है. सोसाइटी को कुछ फायदा होता है तो उसपर पहले टैक्स 18% लगता था. अब 15% ही लगेगा.
जिन लोगों को कोविड-19 के इलाज पर हुए खर्च के लिए राशि मिली है, उन्हें बजट में राहत प्रदान की गई है. इसी तरह परिवार के सदस्यों को किसी व्यक्ति की मृत्यु पर मिलने वाले मुआवजे के पैसे पर इनकम टैक्स में 10 लाख तक की छूट दी जाएगी.
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80DD के तहत इस टैक्स बेनिफिट को जोड़ने का प्रस्ताव है.
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