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भारतीय जीवन बीमा (LIC) के आईपीओ (IPO) का इंतजार लंबा होता जा रहा है. सरकार ने अभी तक कोई ऑफिसियल तारीख की घोषणा नहीं की है. पहले एलआईसी का आईपीओ मार्च 2022 से पहले ही आने वाला था, लेकिन बाजार की प्रतिकूल स्थिति के कारण सरकार को आईपीओ को टालना पड़ा.
सरकार ने मेगा आईपीओ लाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के साथ 13 फरवरी को ही ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस फाइल कर दिया था. कंपनी को सेबी से इश्यू लाने के लिए मंजूरी भी मिल चुकी है.
LIC IPO Date: एलआईसी के आईपीओ में पहले ही काफी देरी हो चुकी है. सरकार के पास सेबी के पास नए कागजात दाखिल किए बिना एलआईसी आईपीओ लॉन्च करने के लिए 12 मई तक का समय है. सरकार 12 मई तक आईपीओ लॉन्च नहीं कर पाती है तो एलआईसी को दिसंबर तिमाही के रिजल्ट्स देते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे और एम्बेडेड मूल्य को भी अपडेट करना होगा.
वर्तमान DRHP के अनुसार, सरकार LIC में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 63,000 करोड़ रुपये जुटायेगी. इसके लिए सरकार कंपनी के 31.6 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगी.
सूत्रों ने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया कि सरकार आईपीओ के लिए सेबी के पास एक अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेररिंग प्रॉस्पेक्टस (UDRHP) दाखिल कर सकती है.
आईपीओ का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित होगा. साथ ही, इश्यू साइज का अधिकतम 10 प्रतिशत हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा.
सूत्रों ने Mint को बताया कि सरकार LIC के पब्लिक ऑफर में अब 30% कम वैल्यूएशन की मांग कर सकती है.सरकार आईपीओ को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाना चाहती है.
सूत्रों ने कहा है कि सरकार अब आईपीओ में लगभग 11 लाख करोड़ रुपये के वैल्यूएशन मांगने पर विचार कर रही है. इससे पहले सरकार की योजना पब्लिक इश्यू में 16 लाख करोड़ रुपये के वैल्यूएशन की मांग करने की थी.
एलआईसी पब्लिक इश्यू भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा आईपीओ होगा. एक बार सूचीबद्ध होने के बाद, एलआईसी का बाजार मूल्यांकन रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी टॉप कंपनियों के बराबर होगा.
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