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Elon Musk ने फिर ट्विटर को धमकाया, वो डील रद्द करना चाहते हैं या कुछ और है?

Twitter ने अगर स्पैम की संख्या गलत भी बताई है तो Elon Musk के लिए डील रद्द करना कठिन होगा

विराज गौड़
बिजनेस न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>Elon Musk ने फिर ट्विटर को धमकाया  वो डील रद्द करना चाहते हैं या कुछ और है?</p></div>
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Elon Musk ने फिर ट्विटर को धमकाया वो डील रद्द करना चाहते हैं या कुछ और है?

(फोटो- Altered By Quint)

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एलन मस्क (Elon Musk) ने 17 मई को ट्वीट किया-जब तक ट्विटर (Twitter) 5% स्पैम अकाउंट के सबूत नहीं देता, डील आगे नहीं बढ़ सकती. उन्होंने लिखा है कि स्पैम अटाउंट्स की संख्या 5% के दावे से चार गुना या इससे अधिक हो सकती है. ट्विटर ने 5% का सबूत देने से इनकार कर दिया है, जब तक वो सबूत नहीं देते, डील नहीं हो सकती.13 मई को टेस्ला के सीईओ ने ट्वीट किया कि ट्वीटर के साथ उन्होंने 44 बिलियन डॉलर की डील पर ‘अस्थायी रूप रोक’ लगा दी है.

फिलहाल वह कंपनी के इस दावे की जांच कर रहे हैं कि उसके यूजर्स का सिर्फ पांच प्रतिशत स्पैम और फेक एकाउंट्स हैं. इस ट्वीट के बाद ट्विटर की कीमतों में 22 प्रतिशत तक की गिरावट आई. क्योंकि निवेशक इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि क्या यह डील होगी. दो घंटे बाद मस्क ने साफ किया कि इस डील में उनकी दिलचस्पी अब भी है. मस्क के ट्विट्स से निवेशकों पर जो गुजरी हो, वह एक बाध्यकारी करार कर चुके हैं. अगर ज्यादातर शर्तें पूरी की जाती हैं तो उन्हें ट्वीटर को खरीदना ही होगा. वैसे भी ऐसी वजहों से बाध्यकारी करार को कानूनी रूप से ‘होल्ड पर’ नहीं रखा जा सकता.

जैसा कि कॉन्ट्रैक्ट कहता है, "इस करार में विचार किए गए लेन-देन को पूरा करने और प्रभावी बनाने के लिए सभी पक्ष सर्वोत्तम प्रयास करेंगे."

तो मस्क क्या खेल खेल रहे हैं? ऐसी अटकलें हैं कि मस्क सौदे से पीछे हटने या कीमत पर फिर से बातचीत करने के लिए एक पृष्ठभूमि तैयार कर रहे हैं, लेकिन पहले यह जानना जरूरी है कि वह क्या सफाई दे रहे हैं.

  • सवाल ये है कि मस्क डील को लेकर ऐसे ट्वीट क्यों कर रहे हैं?

  • क्या वाकई में स्पैम ज्यादा हुए तो डील रद्द हो सकती है?

  • क्या मस्क डील रद्द करना चाहते हैं

  • क्या मस्क अपने शुरुआती ऑफर से कम रकम चुनाना चाहते हैं.

  • क्या स्पैम को कारण बताकर मस्क डील से निकल सकते हैं?

क्या मस्क डील से बाहर हो सकते हैं?

13 मई को टेस्ला के सीईओ ने ट्वीट किया कि ट्वीटर के साथ उन्होंने 44 बिलियन डॉलर की डील पर ‘अस्थायी रूप रोक’ लगा दी है. फिलहाल वह कंपनी के इस दावे की जांच कर रहे हैं कि उसके यूजर्स का सिर्फ पांच प्रतिशत स्पैम और फेक एकाउंट्स हैं. इस ट्वीट के बाद ट्विटर की कीमतों में 22 प्रतिशत तक की गिरावट आई. क्योंकि निवेशक इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि क्या यह डील होगी. दो घंटे बाद मस्क ने साफ किया कि इस डील में उनकी दिलचस्पी अब भी है. मस्क के ट्विट्स से निवेशकों पर जो गुजरी हो, वह एक बाध्यकारी करार कर चुके हैं. अगर ज्यादातर शर्तें पूरी की जाती हैं तो उन्हें ट्वीटर को खरीदना ही होगा. वैसे भी ऐसी वजहों से बाध्यकारी करार को कानूनी रूप से ‘होल्ड पर’ नहीं रखा जा सकता.

जैसा कि कॉन्ट्रैक्ट कहता है, "इस करार में विचार किए गए लेन-देन को पूरा करने और प्रभावी बनाने के लिए सभी पक्ष सर्वोत्तम प्रयास करेंगे."

तो मस्क क्या खेल, खेल रहे हैं? ऐसी अटकलें हैं कि मस्क सौदे से पीछे हटने या कीमत पर फिर से बातचीत करने के लिए एक पृष्ठभूमि तैयार कर रहे हैं, लेकिन पहले यह जानना जरूरी है कि वह क्या सफाई दे रहे हैं.

सैंपलिंग की प्रक्रिया में खामियां

एलन मस्क ने शनिवार को जो ट्वीट किया, वह ट्वीटर के इस अनुमान पर आधारित था कि 2022 की पहली तिमाही के दौरान ट्वीटर के दैनिक एक्टिव यूर्जर में से फर्जी या स्पैम एकाउंट्स की संख्या पांच प्रतिशत से भी कम थी.

लेकिन मस्क को यह बात पची नहीं. उन्होंने ट्वीट किया कि उन्होंने अभी तक ऐसा कोई विश्लेषण नहीं देखा है जिससे पता चलता हो कि प्लेटफॉर्म में पांच प्रतिशत से भी कम फर्जी एकाउंट्स हैं.

वह सोचते हैं कि "कुछ आशंका है" कि ट्वीटर के दैनिक एक्टिव यूजर्स का 90 प्रतिशत से ज्यादा बोट हैं.

मस्क ने कहा है कि उनकी टीम ऑफिशियल ट्वीटर एकाउंट के "100 फॉलोअर्स के एक रैंडम सैंपल" की जांच करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसका अनुमान सही था या नहीं. उन्होंने दूसरों को न्यौता दिया है कि वे भी "उसी प्रक्रिया को दोहराएं और देखें कि उन्हें क्या मिलता है".

मस्क ने एक और ट्वीट में खुलासा किया है कि उन्होंने 100 का सैंपल साइज चुना है क्योंकि "ट्वीटर इसी तरह से फेक एकाउंट्स को कैलकुलेट करता है".

जबकि ट्विटर ने पुष्टि नहीं की है कि यह बात सच है, मस्क ने कहा है कि कंपनी की लीगल टीम ने उन पर आरोप लगा रही है कि सैंपल साइज का खुलासा करके उन्होंने नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट (एनडीए) का उल्लंघन किया है.

हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि मस्क के काम करने का तरीका ही गलत है.

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कार्ल टी बर्गस्ट्रॉम ने सीएनबीसी को बताया कि किसी एक एकाउंट के 100 फॉलोअर्स की सैंपलिंग को 44 अरब डॉलर के सौदे के लिए "ड्यू डेलिजेंस" नहीं माना जाना चाहिए. ड्यू डेलिजेंस यानी जरूरी कोशिश. यानी इतने बड़े सौदे के संबंध में जो सैंपल साइज चुना गया है, उसे कंपनी की तरफ से जरूरी कोशिश नहीं माना जाएगा.

उन्होंने कहा कि रिसर्च के नियमों के हिसाब से देखें तो यह सैंपल साइज बहुत छोटा है और मस्क का नजरिया पूर्वाग्रह भरा माना जाएगा.

यह मानने का कोई कारण नहीं है कि ऑफिशियल ट्विटर एकाउंट के फॉलोअर्स, इस प्लेटफॉर्म के एकाउंट्स का रिप्रेंजेंटेटिव सैंपल हैं. शायद बोट्स इस एकाउंट को फॉलो न करते हों, ताकि उनका पता न चल जाए. शायद वैध लगने के लिए उनके फॉलो करने की ज्यादा उम्मीद हो. कौन जाने?
कार्ल टी बर्गस्ट्रॉम
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उनका कहना था कि- "मैं बस यह नहीं समझ सका कि मस्क इस मूर्खतापूर्ण सैपलिंग स्कीम के साथ हमारा ट्रोल कर रहे हैं या कुछ और."

रिसर्च फर्म बॉटसेंटिनल के सीईओ क्रिस्टोफर बौजी ने सीएनबीसी से कहा कि उनकी कंपनी के विश्लेषण से पता चलता है कि ट्विटर पर 10 से 15 प्रतिशत खाते अप्रमाणिक हैं. उन्होंने यह भी कहा -

“ट्विटर के अलग-अलग कॉनर्स” में ऐसे एकाउंट्स की संख्या कम-ज्यादा हो सकती है जोकि इस बात पर निर्भर करता है कि किस विषय पर चर्चा की जा रही है- जैसे विवादास्पद विषयों, राजनीति और क्रिप्टोकरंसी जैसे विषयों पर ज्यादा बोट्स मिलते हैं.

फेसबुक के को-फाउंडर डस्टिन मोस्कोविट्ज ने यह भी बताया कि मस्क की पद्धति पूरी तरह से रैंडम भी नहीं है. इसमें छोटा सैंपल लिया गया है और गलती की पूरी गुंजाइश है.

क्या मस्क डील पर फिर से सौदेबाजी करना चाहते हैं?

यह ध्यान देना जरूरी है कि भले ही मस्क साबित कर दें कि ट्विटर गलत तरीके से फर्जी या स्पैम एकाउंट्स का अनुमान लगा रहा था, फिर भी यह सौदा अमान्य नहीं होगा और किसी भी स्थिति में मस्क पीछे नहीं हट सकते.

समझौते में यह लिखा है कि मस्क तभी पीछे हट सकते हैं, अगर ट्विटर की सिक्योरिटीज फाइलिंग गलत हो और उससे कंपनी पर मैटीरियल एडवर्स इफेक्ट (एमएई) पड़ता हो. एमएई परिस्थितियों में उस बदलाव को कहते हैं जो कंपनी की वैल्यू को काफी कम कर देता है.

ब्लूमबर्ग में वकील-पत्रकार वैट लेवाइन ने अपने कॉलम में लिखा है-

यह एक बहुत उच्च मानदंड है: डेलावेयर की अदालतों को कभी कोई एमएई मिला ही नहीं है. यह अनुभवों से साबित हुआ है कि एमएई तब माना जाता है, जब लंबी अवधि में कंपनी की वैल्यू में 40 प्रतिशत की गिरावट हुई हो.

कुछ का मानना है कि मस्क सिर्फ ट्रोल कर रहे होंगे, दूसरे कहते हैं कि मस्क इस बात के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं कि डील पर दोबारा सौदेबाजी की जाए या डील को ही खत्म कर दिया जाए.

"जब तक ट्विटर ने डेटा को गलत तरीके से रिपोर्ट नहीं किया हो, जो एक गंभीर सिक्योरिटी फ्रॉड होगा, इसकी दो वजहें हो सकती हैं- डील पर दोबारा बातचीत करना या डील को खत्म कर देना."

स्टेफानो बोनिनी, स्टीवंस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा.

ट्विटर और एलन मस्क के टेकओवर डील पर दस्तखत करने के बाद, टेक कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त गिरावट आई है. यह डील प्रति शेयर 54.20 डॉलर की है और यह ट्विटर की मार्केट वैल्यू से काफी ज्यादा है, और मस्क अपने ट्विट्स के जरिए इसकी कीमत को कम करने की कोशिश कर रहे हैं.

कुछ को ऐसा भी लगता है कि ट्विटर अदालत में जाने की बजाय कम कीमत पर ही इस डील के लिए तैयार हो जाएगा.

हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने एफटी को बताया, "मेरे ख्याल से मस्क मजबूत स्थिति में हैं."

"बोर्ड जल्दी से सौदे के लिए सहमत हो गया, जब स्थितियां काफी अधिक अनुकूल थीं, और हमें लगता है कि मौजूदा सच्चाई सामने आने पर वह फिर से सही फैसला लेगा."

फाइनांशियल टाइम्स से नाथन एंडरसन ने कहा,

हालांकि ऐसी उम्मीद कम ही है, लेकिन ऐसा हो सकता है कि अदालत ट्विटर के खिलाफ एक मैटीरियल एडवर्स इफेक्ट वाले तर्क को मंजूर कर ले, खास तौर से अगर यह पाया जाता है कि कुछ आंकड़ों को काफी गलत तरीके से रिपोर्ट किया गया है. इससे मस्क इस सौदे को पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं.

तकनीकी रूप से, ट्विटर मस्क से एक बिलियन डॉलर की टर्मिनेशन फीस लेकर डील खत्म करने की इजाजत दे सकता है. लेकिन यह तब मुमकिन होगा, जब बोर्ड एलन मस्क को अदालत में घसीटने के झंझट में न पड़ना चाहे.

(फाइनांशियल टाइम्स, रॉयटर्स और ब्लूमबर्ग के इनपुट्स के साथ)

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