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बिहार के विधानसभा चुनाव के आगाज होने में बस एक हफ्ता रह गया है. पहले चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर, 2020 से होगी. बिहार के 16 जिलों में पहले चरण के चुनाव के लिए 71 सीटों पर वोटिंग होनी है. सभी राजनीतिक पार्टियां पूरी जोर-आजमाइश में लगी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं जिन नेताओं को लोग वोट करने वाले हैं उनमें से कितने दागी हैं, कितने करोड़पति हैं? और इस बार कितनी महिला उम्मीदवार हैं? और किस पार्टी की ज्यादा सीटें दांव पर लगी हैं?
ये कितनी हैरान करने वाली बात है कि बिहार को देश के गरीब राज्यों में शुमार किया जाता है, लेकिन इसी गरीब राज्य से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार करोड़पति भी हैं और वो भी एक या दो नहीं, बल्कि 300 से भी ज्यादा! बिहार के चुनावी मैदान में उतारने वाली हर पार्टी के पास ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है. बता दें कि पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
अगर RJD की बात की जाए तो उसके 41 उम्मीदवारों में से 39 उम्मीदवार ऐसे हैं, जो करोड़पति हैं यानी RJD के कुल 95 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. जबकि JDU के 35 उम्मीदवारों में से करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या 31 है यानी इन करोड़पति उम्मीदवारों का प्रतिशत 89 है.
इस कड़ी में BJP के 29 उम्मीदवारों में से करोड़पति उम्मीदवार 24 हैं यानी 83 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं तो वहीं LJP के 41 उम्मीदवारों में से करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या 30 है यानी 73 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़ों रुपए की संपत्ति मालिक हैं. अगर कांग्रेस की बात की जाए तो उसके 21 उम्मीदवारों में से 14 उम्मीदवार यानी 67 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जबकि BSP के 26 उम्मीदवारों में से 12 करोड़पति उम्मीदवार यानी 46 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.
इन करोड़पति उम्मीदवारों की सूची में सबसे पहला नाम पटना जनपद के मोकामा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे आरजेडी उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह हैं जिनके पास 68 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. JDU की ओर से गया के अतरी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरीं मनोरमा देवी की कुल संपत्ति 53 करोड़ रुपये की है, जबकि इस सूची में औरंगाबाद के कुटुंबा से कांग्रेस के राजेश कुमार की संपत्ति 33 करोड़ रुपये है. इससे पता चलता है कि इन चुनावों में करोड़पति उम्मीदवारों का पूरा दबदबा है.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, इन 1064 उम्मीदवारों में से 328 यानी 31 प्रतिशत ऐसे हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, 244 यानी 23 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही है.
अगर पार्टी वाइज बात की जाए तो RJD के 73 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं तो BJP के आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत 72 है. जबकि 57 प्रतिशत आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों कांग्रेस के हैं और JDU के आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत 43 है तो BSP के भी 31 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं.
RJD के 41 में से 30 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. बीजेपी के 29 में से 21, LJP के 41 में से 24, कांग्रेस के 21 में से 12, JDU के 35 में से 15 और BSP के 26 में से 8 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
इन आंकड़ों को देखकर लगता है कि बिहार के पहले चरण के चुनावों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का बोलबाला है.
जिन 16 जिलों के 71 विधानसभा क्षेत्रों में पहले चरण के चुनाव होने हैं, उनमें से ज्यादातर पर अभी RJD के विधायक हैं. अगर हम पिछले चुनावों यानी 2015 के चुनावों की बात करें तो RJD ने यहां बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था और JDU के साथ मिलकर NDA को पटखनी दी थी.
अगर सीटों पर कब्जे की बात करें तो जहां RJD के पास इन 71 सीटों में से 25 हैं तो वहीं JDU के पास 21 सीटें हैं. जबकि BJP के पास 14 सीटें तो कांग्रेस के पास 8 सीटें हैं. अब देखने वाली बात ये है कि चुनाव में कौन कितनी सीटें अपने पास रख पाता है.
पहले चरण के 1064 उम्मीदवारों में 113 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में शंखनाद करने जा रही हैं यानी इस बार 11 प्रतिशत महिलाएं चुनावी मैदान में हैं. इनमें 80 प्रतिशत महिला उम्मीदवार ऐसी हैं, जो पहली बार चुनाव लड़ रही हैं.
इनमें से कुछ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं तो कुछ को राजनीतिक पार्टियों से टिकट मिला है. JDU और कांग्रेस के अलावा कई अन्य राजनीतिक दलों ने महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है.
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