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गुजरात चुनाव 2022 : ऑटो, मोरबी हादसा, लव जिहाद, औकात जैसे शब्द खूब चल रहे हैं

gujarat election 2022 : चुनावी सभाओं में गूंजे औकात, सद्दाम, श्रद्धा-आफताब जैसे शब्द

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गुजरात चुनाव
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<div class="paragraphs"><p>गुजरात चुनाव 2022</p></div>
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गुजरात चुनाव 2022

(फोटो- Altered By Quint)

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गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 1 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. इसके लिए आज शाम को चुनाव प्रचार थम गए. चुनावी रंग में रंगे गुजरात में ऐसे कई मुद्दे रहे जो छाए रहे. सभी पार्टियों ने एक-दूसरे को घेरा. लंबे समय से सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जहां अपने कामों को गिनवाया, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे विपक्षी दल सरकार की नाकामियों को सबके सामने लाए. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार के चुनाव प्रचार में कौन से शब्द और मुद्दे ज्यादा गूंजे.

मोरबी पुल हादसा

गुजरात के मोरबी जिले में बीते 30 अक्टूबर को मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज टूट गया था. इस हादसे में लगभग 140 लोगों की मौत हो गई. चूंकि यह मामला ताजा है इसलिए इस बार गुजरात चुनाव के दौरान यह मुद्दा और शब्द काफी गूंज रहा है.

बीजेपी सरकार पर विपक्ष द्वारा लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है और पूछा जा रहा कि क्या यह 'एक्ट ऑफ गॉड' या 'एक्ट ऑफ फ्रॉड' है. दरअसल पीएम मोदी ने 2016 में कोलकाता में एक फ्लाईओवर ढहने के कारण कई लोगों के मारे जाने के बाद पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को घेरते हुए पूछा था कि यह 'एक्ट ऑफ गॉड' या 'एक्ट ऑफ फ्रॉड'.

कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने जहां इस मुद्दे को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं वहीं शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है.

गुजरात पहुंचा 'बाबा का बुल्डोजर'

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुजरात के सूरत में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे, उनके साथ गुजरात विधानसभा चुनावों बुलडोजर की भी एंट्री हो गई. यहां चुनाव प्रचार के दौरान यूपी स्टाइल में बुलडोजर दिखा. सूरत के गोडादरा इलाके में सीएम योगी जनसभा संबोधित कर रहे थे, वहां जनसभा से पहले बीजेपी कार्यकर्ता सुबह से ही बुलडोजर लेकर पहुंच गए थे.

श्रद्धा-आफताब मामले के साथ लव जिहाद और कॉमन सिविल कोड

असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा गुजरात और हिमाचल चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं.  गुजरात के कच्छ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर देश में कोई मजबूत नेता नहीं होता, तो आफताब अमीन पूनावाला हर शहर में पैदा होगा और हम अपने समाज की रक्षा नहीं कर पाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि ”आफताब मुंबई से श्रद्धा बहन को ले आया और लव जिहाद के नाम पर उसके 35 टुकड़े कर दिए. और शव को कहां रखा? फ्रिज में. और जब शरीर फ्रिज में था, तब वह दूसरी महिला को घर ले आया और उसके साथ डेटिंग शुरू कर दी. अगर देश के पास एक शक्तिशाली नेता नहीं है, जो देश को अपनी मां मानता है, तो ऐसे आफताब हर शहर में पैदा होंगे और हम अपने समाज की रक्षा नहीं कर पाएंगे.”

गुजरात के धनसुरा में भी एक सभा को संबोधित करते हुए असम के सीएम ने श्रद्धा हत्याकांड का जिक्र किया. उन्होंने दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि देश को 'लव जिहाद' के खिलाफ एक सख्त कानून की जरूरत है.

असम के सीएम ने इस चुनावी सभा में कॉमन सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता पर जोर देते हुए कहा कि 'महिलाओं का सम्मान होना चाहिए. घर में अगर 1 बेटा और 1 बेटी है तो दोनों को एक समान अधिकार मिलना चाहिए. देश में समान नागरिक संहिता चाहिए और ये केवल बीजेपी ला सकती है, कांग्रेस नहीं. एक व्यक्ति देश में 2-3 शादी कर लेता है, आप क्यों करेंगे इतनी शादी. देश में अगर हिंदू एक शादी करता है तो बाकि धर्म के लोगों को भी एक ही शादी करनी पड़ेगी. इसलिए मैं आज ये बोलता हूं कि देश को समान नागरिक संहिता कानून चाहिए.'

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सद्दाम हुसैन

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने अहमदाबाद में एक जनसभा के दौरान कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूर्व इराकी तानाशाह "सद्दाम हुसैन" की तरह दिखते हैं. बेहतर होता कि वह सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू या महात्मा गांधी की तरह अपना रूप बदलते.

औकात

 कुछ दिनों पहले कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि मोदी कभी पटेल (सरदार पटेल) नहीं बन सकते.  मिस्त्री ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए ‘औकात’ शब्द का जिक्र किया था. उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सुरेंद्रनगर रैली में मिस्त्री के बयान पर पलटवार किया. मोदी ने कहा, “वो कहते हैं औकात दिखा देंगे. मैं कहता हूं मेरी कोई औकात नहीं है. हमारी औकात बस सेवा देने की है. वो राज खानदान से हैं और हम सेवादार हैं.” बीजेपी इस बयान को चुनावी मुद्दा बनाने में लगी हुई है.

ऑटो पॉलिटिक्स

आम आदमी पार्टी ने सितंबर में ही ऑटो पॉलिटिक्स का कार्ड खेल दिया था. दिल्ली मॉडल को गुजरात में लाने का दावा करने वाले AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में ऑटो कैंपेन शुरू किया था. उन्होंने तमाम ऑटो ड्राइवरों के साथ संवाद भी स्थापित किया. इस संवाद के दौरान एक ऑटो चालक ने केजरीवाल को अपने घर खाने पर आने का न्योता दिया. उसने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर आपका एक वीडियो देखा था, जिसमें आप पंजाब में एक ऑटो चालक के घर डिनर करने गए थे. क्या आप मेरे घर भी रात के खाने के लिए आएंगे? केजरीवान हां किया और उसके घर भी गए लेकिन रास्ते में बहुत 'ब्रेकर' मिले.

मुद्दे और भी हैं...

पेपर लीक, सरकारी परीक्षा और बेरोजगारी : कई बार प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने की खबरे गुजरात में सामने आई हैं. परीक्षा टलने से युवा प्रभावित हैं. अन्य सरकारी भर्तियों में देरी का मुद्दा भी चुनावी रैलियों में खूब चल रहा है. एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कांग्रेस नेता इंद्रविजय सिंह गोहिल ने कहा कि 2014 से अब तक राज्य में 10 परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं. बार-बार पेपर लीक होने से गुजरात में सरकारी नौकरी पाने के लिए मेहनत कर रहे युवाओं की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं.

इंद्रविजय सिंह गोहिल ने रोजगार के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि गुजरात में 40 लाख युवा बेरोजगार हैं. युवाओं का सिर्फ शोषण होता है. बेरोजगारी के खिलाफ युवा आंदोलन और संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई सुन नहीं रहा.

किसानों का मुद्दा : गुजरात में पिछले दो साल से अत्यधिक बारिश के कारण किसानों की फसल खराब हो गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार की तरफ से मुआवजा नहीं मिलने से किसान आक्रोशित हैं. किसानों ने इसको लेकर आंदोलन भी चलाया. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी लगातार इसके जरिए सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है.

शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली : जहां आम आदमी पार्टी की ओर से कहा जा रहा है कि सत्ता में आने पर वह दिल्ली और पंजाब जैसी मुफ्त बिजली, मोहल्ला क्लीनिक और अच्छे स्कूल देगी. वहीं, कांग्रेस भी अपने घोषणा पत्र में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात कही है. गुजरात में बिजली की दरें देश में सबसे अधिक दरों में से एक है.

महंगाई : कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, दोनों ही दल सत्ताधारी बीजेपी पार्टी को महंगाई के मुद्देे पर घसीट रहे हैं.

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Published: 28 Nov 2022,08:53 AM IST

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