advertisement
पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे (Punjab Assembly Election Result 2022) आ गए हैं और इसमें आम आदमी पार्टी (AAP) ने शानदार जीत दर्ज की है. आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान (Bhagwant Mann) का चेहरा सामने रखकर चुनाव लड़ा और अब वो पंजाब के मुख्यमंत्री (Punjab CM) बनने जा रहे हैं. भगवंत मान ने धुरी विधानसभा (Dhuri Assembly Constituency) से चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीता. भगवंत मान दो बार संगरूर लोकसभा से लगातार दो बार सांसद रहे हैं. हालांकि पहले भी भगवंत मान ने लेहरागागा से पंजाब पीपुल्स पार्टी और जलालाबाद से आप की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वो जीत नहीं सके थे.
अरविंद केजरीवाल के दिल्ली मॉडल और भगवंत मान के चेहरे को लेकर आम आदमी पार्टी पंजाब के चुनाव मैदान में कूदी थी. और भगवंत मान ने नवजोत सिद्धू से लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी को मात देते हुए 70 साल से चला आ रहा सिलसिला तोड़ दिया. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वाली पिक्चर को यहां भी टेलीकास्ट किया जिसमें भले ही मेन हीरो केजरीवाल रहे हों लेकिन भगवंत मान ने भी बड़ी भूमिका निभाई है. उन्होंने गांव-गांव जाकर पैदल प्रचार किया और फ्रंट फुट पर बैटिंग की. 2019 में भगवंत मान आम आदमी पार्टी के इकलौते सांसद थे. उनकी इसी जीत ने आम आदमी पार्टी को उनके नाम पर सहमत होने में मदद की.
एक वक्त था जब भगवंत मान कॉमेडी किया करते थे. इसकी झलक उनके संसद में दिये भाषणों और चुनावी भाषणों में भी झलकती थी. कई बार उनके इस मजाकिया अंदाज की वजह से विरोधी उन्हें नॉन सीरियस नेता भी कहते थे. उन्होंने इस बात का जिक्र आज अपने बयान में भी किया. उन्होंने कहा कि, विरोधी पार्टियों के नेताओं ने अरविंद केजरीवाल और मुझपर निजी टिप्पणी की, ग़लत शब्दों का इस्तेमाल किया. उनकी शब्दावली उन्हें मुबारक हो. उन्हें माफ कर दीजिए लेकिन आगे से सबको पंजाब के पौने तीन करोड़ पंजाबियों की इज्जत करनी पड़ेगी.
भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को पंजाब के संगरूर जिले के सतोज गांव में हुआ था. उन्होंने पंजाब के संगरूर जिले के एस.यू.एस सरकारी कॉलेज से बीकॉम किया. और इंद्रप्रीत कौर से विवाह किया, बाद में साल 2015 में दोनों अलग हो गए, उनके दो बच्चे हैं.
भगवंत मान ने फिल्म ‘कचहरी’ से अपनी फिल्मी पारी की शुरुआत की, उन्होंने 2018 तक 12 से अधिक फिल्में की. भगवंत मान एक जमाने में कपिल शर्मा के साथ कॉमेडी किया करते थे और अब पंजाब के सरदार बन गए हैं.
धुरी विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनावों से कांग्रेस का कब्जा रहा है. 2012 में कांग्रेस के प्रत्याशी ने अकाली दल के उम्मीदवार को हराया था. 2017 में भी कांग्रेस उम्मीदवार दलवीर सिंह गोल्डी जीते थे और इस बार भगवंत मान का मुकाबला उन्हीं से माना जा रहा था. अकाली दल ने यहां प्रकाश चंद गर्ग को सियासी रण में उतारा था.
1957- जसदेव सिंह, कांग्रेस
1962- भान सिंह, सीपीआई
1967- टी सिंह, कांग्रेस
1969- संत सिंह, कांग्रेस
1972- अचरा सिंह, सीपीआई
1980 और 1977- संत सिंह ,अकाली दल
1985- सुरिंदर सिंह, अकाली दल
1992 और 1997- धनवंत सिंह, कांग्रेस
2002- गगनजीत सिंह, अकाली दल
2007- इकबाल सिंह, शिरोमणि अकाली दल
2012- अरविंद खन्ना, कांग्रेस
2015 (उपचुनाव)- गोबिंद सिंह लोंगोवाल, SAD
2017- दरवीर सिंह गोल्डी, कांग्रेस
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)