advertisement
चुनाव नतीजों से ठीक पहले एक बार फिर ईवीएम का जिन्न बाहर आ चुका है. इस बार ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के अलावा ईवीएम स्वैपिंग के आरोप भी लगाए जा रहे हैं. यूपी के चंदौली, गाजीपुर सहित देश के अन्य राज्यों जैसे- बिहार, हरियाणा और पंजाब में ईवीएम टेंपरिंग और स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर ले जाने जैसे आरोप लग रहे हैं. लेकिन आखिर ईवीएम को लेकर नियम क्या कहते हैं? यहां जानिए ईवीएम पर उठने वाले हर सवाल का जवाब.
सोशल मीडिया पर ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम से शिफ्ट करने के कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं. जिनमें दावा किया जा रहा है कि बिना किसी सुरक्षा के ईवीएम से भरी गाड़ी को एक जगह से दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है. विपक्षी दलों के कई नेता भी इन आरोपों के आधार पर चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं.
यूपी के चंदौली में ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर लाने के वीडियो पर चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए कहा, चंदौली में वोटिंग खत्म होने के बाद ईवीएम और वीवीपैट को डबल लॉक स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है. राजनीतिक दलों को स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर निगरानी के लिए टेंट लगाने के लिए अवगत कराया गया था. मतदान के बाद तहसील मुख्यालय में रखी गईं अतिरिक्त ईवीएम और वीवीपैट को चंदौली के दूसरे स्ट्रॉन्ग रूम में शिफ्ट किया गया इसी दौरान कुछ पार्टियों के नेताओं ने शक जाहिर करते हुए विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.
झांसी के जिला चुनाव अधिकारी ने ईवीएम की अदला-बदली के आरोपों पर कहा, आमतौर पर स्ट्रॉन्ग रूम सील होते-होते सुबह हो जाती है. एक अलग से स्ट्रॉन्ग रूम उन ईवीएम के लिए बनाया गया है जिनका इस्तेमाल चुनाव में नहीं हुआ. इसीलिए उन्हें बाकी ईवीएम से अलग रखा गया है. लोगों को इसलिए भ्रम हो गया था क्योंकि स्ट्रॉन्ग रूम सील होने में थोड़ी देर हो गई.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 21 May 2019,02:41 PM IST