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कोरोना वायरस महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के करीब पांच महीने बाद, सरकार ने टीवी और फिल्म इंडस्ट्री को वापस शूटिंग शुरू करने की इजाजत दी. सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने अगस्त में शूटिंग की अनुमति देते हुए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) की लिस्ट जारी की थी, जिसका शूटिंग के दौरान पालन किया जाना अनिवार्य था. शूटिंग शुरू होने के बाद सामने आए शूटिंग के वीडियो में सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन करते भी देखा गया, लेकिन हाल ही में शूट से लोगों के कोविड पॉजिटिव होने की खबरों से ऐसा लग रहा है कि सभी शूट पर सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है.
क्विंट ने जाना कि फिल्म और टीवी शूट के सेट पर क्या होता है? किस तरह से नियमों का पालन किया जाना चाहिए और असल में क्या होता है? बड़े एक्टर के पॉजिटिव आने के बाद फिल्म या शो को तुरंत रोक दिया जाता है, लेकिन तब क्या होता है जब कोई क्रू मेंबर वायरस से संक्रमित पाया जाता है?
एक इनसाइडर ने क्विंट को बताया कि एक पॉपुलर सिंगिंग रियलिटी शो के क्रू के ज्यादातर लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए थे. कुछ को अस्पताल में भर्ती कराने तक की नौबत भी आ गई थी, लेकिन इसके बावजूद शूट शेड्यूल के मुताबिक चलता रहा.
एक डांस रियलिटी शो, जिसका फिनाले हाल ही में टेलिकास्ट हुआ था, के कुछ क्रू मेंबर्स और प्रतिभागियों का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया था. शो की एक पॉपुलर जज भी कोविड पॉजिटिव आईं थीं और इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था.
सेट पर किसी शख्स के कोविड पॉजिटिव आने के बाद पहला कदम क्या उठाया जाता है? सबसे पहले संक्रमित शख्स को तुरंत क्वॉरन्टीन किया जाता है. इसके बाद, उसके संपर्क में आए लोगों का कोविड टेस्ट कराया जाता है.
जहां पहली सावधानी लगभग सभी केसों में बरती जा रही है, दूसरे लोगों के टेस्ट को नजरअंदाज किया जा रहा है. हमारे सूत्रों ने बताया कि कुछ प्रोडक्शन हाउस प्राइमरी कॉन्टैक्ट्स का कोविड टेस्ट पैसों के कारण नहीं करा रहे हैं. वहीं, एक दूसरा कारण ये है कि अगर कई टेस्ट पॉजिटिव आ गए, तो शूटिंग रोकनी पड़ सकती है, जिससे प्रोडक्शन हाउस को नुकसान होगा.
कई शो पर काम कर रहे एक प्रोड्यूसर ने नाम छिपाने की शर्त पर हमें बताया, “प्रोडक्शन हाउस के लिए 100 से ज्यादा कोविड टेस्ट का खर्च उठाना मुमकिन नहीं है. सभी में खुद टेस्ट कराने की जिम्मेदारी होनी चाहिए.”
ये हालात सिर्फ रियलिटी टीवी के सेट पर ही नहीं हैं. क्विंट को मालूम चला है कि टीवी कॉमर्शियल (TVC) के सेट पर भी कहानी कुछ ऐसी ही है. छोटे प्रोडक्शन हाउस ने सेट पर आने से पहले क्रू के लिए कोविड टेस्ट कराना अनिवार्य भी नहीं किया है.
लेकिन अगर क्रू मेंबर में लक्षण नहीं हैं तो? ऐसे में शूट शेड्यूल के मुताबिक चालू रहता है. क्रू मेंबर ने आगे बताया, “जब तक शूट में ए-लिस्टर शामिल नहीं है, तब तक कोई कोविड टेस्ट के लिए पूछता भी नहीं है.”
बड़े प्रोडक्शन हाउस मेडिकल इंश्योरेंस दे रहे हैं, लेकिन क्रू के मुताबिक, इंश्योरेंस पॉलिसी में लिखा है कि कंपनी मरीज का खर्चा तभी उठाएगी अगर वो आईसीयू में भर्ती है तो. इससे पहले के इलाज का खर्च या तो सरकार उठाएगी (अगर आप सरकारी कोविड सेंटर में भर्ती हैं तो) या फिर शख्स को खुद उठाना पड़ेगा.
कुछ समय पहले TVC शूट के लिए एक प्रोडक्शन हाउस के साथ काम करने वाले एक क्रू मेंबर ने बताया कि कोविड खर्च के कारण, प्रोडक्शन हाउस एक्टर्स और क्रू मेंबर्स से ओवरटाइम करा रहे हैं. मतलब ये कि 20-20 घंटे की शिफ्ट कर, पांच दिनों के शूट को अब तीन दिन में निपटाया जा रहा है.
इससे सबसे ज्यादा प्रभाव लेबर क्रू पर पड़ा है, जिन्हें कोविड टेस्ट कराने के लिए पैसे भी नहीं मिल रहे हैं. इसके अलावा, उनके मन में डर है कि टेस्ट नहीं कराने के कारण उनकी नौकरी न चली जाए.
रियलिटी शो पर काम कर रहे एक दूसरे क्रू मेंबर ने बताया, “छोटे कमरों में काम कर रहे एडिटर्स के बारे में कोई नहीं सोचता. लगातार काम कर रहे एडिटर्स को संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है. एडिट रूम्स को न समय-समय पर सैनेटाइज किया जाता है और न ही डिसइंफेक्ट. केवल जब सेलिब्रिटी शामिल होते हैं, तभी जरूरी सावधानी बरती जाती है.”
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते केसों के बीच, टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में सेफ्टी प्रोटोकॉल के उल्लंघन की खबर चिंताजनक है.
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