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Happy International Women's Day!
International Women's Day के दिन महिलाओं के स्वास्थ्य की ओर सबका ध्यान खींचते हुए फिट हिंदी, महिलाओं की 5 स्त्री रोग सम्बंधी समस्याओं के कारण, बचाव और इलाज के बारे में विस्तार से चर्चा करने वाला है.
हम अक्सर देखते हैं, महिलाएं घर-गृहस्थी, बच्चे और ऑफिस के कामों में उलझ कर अपने स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं को कई बार अनदेखा कर देती हैं. जिसकी वजह से ऐसा भी होता है कि समस्याएं बढ़ जाती हैं और समय पर इलाज नहीं कराने का हर्जाना भरना पड़ता है.
इस विषय से जुड़े सवालों के जवाब के लिए फिट हिंदी ने गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की निदेशक और वेल वुमन क्लिनिक की फाउंडर ,डॉ नुपुर गुप्ता से बातचीत की.
डॉ नुपुर गुप्ता के अनुसार ये महिलाओं में 5 सबसे आम समस्या हैं:
डिसमेनोरिया (Dysmenorrhea)
पेल्विक पैन (Pelvic pain)
पीसीओडी (PCOD)
यूटीआई (UTI)
इरेग्युलर या मिस्ड पिरीयड्स (Irregular or missed periods)
आईए अब जानते हैं, एक-एक करके इन सभी समस्याओं के बारे में विस्तार से.
डिसमेनोरिया या मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स पेट के निचले हिस्से में होने वाला तेज दर्द या ऐंठन होता है, जो कई लड़कियों को अपने मेंस्ट्रुअल पीरियड्स से पहले या उसके दौरान अनुभव होता है. हालांकि यह आम है, कुछ लड़कियों को दर्द के कारण केवल असुविधा होती है, जबकि कुछ को मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स के कारण हर महीने कुछ दिनों के लिए दिनचर्या में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
लक्षण
पेट और पेट के निचले हिस्से में ऐंठन और दर्द
पेट में दबाव महसूस होना
दर्द जो पीठ के निचले हिस्से, थाइज और पैरों तक फैलता है
लूज मोशन
उल्टी
सिरदर्द
चक्कर आना
इलाज
डिसमेनोरिया का इलाज संभव है. दर्द की गंभीरता के आधार पर इस समस्या का उपचार किया जाता है. कुछ थेरिपी और दवाओं से महिलाओं में डिसमेनोरिया के असर को कम किया जाता है.
पेट के निचले हिस्से को पेडू या पेल्विस कहा जाता है. महिलाओं में पीरियड्स के दौरान पेडू का दर्द आम बात है. कई बार यह दर्द थोड़ी देर में अपने आप चला जाता है, लेकिन यदि दर्द लंबे समय तक रहता है या बार-बार होता है तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
कारण
पेल्विक पेन होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सूजन, कोई चोट, फाइब्रोसिस, प्रेशर, पीरियड क्रैम्प्स शामिल हैं.
इसके अलावा, कभी-कभी होने वाले पेल्विक पेन के लिए गैस्टेशन भी जिम्मेदार हो सकता है
ओवेरियन ट्यूब में कोई कमी या खराबी
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)
इलाज
आपके पेल्विक पेन का ट्रीटमेंट किस तरह से किया जाएगा, ये पूरी तरह से आपके दर्द पर निर्भर करता है. डॉक्टर से सलाह लें
एंटीबायोटिक दवाएं
पेन किलर
किसी मुख्य समस्या के लिए दवा
कॉन्ट्रासेप्टिव
सर्जरी
लाइफस्टाइल में बदलाव
सूजन के लिए दवा
यूरिन इंफेक्शन, यूरिनरी कॉर्ड में होने वाले संक्रमण के कारण होता है, जिसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) भी कहा जाता है. यह बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट (Urinary Tract) के जरिए शरीर में घुसकर ब्लैडर (Bladder) व किडनी (Kidneys) को नुकसान पहुंचाते हैं. इसके संक्रमण का मुख्य कारण ई-कोलाई बैक्टीरिया होता है. महिलाओं में यूटीआई की शिकायत काफी ज्यादा देखने को मिलती है.
कारण
जब बैक्टीरिया Urethra या Vulva में पहुंच जाए
सेक्स के दौरान जब कीटाणु Urethra में चले जाएं
पब्लिक या गंदा टॉयलेट इस्तेमाल करने पर इन्फेक्शन हो सकता है
गुप्तांग (Genitals) को गंदे हाथों से छूने पर
लक्षण
यूरिन इंफेक्शन होने पर पेशाब करते समय बहुत तेज जलन महसूस होना
यूरिन करते समय पेट के निचले हिस्से और कमर में असहनीय पीड़ा होना
यूरिन बहुत अधिक पीला आना
यूरिन कम मात्रा में लेकिन जल्दी-जल्दी होना
बहुत तेज प्रेशर महसूस होना लेकिन बहुत कम मात्रा में यूरिन होना
थकान अधिक महसूस होना
बचाव
यूरिन रोकने की कोशिश न करें
यूरिन इफेक्शन से बचने के लिए पानी खूब पिएं
सेक्स के बाद अपने प्राइवेट पार्ट्स को जरूर साफ करें
हमेशा साफ इनर वियर पहनें
पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (पीसीओडी) एक प्रकार का हार्मोनल विकार होता है. यह अधिकतर महिलाओं की फर्टिलिटी आयु में उन्हें प्रभावित करता है. इस डिसऑर्डर में, महिला का शरीर असंतुलित तरीके से हार्मोन का उत्पादन करने लगता है, जिस वजह से मेल हॉर्मोन (एण्ड्रोजन) का उत्पादन भी बढ़ जाता है.
लक्षण
अनियमित पीरियड्स
चेहरे पर मुंहासे
चेहरे पर अत्यधिक बाल
अंडाशय का बढ़ जाना
पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग
वजन बढ़ना
त्वचा पर काले धब्बे
सिर दर्द
बालों का पतला होना
इलाज
जीवनशैली में बदलाव
संतुलित आहार
स्वस्थ वजन
शारीरिक गतिविधि,
कारण
मेटबॉलिक डिसॉर्डर ओर होर्मोनल डिसॉर्डर
थायराइड डिस्फंक्शन
सेक्शूअल इन्फेक्शन
ज्यादा व्यायाम
स्ट्रेस
मेनपॉज के शुरुआत में
इक्स्ट्रीम डाइटिंग
इक्स्ट्रीम वाइट लॉस
ईटिंग डिसॉर्डर
इलाज
स्ट्रेस कम करें
नियमित व निर्धारित व्यायाम करें
डाइटिंग विशेषज्ञ की सलाह पर करें
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