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Cataract Awareness Month: कैटरेक्ट को हम सरल भाषा में सफेद मोतियाबिंद कहते हैं. इसमें आंखों के लेंस पर सफेद परत पड़ जाती है. अभी तक कैटरैक्ट को पूरी तरह से रोकने के लिए वैज्ञानिक रूप से कोई प्रमाणित तरीका नहीं है. हालांकि, आप खतरे को कम करने और उनकी प्रगति को धीमा करने के लिए कदम उठा सकते हैं. एक्सपर्ट से जानते हैं कैटरेक्ट यानी सफेद मोतियाबिंद से जुड़े मिथक और सच्चाई के बारे में.
कैटरेक्ट आंखों की वो स्थिति है, जहां पर आंखों में दूधिया प्रभाव के कारण दृष्टि धुंधली हो जाती है. मोतियाबिंद से ग्रसित लोगों की आंखों पर धुंधला बिम्ब बनता है. जिसकी वजह से उन्हें रात में देखने में मुश्किल होती है और साथ ही तेज रोशनी में भी दिक्कत भी.
अधिकतर कैटरेक्ट यानी सफेद मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकसित होते हैं और शुरुआत में इसमें दृष्टि प्रभावित नहीं होती है, लेकिन समय के साथ यह आपकी देखने की क्षमता को प्रभावित करता है.
आंखों के सामने हल्का धुंधलापन आना
रंग हल्के लगना
रात में ठीक से नहीं देख पाना
कोई भी रोशनी तेज लगना
बल्ब, लाइट जैसी चीजों के आसपास एक गोलाकार दिखना
चीजों का डबल दिखना
चश्मा या कॉन्टेट लेंस को बार-बार बदलने की जरूरत होना
बुजुर्गों में नजदीक की दृष्टि दोष में लगातार बढ़ोतरी
रात में ड्राइविंग में दिक्कत होना
दिन के समय आंखें चौंधियाना
मिथक 1: कैटरैक्ट केवल बुजुर्गों को ही प्रभावित करती है.
सच्चाई: कैटरैक्ट बुजुर्गों में अधिक सामान्य होती है, लेकिन यह किसी भी उम्र में विकसित हो सकती है. आंतरिक कारण, आंखों में चोट, डायबिटीज और लंबे समय तक स्टेरॉयड उपयोग जैसे कुछ कारक बैक्टीरिया के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. किसी भी उम्र में कैटरैक्ट का पता लगाने और मैनेज करने के लिए आंखों की नियमित जांच कराना महत्वपूर्ण है.
मिथक 2: कैटरैक्ट को रोका जा सकता है.
सच्चाई: कैटरैक्ट को पूरी तरह से रोकने के लिए कोई वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित तरीका नहीं है. हालांकि, आप खतरे को कम करने और उनकी प्रगति को धीमा करने के लिए कदम उठा सकते हैं. इनमें यूवी किरणों से आंखों की सुरक्षा करना, पोषक एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर स्वस्थ आहार का सेवन करना, धूम्रपान छोड़ना और डायबिटीज जैसी मेडिकल स्थितियों को सही ढंग से मैनेज करना शामिल है.
मिथक 3: कैटरैक्ट को आंखों की दवाओं से ठीक किया जा सकता है.
सच्चाई: कैटरैक्ट को आंखों की बूंदों या दवाओं से ठीक या पलटा नहीं जा सकता है. कैटरैक्ट के लिए केवल एक प्रभावी उपचार सर्जरी है. कैटरैक्ट सर्जरी के दौरान, डॉक्टर अपारदर्शी लेंस को हटाकर मरीज की आंख में प्राकृतिक लेंस के स्थान पर नया कृत्रिम लेंस लगा देते हैं. कृत्रिम लेंसों को इंट्राऑकुलर लेंस कहते हैं, उसे उसी स्थान पर लगा दिया जाता है, जहां आपका प्राकृतिक लेंस लगा होता है. कैटरैक्ट सर्जरी एक सुरक्षित और बेहद सफल प्रक्रिया है. हर साल विश्वभर में लाखों सर्जरी की जाती है.
मिथक 4: कैटरैक्ट सर्जरी जोखिम से भरा और दर्दनाक होता है.
सच्चाई: कैटरैक्ट सर्जरी विश्वभर में सबसे अधिक होने वाली सर्जरियों में से एक है और यह एक सुरक्षित और सामान्य सर्जरी मानी जाती है. इसे ज्यादातर एक ही दिन में कर के मरीज को उसी दिन घर भेज दिया जाता है. जिसका मतलब है कि आप उसी दिन घर जा सकते हैं जिस दिन कैटरेक्ट की सर्जरी कराई हो. मॉडर्न सर्जिकल तकनीकों में न्यूनतम कट और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है, जिससे रिकवरी समय और परिणाम में सुधार होता है.
मिथक 5: कैटरैक्ट केवल दृष्टि को प्रभावित करती है.
सच्चाई: कैटरैक्ट प्रमुख रूप से दृष्टि को प्रभावित करती है पर यह आपके जीवन के दूसरे पहलुओं पर भी असर डाल सकती है. कैटरैक्ट आपके लिए गाड़ी चलाने, पढ़ने या दैनिक गतिविधियों को करने में कठिनाई पैदा कर सकती है. यह रोशनी की संवेदनशीलता, कम कॉन्ट्रास्ट संवेदनशीलता और रात में देखने में कठिनाई का कारण बन सकती है. कैटरैक्ट सर्जरी न केवल आपकी दृष्टि को सुधारती है बल्कि आपके जीवन की गुणवत्ता को भी बढ़ाती है.
कैटरैक्ट आंखों की एक सामान्य स्थिति है, जिसे सर्जरी के माध्यम से सफलतापूर्वक मैनेज किया जा सकता है. कैटरैक्ट के मामले में तथ्यों को कल्पना से अलग रखना महत्वपूर्ण है ताकि आप अपनी आंखों के हेल्थ से जुड़े फैसले सही ढंग से ले सकें.
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