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Eye allergies|गर्मी में आंखों का रखें ख्याल, एलर्जी-इंफेक्शन से ऐसे करें बचाव

Tips, symptoms and treatment| कम्प्यूटर का इस्तेमाल और धूप में काम करने वालों में ये समस्या ज्यादा होती हैं.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
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<div class="paragraphs"><p>गर्मी के मौसम में होती हैं, आंखों में कई प्रकार की समस्याएं&nbsp;</p></div>
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गर्मी के मौसम में होती हैं, आंखों में कई प्रकार की समस्याएं 

(फोटो: iStock)

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गर्मी के मौसम में तापमान अधिक होने से हमारे शरीर को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. खास कर हमारी आंखों को. बढ़ते तापमान के साथ आंखों में एलर्जी और संक्रमण का होना काफी आम है और डॉक्टरों का मानना है कि यह समय आंखों की देखभाल के लिहाज से काफी अहम होता है. हालांकि देश के कुछ इलाकों में हल्की बारिश से मौसम ने थोड़ी करवट बदली है, पर गर्मी अभी भी बनी हुई है.

एलर्जी, संक्रमण, और आंखों में सूखापन (ड्राई आई) कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जो बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी भारी संख्या में देखने को मिल रही है. ऐसे में हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है. समय पर डॉक्टर की सलाह का पालन नहीं किया गया, तो स्थिति और खराब हो सकती है.

"सभी को हीट वेव और बढ़ते तापमान से आंखों में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. यहां हमें तीन बातों पर गौर करना होगा. एलर्जी, संक्रमण और आंखों में सूखापन (ड्राई आई) पर" ये कहना है फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट में सीनियर कंसलटेंट डॉ शिबल भारतीय का.

ये समस्याएं कम्प्यूटर का इस्तेमाल करने वालों में या बाहर धूप में काम करने वालों में ज्यादा होती हैं.

दिल्ली के डॉ श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटेंट, डॉक्टर निधि गुप्ता कहती हैं, "देश में जो हीट वेव चल रही है, खास कर के नॉर्थ इंडिया में उससे हवा में नमी कम हो जाती है. जिस वजह से हमारी आंखों में जो नमी या आंसू की मात्रा है, वो जल्दी कम हो जाती है. हीट वेव के कारण आंखों में सूखापन बढ़ता जाता है."

आंखों की समस्या के कारण 

ड्राई आई (Dry eye)- जब भी हम एसी चलते हैं, तो ह्यूमिडिफायर (humidifier) नहीं चलता है, जिससे हमारे आसपास की हवा बहुत ड्राई हो जाती है, क्योंकि एसी कमरे की सारी नमी भी बाहर निकाल देता है. इसकी वजह से आंखों में ड्रायनस या सूखापन बहुत बढ़ जाता है. ये समस्या पहले से ड्राई आई की परेशानी झेल रहे लोगों में और बढ़ जाती है. ड्राई आई की परेशानी झेलने वाले ज्यादातर लोग कम्प्यूटर या स्क्रीन देखने वाले होते हैं. इसमें मरीज आंखों में सूखेपन की समस्या यानी कि आंखों के ग्लैंड्स में स्राव (secretion) की कमी से होने वाली समस्या झेलता है.

वहीं ड्राई आई के कारण रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) या ऐसे ही दूसरे डिसॉर्डर के मरीजों की आंखों में सूखापन आता है और इन दिनों जब तापमान इतना बढ़ गया है और हीट वेव चल रही हैं तो उनकी आंखों में सूखेपन की समस्या और भी ज्यादा बढ़ गयी है.

आई एलर्जी (Eye allergy)- आंखों की सुरक्षा के लिए नमी का होना जरूरी है. हवा में धूल, पोलन, वायु प्रदूषण के कारण आंखों में एलर्जी बहुत होती है. जिसके कारण आंखों में खुजली, जलन , लाली आ जाती है.

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आई इन्फेक्शन (Eye infection)- आंखों में इन्फेक्शन जैसे कि वायरल कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) या बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस (bacterial conjunctivitis) और स्टाई (stye). आजकल आंखों में इन्फेक्शन होने पर उसे निकालने में दिक्कत होती है क्योंकि आंखों में ड्रायनस के कारण आंसू की कमी होती है. जिसकी वजह से इंफेक्शन ज्यादा हो रहे हैं.

आजकल स्टाई (stye) ज्यादा देखने को मिल रहा है. आंखों की पलकों की जड़ में गांठ सी बन जाती है. इसके होने कारण है आंखों का सूखापन. कई बार सूखी आंखों में जलन होती है और उसके कारण आंखों को मलने के लिए हम हाथ लगते हैं और हाथ अगर गंदे हों तो आंख में इन्फेक्शन होने की सम्भावना बढ़ जाती है. इसमें स्वेलिंग, आंखों में लाली और दर्द बहुत ज्यादा होता है.

कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) होने से आंखों में कीचड़ आने लगती है, वहीं जब एलर्जी (allergy) होती है तो आंखों में पानी आता है. कंजक्टिवाइटिस एक से दूसरे में फैलता है पर इन्फेक्शन में ऐसा नहीं होता है.

ये हैं इनके लक्षण 

  • आंखों में इरिटेशन होना

  • आंखें लाल होना

  • दर्द महसूस होना

  • आंख में कण या बाहरी कुछ तत्व का होना महसूस करना

  • आंख में चुभन या खुरदरापन का एहसास होना

  • देखने में परेशानी होना

  • आंखों से पानी आना

"आंखों को पानी से कभी भी न धोएं. जब आंखों में कुछ चला गया हो केवल ऐसी स्तिथि में आंखों को पानी से धोएं. ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम आंखों को पानी से धोते हैं, तो पानी के साथ-साथ आंखों से आंसू या नमी भी निकाल जाती है. उसे फिर दोबारा बनने में कम से कम 4 घंटे लगते है. अगर कुछ करना ही है, तो पानी में रुई को उबाल कर ठंडा कर लें और फिर उसे आंखों पर कुछ देर के लिए रख लें.”
डॉ शिबल भारतीय, सीनियर कंसलटेंट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम

बचाव के तरीके 

  • धूल से बचें

  • टोपी और छाता का इस्तेमाल करें

  • धूप में काला चश्मा पहने, जो UVA और UVB दोनों से आंखों को बचाए

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

  • कम्प्यूटर पर काम करने वाले हर 1 घंटे में काम से छोटा सा ब्रेक लें

  • कम्प्यूटर स्क्रीन और आंखों के बीच एक सही दूरी बना कर रहें

  • आंखों का नंबर चेक कराएं

  • हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं

  • पीले और लाल रंग के फल खाएं, आम खाएं

  • घर में अगर AC देर तक चलता है, तो छोटी सी स्टीम की मशीन ऑन कर दें ताकि थोड़ी नमी रहे आंखों में

इतनी गर्मी और हीट वेव में आंखों में इन्फेक्शन और ड्रायनस आम बात हो गई है.

ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करें 

जब ऐसा लगे कि आंखों के सूखेपन के कारण हमारी दिनचर्या में दिक्कत आ रही है, लक्षण बढ़ रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.

“अगर बच्चा बार-बार आंखे मल रहा हो या उसकी आंखें लाल दिख रही हों, तो डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि बच्चों के साथ हम जितनी सावधानी बरते उतना अच्छा है.”
डॉ शिबल भारतीय, सीनियर कंसलटेंट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम

ये हैं इलाज 

"सबसे पहले मरीज का निरीक्षण किया जाता है. आंखों के सूखेपन की जांच होती है और नजर पर सूखेपन के असर की जांच होती है. आई ड्रॉप या मलहम दी जाती है अगर समस्या सिर्फ सूखेपन की है तो" ये बताया डॉक्टर निधि गुप्ता ने.

"जो कम्प्यूटर पर ज्यादा काम करते हैं, उनको स्क्रीन यूजर मॉडिफिकेशन और लाइफस्टाइल बदलने की सलाह दी जाती है. जैसे कि कितनी देर स्क्रीन देखनी है? स्क्रीन से कितनी दूर बैठ कर काम करना चाहिए? एंटी ग्लेयर स्क्रीन (anti glare screen) लगानी चाहिए या नहीं, सावधानी बरतने के लिए चश्मा का इस्तेमाल करना है या नहीं? आई ड्राप्स किन परिस्थितियों में लेनी चाहिए? एसी से कितनी दूर बैठना है, जैसे लाइफस्टाइल में बदलाव उनको बताए जाते हैं.
डॉक्टर निधि गुप्ता, सीनियर कंसलटेंट, डॉ श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल, दिल्ली

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