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Cervical Cancer: HPV वैक्सीन ली हुई महिलाओं में एक भी केस नहीं, PHS स्टडी में खुलासा

Cervical Cancer Awareness Month: एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर को रोक सकती है, नई स्टडी से यह पुष्टि हुई है.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>HPV vaccine: क्या&nbsp;एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर को रोक सकता है?</p></div>
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HPV vaccine: क्या एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर को रोक सकता है?

(फोटो: फिट हिंदी/iStock)

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Cervical Cancer Awareness Month: पब्लिक हेल्थ स्कॉटलैंड (PHS) के नेतृत्व में किए गए एक नए एनालिसिस के मुताबिक, जिन महिलाओं को 12 और 13 साल की उम्र में एचपीवी वैक्सीन लगा, उनमें सर्वाइकल कैंसर का कोई मामला नहीं दिखा.

क्या इसका मतलब यह है कि एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर को रोक सकता है? स्टडी में और क्या पाया गया? एचपीवी वैक्सीन किन बीमारियों से बचाता है? ये वैक्सीन किस उम्र में लगवानी चाहिए? इन सवालों के जवाब जानते हैं इस आर्टिकल में.

क्या कहती है स्टडी?

  • 12 या 13 वर्ष की उम्र में एचपीवी वैक्सीन लगवाने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का कोई भी मामला दर्ज नहीं किया गया, फिर चाहे उन्हें वैक्सीन की कितनी भी डोस लगी हो.

  • जिन महिलाओं को 14 से 22 वर्ष की उम्र में टीका लगाया गया और बाइवेलेंट वैक्सीन की 3 खुराकें मिलीं, उनमें टीकाकरण न कराने वाली महिलाओं की तुलना में कैंसर के मामलों में काफी कमी देखी गई.

  • रिसर्चर्स ने स्कॉटलैंड के सभी S1 स्टूडेंट्स में नियमित टीकाकरण के लिए स्कूल-आधारित कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में एचपीवी वैक्सीन लेने वाली महिलाओं की जांच की.

  • टीकाकरण के 16 साल बाद 2020 में महिलाओं का परीक्षण किया गया.

स्टडी के फाइंडिंग्स वास्तविक दुनिया के सबूतों को दोहराते हैं कि एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमावायरस वायरस) टीका कैंसर के डेवलपमेंट को रोकने में प्रभावी है.

भारत के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्टडी के निष्कर्ष (findings) नियमित टीकाकरण के लिए स्कूल-आधारित कार्यक्रमों को जारी रखने के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित करने वाले हैं. यह वैक्सीन अब लड़कों को भी दी जाती है, क्योंकि ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे ये साबित होता है कि लड़कों को एचपीवी से जुड़े दूसरे कैंसरों से बचाने में ये टीका मददगार साबित हो सकता है.

लगभग 150 प्रकार के एचपीवी वायरस होते हैं. उनमें से कुछ वायरस अलग-अलग तरह के कैंसर होने की संभावना को बढ़ाते हैं. खास कर, एचपीवी-16 और एचपीवी-18 वायरस सबसे खतरनाक होते हैं. ये गर्भाशय कैंसर के लिए 70 प्रतिशत से अधिक जिम्मेदार होते हैं.

एचपीवी क्या है? 

एचपीवी यानी कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस, एक आम वायरस है, जो बेहद खतरनाक और सबसे तेज़ी से फैलता है. यह एक तरह का वायरल इन्फ़ेक्शन है, जो सेक्स के माध्यम से तो फैलता ही है, पर त्वचा से त्वचा के सम्पर्क में आने से भी फैलता है. मतलब ये जरूरी नहीं कि सेक्सुअल पेनेट्रेशन हो, तभी दो व्यक्ति के बीच यह वायरस फैलेगा.

एचपीवी वैक्सीन किन बीमारियों से बचाता है?

एचपीवी वैक्सीन बचाता है:

  • ओरल कैंसर

  • सर्वाइकल कैंसर

  • एनल कैंसर

  • पेनिस कैंसर

  • जेनिटल वार्ट्स

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ये वैक्सीन किस उम्र में लगवानी चाहिए?

डॉ. तनया नरेंद्र ने सर्वाइकल कैंसर से जुड़े एक दूसरे आर्टिकल में फिट हिंदी को बताया था,

"45 साल से कम के लोगों को ही ये वैक्सीन लगवानी चाहिए. अभी तक भारत में 9 से 45 साल के बीच में ये वैक्सीन लगाई जाती है"
डॉ. तनया नरेंद्र उर्फ Dr.Cuterus, स्त्री रोग विशेषज्ञ

एचपीवी वैक्सीन लगवाने की उम्र ये है:

  • 9-13 साल की उम्र में वैक्सीन की 2 डोस लगती है

  • 13-45 साल की उम्र में वैक्सीन की 3 डोस लगती है

2021, सितंबर में भारत में मर्दों के लिए भी इस वैक्सीन को लगवाने का अप्रूवल आया है.

एचपीवी एक यौन संचारित वायरस है, जो सभी प्रकार के सर्वाइकल कैंसर का एक प्रमुख कारण है.

अब तक, क्लिनिकल स्टडीज से पता चला है कि एचपीवी के टीके सर्वाइकल कैंसर के खतरे को 90% तक कम करने में प्रभावी हैं, खासकर जब इसे 9 से 12 साल की उम्र के बीच लिया जाता है.

क्या आप सर्वाइकल कैंसर और एचपीवी वैक्सीन के बारे में अधिक जानना चाहते हैं? फिट हिंदी से बात करते हुए, डॉ. तनया नरेंद्र जो कि एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ने इसके बारे में डिटेल से यहां बताया है:

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