advertisement
Poonam Pandey Death: मॉडल पूनम पांडे (Poonam Pandey) का गुरुवार, 1 फरवरी को 32 साल की उम्र में निधन हो गया. वे सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही थीं. उनकी मौत की खबर उनकी टीम ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर साझा की. पूनम को आखिरी बार रियलिटी शो 'लॉक अप' के पहले सीजन में देखा गया था, जिसे कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने होस्ट किया था.
सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) भारत में तेजी से फैल रहा है. कई स्टडीज के दौरान पाया गया है कि पूरे एशिया में भारत में सबसे अधिक सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आए हैं. सर्वाइकल कैंसर से होने वाली कुल मौतों में से 23% मौत भारत में और 17% चीन में हुईं. सर्वाइकल कैंसर दुनिया में महिलाओं में चौथा और भारत में दूसरा सबसे आम कैंसर है.
सर्वाइकल कैंसर के लिए बाजार में वैक्सीन उपलब्ध है लेकिन क्या कुछ ऐसा किया जा सकता है कि वैक्सीन की जरूरत ही न पड़े. ये कैंसर होता कैसे है, इसके लक्षण क्या हैं? और अगर ये बीमारी हो गई है तो क्या करें? आज हम आपको यही सारी जानकारी देंगे. याद रखिए ये एक ऐसी बीमारी है, जिससे हर साल लाखों महिलाओं की जान चली जाती है.
इस बीमारी के पीछे है एचवीपी नाम का खतरनाक वायरस. 6 तरह के कैंसर का कारण बनने वाले एचपीवी से लोगों को सावधान रहना बेहद जरूरी है. गर्भाशय कैंसर, गुदा कैंसर, योनि कैंसर, लिंग कैंसर, मुंह और गले का कैंसर फैलाने वाले इस वायरस के बारे में जागरूक करते रहना जरूरी है.
एचपीवी यानी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस, एक आम वायरस है, जो बेहद खतरनाक और सबसे तेजी से फैलता है. यह एक तरह का वायरल इन्फेक्शन है, जो सेक्स के माध्यम से तो फैलता ही है, पर त्वचा से त्वचा के सम्पर्क में आने से भी फैलता है. मतलब ये जरूरी नहीं कि सेक्सुअल पेनेट्रेशन हो, तभी दो व्यक्ति के बीच यह वायरस फैलेगा.
डॉ.नुपुर गुप्ता, निदेशक प्रसूति एवं स्त्री रोग, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने फिट हिंदी को बताया "एचपीवी एक तरह का वायरल इन्फेक्शन है, जो शरीर में बहुत समय तक नहीं रहता है. ज्यादातर मामलों में शरीर इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बना कर उसे शरीर से हटा देता है. यह स्त्री और पुरुष दोनों को हो सकता है.
वायरस के कारण होने वाला यह संक्रमण व्यक्ति की योनि, मुंह और गले को प्रभावित कर सकता है. जैसे, जेनिटल वार्ट्स, सर्विकल, गुदा, मुंह और गले के कैंसर के रूप में. एचपीवी के लक्षण लगभग नहीं होते हैं, ऐसे में सेक्शुअली ऐक्टिव महिलाओं को स्क्रीनिंग कराते रहना जरूरी है. पैप स्मीयर और एचपीवी डीएनए टेस्ट से संक्रमण का पता चलता है."
एचपीवी के कारणों के बारे में फिट हिंदी को डॉ. स्वास्ति, वरिष्ट सलाहकार स्त्री रोग और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वैशाली ने बताया "जहां तक एचपीवी के लक्षणों की बात की जाए, तो ज्यादातर मामलों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस को किसी भी प्रकार का मस्सा बनाने से पहले ही हरा देती है. लेकिन अगर मस्सा दिखायी देता है, तो उसका आकार और दिखावट एचपीवी के प्रकार पर निर्भर करता है." जैसे:
सामान्य मस्सा- यह त्वचा की सतह से ऊपर उठा, खुरदुरा मस्सा होता है. आमतौर पर यह मस्सा हाथों, उंगलियों और कोहनियों पर होता है. कई मामलों में ये दर्द और तकलीफ का कारण भी बनते हैं.
जननांग मस्सा- यह मस्सा महिलाओं में ज्यादातर वजाइना या गुदा के पास होता है. पुरुषों में ये गुदा के आसपास या लिंग के ऊपर होता है. इसमें खुजली की समस्या हो सकती है. किसी-किसी ही मामलों में इसमें दर्द या बेचैनी होती है.
तल का मस्सा- यह मस्सा पैर के तलवे या एड़ी के उस हिस्से पर होता है, जहां व्यक्ति के शरीर का सबसे ज्यादा भार पड़ता है. यह कठोर, रूखा और दानेदार मस्सा दर्द और बेचैनी दे सकता है.
सपाट मस्सा- सपाट मस्सा सामान्य त्वचा से थोड़ा ऊपर उठा, सपाट दिखने वाला मस्सा होता है और इसका रंग त्वचा के दूसरे रंग से थोड़ा गाढ़ा होता है. यह शरीर में कही भी हो सकता है.
एचपीवी के कारणों के बारे में डॉ स्वास्ति ने बताया "एचपीवी संक्रमण तब होता है, जब एचपीवी वायरस आपके शरीर में किसी कट या खरोंच के माध्यम से अंदर चला जाता है या स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क स्थापित करता है. यह त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने से भी होता है."
एचपीवी के कारण जो डॉ स्वास्ति ने बताए वो कुछ इस प्रकार हैं:
एक से अधिक यौन साथी- जितनी अधिक यौन साथियों की संख्या होती है, एचपीवी वायरस से संक्रमित होने की आशंका उतनी बढ़ जाती है. इतना ही नहीं एक से अधिक यौन साथियों के साथ संपर्क रखे वाले के साथ यौन सम्बंध बनाना संक्रमण के जोखिम को बढ़ाता है.
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली- एचपीवी संक्रमण का जोखिम कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वालों को अधिक होता है.
उम्र- सामान्य मस्से अक्सर बच्चों में ही निकलते हैं. जबकि तलवे के मस्से वयस्कों में ज्यादा निकलते हैं. जननांग मस्से बच्चों और किशोरों में ज्यादा होते हैं.
व्यक्तिगत संपर्क- किसी दूसरे व्यक्ति के मस्से को छूने से या एचपीवी वायरस के संपर्क में आए वस्तुओं को छूने से. सार्वजनिक बाथरूम या स्विमिंग पूल से यह संक्रमण ज्यादा फैलता है.
क्षतिग्रस्त त्वचा- जिन व्यक्तियों की त्वचा के किसी हिस्से पर छेद बना हो या चोट लगी हो, तो उनमें सामान्य मस्सा होने की आशंका बढ़ जाती है.
डॉ नुपुर गुप्ता कहती हैं, "फिलहाल एचपीवी संक्रमण से बचने के ये तरीके हैं.
सेफ सेक्शुअल प्रैक्टिस: बैरियर कॉन्ट्रासेप्टिव यानी कंडोम के इस्तेमाल से सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से बचा जा सकता है.
एचपीवी वैक्सीन: यह वैक्सीन एचपीवी वायरस वाले कैंसर को रोकने में कारगर साबित होता है. लगभग 90% तक यह वैक्सीन एचपीवी वाले कैंसर से बचाता है. यूएस एफडीए द्वारा मान्यता प्राप्त ये वैक्सीन, भारत में 9 साल की लड़कियों से ले कर 45 वर्ष की महिलाओं को दी जाती है.
एचपीवी वैक्सीन के साथ स्क्रीनिंग जारी रखना भी महत्वपूर्ण है. समय-समय पर पैप स्मीयर टेस्ट करते रहने से एचपीवी के कारण होने वाले कैंसर से बचा जा सकता है.
एचपीवी वायरस के लिए कोई भी इलाज नहीं है लेकिन उससे हुई बीमारियों का उपचार किया जा सकता है. अधिकतर एचपीवी इन्फेक्शन अपने आप ही खत्म हो जाता है और बीमारी का रूप नहीं लेता लेकिन यदि इन्फेक्शन अपने आप न जाए तो, अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
कुछ लोगों में जननांग मस्सा आना शुरू हो जाता है, तो डॉक्टर उसका इलाज दवाइयों द्वारा कर सकते हैं.
वहीं कुछ महिलाओं में वजाइना से अधिक रसाव होने लगता है. ऐसे में महिलाओं को अपनी डॉक्टर की सलाह से पैप स्मीयर टेस्ट करना चाहिए. जिससे कैंसर होने की आशंका को समय रहते ही सही उपचार मिल सके.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 04 Jan 2022,09:56 AM IST