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Cervical Cancer: सर्वाइकल कैंसर भारत में दूसरा सबसे आम कैंसर, कैसे बचें?

एचपीवी को केवल सेक्स से ही लिंक नहीं करें, ये स्किन से स्किन के संपर्क से भी फैलता है.

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Cervical Cancer Awareness Month: लैंसेट की एक स्टडी के मुताबिक पूरे एशिया में भारत में सबसे अधिक सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आए हैं. सर्वाइकल कैंसर से होने वाली कुल मौतों में से 23% मौत भारत में और 17% चीन में हुईं. सर्वाइकल कैंसर दुनिया में महिलाओं में चौथा और भारत में दूसरा सबसे आम कैंसर है. अच्छी बात ये है कि जल्द ही सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए देश की पहली स्वदेशी वैक्सीन मार्केट में उपलब्ध होगी.

क्या है एचपीवी? एचपीवी के कौन-कौन से वायरस से हमें बचना है? एचपीवी वैक्सीन से किसे बचना चाहिए? क्या हैं वैक्सीन के साइड इफेक्ट? क्या लड़कों और पुरुषों के लिए वैक्सीन उपलब्ध है? क्या एचपीवी केवल सेक्स से फैलता है? इन सारे सवालों के जवाब जानते हैं, डॉ. तनया नरेंद्र से जिन्हें सोशल मीडिया पर डॉ. क्यूटरस (Dr.Cuterus) के नाम से भी जाना जाता है.

हाल ही में डॉ. क्यूटरस ने “एवरीथिंग नोवन टेल्स यू अबाउट योर बॉडी" नाम की किताब लिखी है. 

क्या है एचपीवी?

एचपीवी (HPV) यानि कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस, एक आम वायरस है, जो बेहद खतरनाक और तेजी से फैलता है. यह एक तरह का वायरल इन्फेक्शन है, जो सेक्स के माध्यम से तो फैलता ही है, पर त्वचा से त्वचा के सम्पर्क में आने से भी फैलता है. मतलब ये जरूरी नहीं कि सेक्सुअल पेनेट्रेशन हो, तभी दो व्यक्ति के बीच यह वायरस फैलेगा.

एचपीवी के कौन से वायरस से हमें बचना है?

डॉ. तनया नरेंद्र उर्फ डॉ. क्यूटरस फिट हिंदी से कहती हैं, "वायरस कई प्रकार के होते हैं. एक प्रकार का वायरस एक फैमिली से नहीं आता है. एचपीवी (HPV) फैमिली में करीब 100 वायरस हैं. जिनमें से कुछ हैं, जिनसे हमें थोड़ा ज्यादा खतरा है, जैसे कि एचपीवी 16 और 18. इनसे कई तरह के कैंसर होने की आशंका बढ़ती है. सबसे ज्यादा आशंका होती है गर्भाशय के कैंसर की और इसके लक्षण तब तक नहीं पता चलते जब तक कैंसर काफी एडवांस स्टेज में नहीं पहुंच जाता है. भारत में ये कैंसर बहुत आम है. एचपीवी 11, 31, 32 जेनिटल वार्ट्स के लिए जिम्मेदार होते हैं".

एचपीवी वैक्सीन किन बीमारियों से बचाता है?

"गर्भाशय के मुंह के कैंसर में 90% तक एचपीवी 16 या 18 जिम्मेदार होते हैं."
डॉ. तनया नरेंद्र उर्फ डॉ. क्यूटरस

एचपीवी वैक्सीन बचाता है:

  • ओरल कैंसर

  • सर्वाइकल कैंसर

  • एनल कैंसर

  • पेनिस कैंसर

  • जेनिटल वार्ट्स

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ये वैक्सीन किसे और किस उम्र में लगवानी चाहिए?

"45 साल से कम के लोगों को ही ये वैक्सीन लगवानी चाहिए. अभी तक भारत में 9 से 45 साल के बीच में ये वैक्सीन लगाई जाती है" ये कहना है, डॉ. तनया नरेंद्र का.

  • 9-13 साल की उम्र में वैक्सीन की 2 डोस लगती है

  • 13-45 साल की उम्र में वैक्सीन की 3 डोस लगती है

2021, सितंबर में भारत में मर्दों के लिए भी इस वैक्सीन को लगवाने का अप्रूवल आया है.

क्या हैं एचपीवी वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स?

डॉ. तनया नरेंद्र ने फिट हिंदी को बताया कि 7 से 15 मिलियन औरतों पर की गई स्टडी के अनुसार, एचपीवी वैक्सीन लगवाने के बाद बांह में जहां वैक्सीन लगी है वहां थोड़ी सी खुजली, थोड़ा सा दर्द और सोर्नेस (soreness) हो सकता है. 99% से ज्यादा लोगों में ये सबसे कॉमन साइड इफेक्ट है. 0.1% केस में जो कि बहुत ही ज्यादा रेयर है, में किसी-किसी को वैक्सीन से एलर्जी हो सकती है.

ये वैक्सीन किसे नहीं लगवानी चाहिए?

डॉ. तनया नरेंद्र कहती हैं कि वैक्सीन लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें. कुछ स्थितियों में ये वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए.

  • वैक्सीन से एलर्जी होने पर

  • स्तनपान कराने पर

  • गर्भावस्था में

  • इम्यूनो कंप्रोमाइज्ड यानी कि गंभीर बीमारी होने पर 

क्या एचपीवी केवल सेक्स से फैलता है?

इस सवाल पर डॉ. तनया नरेंद्र कहती हैं, "एचपीवी एक ऐसा वायरस है, जो कि कई तरह से फैल सकता है. जरुरी नहीं है इसके लिए सेक्सुअली एक्टिव हो तभी होता है. स्किन से स्किन के संपर्क से ये फैलता है. दुर्भाग्यवश हमारे देश-दुनिया में मोलेस्टेशन बहुत होता है, तो कोई एचपीवी इंफेक्टेड उंगलियां ये वायरस दे सकती हैं. बहुत सारे तरह के सेक्सुअल कांटेक्ट होते हैं, जिन्हें लोग सेक्सुअल कांटेक्ट नहीं समझते हैं और हम सब जानते हैं कि टीनेजर काफी सेक्सुअली एक्टिव होता हैं. इसलिए बहुत जरुरी है ये वैक्सीन लगवाना. इसको केवल सेक्स से ही लिंक नहीं करें".

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