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Eye Flu: देश में तेजी से फैल रहा Conjunctivitis, जानें लक्षण और बचाव

Conjunctivitis Outbreak: परिवार में किसी एक को अगर कंजंक्टिवाइटिस हो तो बाकी सदस्यों को सावधानी बरतने की जरूरत है.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p><strong>Conjunctivitis Prevention:&nbsp;</strong>कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण और  बचाव के उपाय क्या हैं?</p></div>
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Conjunctivitis Prevention: कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण और बचाव के उपाय क्या हैं?

(फोटो: फिट हिंदी)

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Conjunctivitis/Eye Flu Cases In India: भारत में कंजंक्टिवाइटिस (conjunctivitis) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. खास कर के दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर राज्यों में. आई फ्लू, जिसे पिंक आई भी कहा जाता है, की शिकायत से परेशान मरीज डॉक्टर से संपर्क कर रहे हैं.

सवाल है कि अचानक क्यों बढ़ा है कंजंक्टिवाइटिस? क्या हैं इसके लक्षण? क्या ये कंजंक्टिवाइटिस का कोई दूसरा स्ट्रेन है? कंजंक्टिवाइटिस से बचाव के उपाय क्या हैं? आई फ्लू होने पर क्या करें? कंजंक्टिवाइटिस से जुड़े इन सारे सवालों के जवाब दे रहे हैं आंख के विशेषज्ञ.

अचानक क्यों बढ़ा है कंजंक्टिवाइटिस?

एक्सपर्ट्स के अनुसार, मौसम में नमी और उमस भारी गर्मी से कंजंक्टिवाइटिस के मामले बढ़ने लगते हैं. भारत के कई राज्यों में कंजंक्टिवाइटिस के मामले बढ़ रहे हैं. बच्चों में आंखों का संक्रमण फैलता जा रहा है, जिस कारण कहीं-कहीं स्कूल को बंद करने की नौबत आ गई है.

"शहर के विभिन्न अस्पतालों में पिछले 10 दिनों के दौरान मामलों में अचानक उछाल आया है. ऐसा बारिश में होता है पर इस बार ज्यादा है क्योंकि पिछले कुछ सालों में उतनी बारिश नहीं हुई, जितनी इस साल हो रही है. आमतौर पर हर दो साल में इस तरह की लहर देखी जाती है. पिछले कुछ सालों में ऐसा नहीं हुआ क्योंकि लोग सावधानी बरत रहे थे और कोविड -19 के कारण दूरी बनाए हुए थे, लेकिन इस साल यह संख्या बढ़ गई है."
डॉ. अनुराग वाही, वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक, शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स

डॉक्टरों ने लोगों को "अत्यधिक संक्रामक" इन्फेक्शन के खिलाफ पर्याप्त सावधानी बरतने के लिए कहा है. उन्होंने लोगों को इन्फेक्शन को कंट्रोल में रखने के लिए उचित स्वच्छता व्यवहार अपनाने की भी सलाह दी है.

"मानसून में कंजक्टिवाइटिस के मामले बढ़ने लगते हैं जिसे हम कंजक्टिवाइटिस आउटब्रेक भी बोलते हैं. इसकी वजह से हॉस्पिटल में आंख दिखाने वाले मरीज 3 गुना बढ़ गए हैं. इस बार का वायरस काफी संक्रामक है. "
डॉ. सलोनी उमेश शाह, सीनियर ऑप्थोमोलॉजिस्ट, प्रिस्टीन केयर

कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण 

  • आंखें लाल होना

  • आंखों का सूज जाना जिससे आंखें खोलने में परेशानी होना

  • आंखों से पानी डिस्चार्ज होना

  • बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने पर सफेद/पीला डिस्चार्ज निकलना

कंजंक्टिवाइटिस पर क्या है दिशानिर्देश?

कंजक्टिवाइटिस एक तरह का वायरल इन्‍फेक्‍शन है, जो कि बेहद संक्रामक है. यह वायरस संपर्क या तरल के जरिए फैलता है, इसलिए हाइजीन मेंटेन करना बहुत जरूरी है.

कुछ निर्देशों का पालन करें:

  • जलन होने पर अपनी आंखों को रगड़ने और छूने से बचें

  • संक्रमित व्यक्तियों की व्यक्तिगत वस्तुओं जैसे रूमाल, तौलिये, तकिए का उपयोग करने से बचें

  • हल्के मामलों में, राहत के लिए आंखों को बार-बार सामान्य पानी से धोएं

  • डॉक्टरों की सलाह पर दवाएं लें और आई ड्रॉप डालें

  • अगर बच्चों को इन्‍फेक्‍शन हो तो 3-5 दिनों के लिए आइसोलेट कर दें

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ये कंजंक्टिवाइटिस का कौन सा स्ट्रेन है?

डॉ. सलोनी उमेश शाह ने फिट हिंदी को बताया कि वायरल कंजक्टिवाइटिस अभी फैला हुआ है और जो मुख्य वायरस इसमें देखने को मिल रहा है वो एडेनोवायरस है. कुछ लोगों को सिर्फ कंजंक्टिवाइटिस यानी आंखों का इन्फेक्शन हो खत्म हो जा रहा है, तो कुछ लोगों में कंजंक्टिवाइटिस इस साल मानसून और मौसम में बदलाव की वजह से रेस्पिरेटरी परेशानियों का भी कारण बन रहा है.

"कंजक्टिवाइटिस से बचना है, तो हमें अपनी आंखों को नहीं छूना है. इस बार के कंजक्टिवाइटिस को हम कोविड जैसा कंजक्टिवाइटिस भी कह सकते हैं."
डॉ. सलोनी उमेश शाह

कंजंक्टिवाइटिस से बचाव के तरीके 

"अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो आपको यह इन्फेक्शन हो सकता है. यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले आंसुओं के संपर्क में आने से फैलता है. इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के खांसी या छींकने से भी संक्रमण फैल सकता है."
डॉ. अनुराग वाही, वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक, शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स
  • अपने आसपास हाइजीन बनाए रखें

  • भीड़भाड़ में जाने से बचें

  • लोगों से हाथ मिलाने से बचें

  • आंखों को छुए या रगड़ें नहीं

  • आंखों को बार-बार धोएं

  • थोड़ी-थोड़ी देर पर हाथों को हैंडवॉश से साफ करते रहें

  • तौलिया, तकिया, मेकअप या अपनी पर्सनल चीज शेयर न करें

  • बच्चों के स्कूल बैग में सैनिटाइजर रखें

  • घर से बाहर निकलते समय चश्मे का प्रयोग करें

  • स्विमिंग पूल में चश्मे का इस्तेमाल करें

  • कंजंक्टिवाइटिस के मरीज से दूरी बनाएं

कंजंक्टिवाइटिस होने पर क्या करें?

परिवार में किसी एक को अगर कंजंक्टिवाइटिस हो तो बाकी सदस्यों को सावधानी बरतने की जरूरत है.
  • आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें

  • आंखों को हाथ न लगाएं

  • डॉक्टर की बताई दवा/आई ड्रॉप समय पर लें

  • कॉंटेक्ट लेंस का प्रयोग न करें

  • अपनी पर्सनल चीजों को किसी के भी साथ शेयर न करें

कंजंक्टिवाइटिस का कारण बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन होता है. आमतौर पर यह इलाज के सामान्य तरीकों से ठीक हो जाता है और इसके गंभीर रूप लेने का खतरा कम रहता है. लेकिन क्योंकि आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग है इसलिए इसे विशेष देखभाल की जरूरत होती है.

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