advertisement
Covid Covaxin Side Effects: भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन-कोवैक्सिन लेने वाले लगभग 30% लोगों ने 'एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंटरेस्ट' (AESI) का अनुभव किया, जैसे स्ट्रोक और उनके हाथ और पैरों की नसों में कमजोरी (जिसे गुइलेन-बैरी सिंड्रोम भी कहा जाता है) .
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के रिसर्चरों द्वारा एक साल तक किए गए फॉलो अप स्टडी में यह पाया गया.
स्टडी में कहा गया है...
यह ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के फिर से सुर्खियों में आने के कुछ दिनों बाद आया है, जब कंपनी ने यूके की एक अदालत में कहा था कि उनके टीके से थ्रोम्बोसिस जैसे रेयर एडवर्स साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.
जनवरी 2022 और अगस्त 2023 के बीच की गई स्टडी में 926 प्रतिभागियों का फॉलो-अप शामिल था, जिन्हें कोवैक्सिन COVID-19 वैक्सीन ली थी.
लगभग 50% प्रतिभागियों (participant) को रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का अनुभव हुआ.
10.2% प्रतिभागियों को सामान्य डिसऑर्डर थे.
10.5% प्रतिभागियों को किसी प्रकार की स्किन और चमड़े के नीचे का डिसऑर्डर था.
5.8% प्रतिभागियों में मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर विकसित हुए.
5.2 प्रतिशत प्रतिभागियों में नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर विकसित हुए.
स्टडी में यह भी बताया गया कि वैक्सीन लेने के बाद चार वयस्कों की मृत्यु हो गई, लेकिन यह भी कहा गया कि उन चारों को या तो डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी कोमोरबिडिटीज (comorbidities) थीं या टीका लेने से पहले वे कोविड-19 के संपर्क में आए थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने कहा, "कोवैक्सिन की सुरक्षा पर कई स्टडीज की गई हैं और पियर रिव्यूड जर्नल्स में प्रकाशित की गई हैं, जो एक्सलेंट सेफ्टी ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में बताता है."
हालांकि, कंपनी के आश्वासन के बावजूद, क्लिनिकल ट्रायल के पहले स्टेज से ही कोवैक्सिन सवालों से घिरी रही है.
कोविड-19 महामारी के चरम पर, एक्सपर्ट्स ने अधूरे डेटा और कोवैक्सिन निर्माण में पारदर्शिता की कमी के बारे में चिंता जताई थी.
मार्च 2021 में, द लैंसेट ने स्टेज 2 क्लिनिकल ट्रायल के रिजल्ट प्रकाशित किए थे, जिसमें कहा गया था कि वैक्सीन "सुरक्षित, प्रतिरक्षात्मक (immunogenic), बिना किसी गंभीर साइड इफेक्ट के" था.
कोवैक्सिन एक माइक्रोब इनएक्टिव वैक्सीन (microbe inactive vaccine) है. पारंपरिक टीकों की तरह ये रोगजनक (pathogen) के मारे गए वर्जन (version) का उपयोग करता है, जो बीमारी का कारण बनता है.
Covaxin के लिए SARS-CoV-2 स्ट्रेन को NIV, पुणे में अलग किया गया और भारत बायोटेक को ट्रांसफर कर दिया गया.
निष्क्रिय वैक्सीन को तब हैदराबाद में उनकी हाई कंटमीनेटेड फैसिलिटी (High Containment facility) में विकसित और निर्मित किया गया था.
2021 में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि कोवैक्सिन के टीकाकरण के बाद हल्के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैं:
इंजेक्शन की जगह पर दर्द
थकान
बुखार
शरीर में दर्द
पेट में दर्द
मतली और उल्टी
चक्कर आना
झटके
पसीना आना
सर्दी और खांसी
डॉ. तुषार तायल एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंटरेस्ट का मतलब समझते हुए कहते हैं कि रूटीन साइड इफेक्ट के अलावा वैक्सीन में कोई मेजर साइड इफेक्ट देखा जा रहा है या नहीं.
कोवैक्सिन में कुछ एडवर्स इफेक्ट ऑफ स्पेशल इंटरेस्ट देखा गया है, जैसे वायरल जैसे लक्षण दिखना जिसे अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन कहते हैं या स्किन और चमड़े के नीचे साइड इफेक्ट होना, नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर या स्ट्रोक होना. कुछ लोगों की आंखों में समस्या और थायराइड की प्रॉब्लम भी देखी गई है.
इस सवाल के जवाब में डॉ. तुषार तायल फिट हिंदी से लोगों को बिल्कुल भी चिंता या डरने से मना करते हैं. वो कहते हैं कि कोवेक्सिन वैक्सीन जो लोग लगवा चुके हैं उनको बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये वैक्सीन काफी रिसर्च के बाद बनी है और फायदे-साइड इफेक्ट्स को ध्यान में रख कर ही इसे लोगों को लगाया गया है.
वो आगे कहते हैं,
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined