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Covaxin लेने वाले 3 में से 1 व्यक्ति पर एडवर्स इफेक्ट, क्या है एक्सपर्ट का कहना?

Covaxin-Covid 19 Vaccine: यह ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा अपना कोविड-19 वैक्सीन वापस लेने के कुछ दिनों बाद आया है.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>क्या कोवैक्सिन वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए चिंता की कोई बात है?</p></div>
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क्या कोवैक्सिन वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए चिंता की कोई बात है?

(फोटो: फिट हिंदी/iStock)

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Covid Covaxin Side Effects: भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन-कोवैक्सिन लेने वाले लगभग 30% लोगों ने 'एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंटरेस्ट' (AESI) का अनुभव किया, जैसे स्ट्रोक और उनके हाथ और पैरों की नसों में कमजोरी (जिसे गुइलेन-बैरी सिंड्रोम भी कहा जाता है) .

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के रिसर्चरों द्वारा एक साल तक किए गए फॉलो अप स्टडी में यह पाया गया.

स्टडी में कहा गया है...

“लगभग एक-तिहाई व्यक्तियों में एईएसआई विकसित हुआ. टीका लगवाने के बाद किशोरों में तीन सबसे आम डिसऑर्डर देखे गए वो थे, नई स्किन ऑनसेट और चमड़े के नीचे के डिसऑर्डर, सामान्य डिसऑर्डर और नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर.

यह ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के फिर से सुर्खियों में आने के कुछ दिनों बाद आया है, जब कंपनी ने यूके की एक अदालत में कहा था कि उनके टीके से थ्रोम्बोसिस जैसे रेयर एडवर्स साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.

स्टडी की मुख्य बातें

जनवरी 2022 और अगस्त 2023 के बीच की गई स्टडी में 926 प्रतिभागियों का फॉलो-अप शामिल था, जिन्हें कोवैक्सिन COVID-19 वैक्सीन ली थी.

  • लगभग 50% प्रतिभागियों (participant) को रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का अनुभव हुआ.

  • 10.2% प्रतिभागियों को सामान्य डिसऑर्डर थे.

  • 10.5% प्रतिभागियों को किसी प्रकार की स्किन और चमड़े के नीचे का डिसऑर्डर था.

  • 5.8% प्रतिभागियों में मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर विकसित हुए.

  • 5.2 प्रतिशत प्रतिभागियों में नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर विकसित हुए.

स्टडी में भाग लेने वाली चार प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने पीरियड्स से जुड़ी असामान्यताओं का अनुभव किया.

स्टडी में यह भी बताया गया कि वैक्सीन लेने के बाद चार वयस्कों की मृत्यु हो गई, लेकिन यह भी कहा गया कि उन चारों को या तो डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी कोमोरबिडिटीज (comorbidities) थीं या टीका लेने से पहले वे कोविड​​​​-19 के संपर्क में आए थे.

“तीन खुराक प्राप्त करने वाले वयस्कों और बीबीवी152 की एक खुराक प्राप्त करने वाले वयस्कों में कोवैक्सिन की दो खुराक प्राप्त करने वाले वयस्कों की तुलना में एईएसआई का जोखिम रेस्पेक्टिवेली चार और दो गुना अधिक था.”
कोवैक्सिन पर बी.एच.यू. स्टडी

क्या भारत बायोटेक ने कोई स्पष्टीकरण जारी किया?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने कहा, "कोवैक्सिन की सुरक्षा पर कई स्टडीज की गई हैं और पियर रिव्यूड जर्नल्स में प्रकाशित की गई हैं, जो एक्सलेंट सेफ्टी ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में बताता है."

हालांकि, कंपनी के आश्वासन के बावजूद, क्लिनिकल ट्रायल के पहले स्टेज से ही कोवैक्सिन सवालों से घिरी रही है.

कोविड-19 महामारी के चरम पर, एक्सपर्ट्स ने अधूरे डेटा और कोवैक्सिन निर्माण में पारदर्शिता की कमी के बारे में चिंता जताई थी.

मार्च 2021 में, द लैंसेट ने स्टेज 2 क्लिनिकल ट्रायल के रिजल्ट प्रकाशित किए थे, जिसमें कहा गया था कि वैक्सीन "सुरक्षित, प्रतिरक्षात्मक (immunogenic), बिना किसी गंभीर साइड इफेक्ट के" था.

लगभग उसी समय एम्स भोपाल और जम्मू के अध्यक्ष और एम्स दिल्ली के पूर्व डीन डॉ. वाईके गुप्ता ने कहा है कि कोवैक्सिन के कारण कोई मौत या बड़ा साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है.
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कैसे काम करती है कोवैक्सिन?

कोवैक्सिन एक माइक्रोब इनएक्टिव वैक्सीन (microbe inactive vaccine) है. पारंपरिक टीकों की तरह ये रोगजनक (pathogen) के मारे गए वर्जन (version) का उपयोग करता है, जो बीमारी का कारण बनता है.

"जब ये वैक्सीन इंसान के शरीर में घुसता है, तो वायरस के ऊपर लगे हुए जो पार्टिकल्स होता हैं, जिनको हम एंटीजन बोलते हैं वो बॉडी में इम्यून रिस्पांस ट्रिगर करते हैं, जिसके द्वारा एंटीबॉडी और मेमोरी सेल्स बनते हैं. इससे होता ये है कि भविष्य में इंसान को कभी कोविड का इन्फेक्शन होता है, तो ये एंटीबॉडीज और मेमोरी सेल्स उन वायरस को खत्म कर देते हैं."
डॉ. तुषार तायल, कंसलटेंट- इंटरनल मेडिसिन, सी के बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम

Covaxin के लिए SARS-CoV-2 स्ट्रेन को NIV, पुणे में अलग किया गया और भारत बायोटेक को ट्रांसफर कर दिया गया.

निष्क्रिय वैक्सीन को तब हैदराबाद में उनकी हाई कंटमीनेटेड फैसिलिटी (High Containment facility) में विकसित और निर्मित किया गया था.

कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

2021 में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि कोवैक्सिन के टीकाकरण के बाद हल्के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैं:

  • इंजेक्शन की जगह पर दर्द

  • सिरदर्द

  • थकान

  • बुखार

  • शरीर में दर्द

  • पेट में दर्द

  • मतली और उल्टी

  • चक्कर आना

  • झटके

  • पसीना आना

  • सर्दी और खांसी

हालांकि, अगस्त 2020 में पहले स्टेज के ट्रायल के दौरान, एक मरीज जिसका पहले से कोई सह-रुग्णता का इतिहास नहीं था, टीकाकरण के बाद वायरल न्यूमोनाइटिस से पीड़ित हो गया, जिसे पब्लिक के सामने उजागर नहीं किया गया था, लेकिन कंपनी ने कहा था कि सीडीएससीओ (CDSCO) और डीसीजीआई (DCGI) द्वारा एक जांच की गई थी.

एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंटरेस्ट (AESI) का मतलब क्या है?

डॉ. तुषार तायल एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंटरेस्ट का मतलब समझते हुए कहते हैं कि रूटीन साइड इफेक्ट के अलावा वैक्सीन में कोई मेजर साइड इफेक्ट देखा जा रहा है या नहीं.

कोवैक्सिन में कुछ एडवर्स इफेक्ट ऑफ स्पेशल इंटरेस्ट देखा गया है, जैसे वायरल जैसे लक्षण दिखना जिसे अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन कहते हैं या स्किन और चमड़े के नीचे साइड इफेक्ट होना, नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर या स्ट्रोक होना. कुछ लोगों की आंखों में समस्या और थायराइड की प्रॉब्लम भी देखी गई है.

"बहुत कम यानी 0.1% या 0.2% पॉपुलेशन में इतना गंभीर साइड इफेक्ट देखा गया है."
डॉ. तुषार तायल

क्या वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए चिंता की कोई बात है?

इस सवाल के जवाब में डॉ. तुषार तायल फिट हिंदी से लोगों को बिल्कुल भी चिंता या डरने से मना करते हैं. वो कहते हैं कि कोवेक्सिन वैक्सीन जो लोग लगवा चुके हैं उनको बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये वैक्सीन काफी रिसर्च के बाद बनी है और फायदे-साइड इफेक्ट्स को ध्यान में रख कर ही इसे लोगों को लगाया गया है.

वो आगे कहते हैं,

"अगर किसी को वैक्सीन से साइड इफेक्ट होने होते तो अब तक हो चुके होंगे. ऐसा नहीं है कि कई सालों या महीनों बाद इसके कोई लौंग टर्म साइड इफेक्ट होते हैं. हमें ये भी देखना है कि इस वैक्सीन के कारण कितने सारे लोगों को कोविड से सुरक्षा मिली है. इसके मामूली साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जो किसी भी वैक्सीन लगवाने से होते हैं, चाहे वो फ्लू वैक्सीन हो या टिटनेस वैक्सीन. इन सब वैक्सीन के भी छोटे-छोटे साइड इफेक्ट्स देखे जाते हैं."
डॉ. तुषार तायल

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