कोविड की तीसरी वेव पहले दोनों वेव के मुक़ाबले ख़तरनाक नहीं दिख रही मगर इससे संक्रमित बच्चों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. ज़्यादातर बच्चे 3-4 दिनों में, घर में ही ठीक हो जा रहे हैं.
इस वेव में अभी तक बच्चों में कोविड-19 के मामलों में गंभीरता कम देखी गयी है, पर बढ़ते मामले और वैक्सिनेटेड नहीं होने कारण बच्चों में संक्रमण तेज़ी से बढ़ रहा है.
कोविड की दूसरी वेव में बच्चों में लॉन्ग कोविड(LONG COVID) और एमआईएस-सी(MIS-C) यानि मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण भी देखने को मिले थे. जहां लॉन्ग कोविड सीधे तौर पर गंभीर बीमारी का कारण नहीं होता है वहीं एमआईएस-सी बेहद ख़तरनाक और जानलेवा हो सकता है.
फ़िट हिंदी ने गुरुग्राम, बेंगलुरु और मुंबई के प्रमुख बाल चिकित्सकों से बात की और जानने की कोशिश की लॉन्ग कोविड और एमआईएस-सी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.
बच्चों में लॉन्ग कोविड किसे कहते हैं?
फ़िट हिंदी ने जब ये सवाल डॉ. मनिंदर सिंह धालीवाल, एसोसिएट डायरेक्टर, पीडियाट्रिक्स, मेदांता गुरुग्राम से पूछा तो उनका जवाब था “बच्चों में लॉन्ग कोविड अभी तक अच्छी तरह से परिभाषित नहीं है. पर यह कह सकते हैं कि जो कोविड संक्रमण 4 सप्ताह से अधिक समय तक जारी रहता है और जिसे किसी अन्य कारण से समझाया नहीं जा सकता है, तब हम उसे लॉन्ग कोविड मानते हैं. लॉन्ग कोविड का असर शरीर के किसी भी अंग पर हो सकता है जैसे कि पेट, दिमाग़, हड्डी, दिल, श्वसन प्रणाली या और कोई भी अंग. लॉन्ग कोविड का इलाज लक्षण के आधार पर निर्धारित डॉक्टर ही कर सकते हैं”.
“Omicron में लॉन्ग कोविड होने की संभावना 100% है और इसका पता फ़रवरी या मार्च महीने में चलेगा”डॉ. मनिंदर सिंह धालीवाल, एसोसिएट डायरेक्टर, पीडियाट्रिक्स, मेदांता गुरुग्राम
बच्चों में लॉन्ग कोविड के लक्षण
“आम तौर पर 12 सप्ताह से अधिक समय तक बच्चे में कोविड संबंधित लक्षणों को लॉन्ग कोविड के रूप में लेबल किया जाना चाहिए” ऐसा कहना है डॉ कृष्ण चुघू, डायरेक्टर और एचओडी, बाल रोग, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम.
बच्चों में लॉन्ग कोविड होने पर ये लक्षण देखने को मिल सकते हैं:
शरीर में दर्द
अधिक थकान
जोड़ों का दर्द
खेलने / व्यायाम / साइकिल चलाने / दौड़ने में असमर्थता
खराब शैक्षणिक प्रदर्शन
ब्रेन फॉगिंग
चिंता
डिप्रेशन
सीने में दर्द
खांसी
सांस लेने में कठिनाई
गले में खराश
गंध और स्वाद की कमी
"माता-पिता कोविड संक्रमित बच्चे में नए लक्षण या किसी अन्य समस्या पर 90 दिनों तक विशेष रूप से ध्यान दें. नए लक्षणों का पता चलते ही डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें"डॉ जेसल शेठ, वरिष्ठ सलाहकार-बाल रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड, मुंबई
लॉन्ग कोविड किन बच्चों को होने की संभावना होती है
लॉन्ग कोविड किसी भी बच्चे में हो सकता है, जो कोविड वायरस से संक्रमित हुए हों. लॉन्ग कोविड से पीड़ित कुछ बच्चों में या तो बहुत हल्की बीमारी थी या शुरू में कोई लक्षण भी नहीं थे, लेकिन कोविड आरटी-पीसीआर या एंटीबॉडी पॉजिटिव थे. ऐसा कहना है विशेषज्ञों का.
चिकित्सा विशेषज्ञ अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि तीव्र संक्रमण के बाद लॉन्ग कोविड के लक्षणों से कौन पीड़ित होगा और कौन नहीं होगा.
"कैंसर, थैलेसीमिया, डायबिटीज, ल्यूकीमिया, एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी झेल रहे बच्चों को भी लॉन्ग कोविड होने की संभावना ज़्यादा है क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होती है, जिस कारण कोविड संक्रमण ठीक होने में समय लग सकता है यानि लॉन्ग कोविड की स्तिथि बन सकती है"डॉ योगेश कुमार गुप्ता, हेड ओफ़ पीडीऐट्रिक इंटेन्सिव केर यूनिट, फ़ोर्टिस हॉस्पिटल, बन्नरघट्टा रोड, बेंगलुरु
लॉन्ग कोविड संक्रमित बच्चे की देखभाल कैसे करें
लॉन्ग कोविड से सीधे तौर पर बच्चों के जीवन पर ख़तरा नहीं है, पर इसकी वजह से बच्चे के स्वास्थ्य पर धीरे-धीरे असर होना शुरू हो जाता है. जिससे उसकी पढ़ाई-लिखाई, खेल-कूद, मानसिक स्वास्थ्य और दिनचर्या बिगड़ने लगती है. डॉक्टर की दी कुछ सलाह लॉन्ग कोविड संक्रमित बच्चों की देखभाल के लिए:
डॉक्टर की सलाह से दी गयी दवा समय पर दें
माता-पिता बच्चे के साथ समय बिताएं
पौष्टिक आहार खिलाएं
खूब पानी पिलाएं
व्यायाम करने को प्रोत्साहित करें
स्वच्छता रखें
लॉन्ग कोविड में हल्के लक्षण पाए जाते हैं और इसमें जान का ख़तरा नहीं होता है. लेकिन अगर समय पर ध्यान न दें, तो हल्के लक्षण समय के साथ गंभीर भी हो सकते हैं, जो बच्चे को नुक़सान पहुँचा सकते हैं.
"हमारे देश में लॉन्ग कोविड पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा. जब तक बच्चे को बुख़ार न आए या कुछ गंभीर लक्षण न दिखे, तब तक डॉक्टर से संपर्क नहीं करते घरवाले. ऐसा नहीं करें. अपने बच्चे में नए हल्के या गंभीर लक्षण का पता चलते ही डॉक्टर से संपर्क करें"डॉ. मनिंदर सिंह धालीवाल, एसोसिएट डायरेक्टर, पीडियाट्रिक्स, मेदांता गुरुग्राम
एमआईएस-सी(MIS-C) यानि मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम
एमआईएस-सी, कोविड की दूसरी लहर में कुछ कोविड संक्रमित बच्चों में संक्रमण के 4 हफ़्ते बाद देखा गया है. यह पोस्ट कोविड जटिलताओं में से एक है. यह एक गंभीर और ख़तरनाक बीमारी है.
यह समस्या बिना लक्षण वाले या कम लक्षण वाले कोविड संक्रमित बच्चों में देखी गयी है. इसमें लक्षण गंभीर होते हैं और बच्चा आईसीयू में भी जा सकता है.
कुछ लक्षण जो एमआईएस-सी में देखे जाते हैं:
बुख़ार 102 से ज़्यादा
पूरा शरीर तपता है
शरीर लाल पड़ना
ब्लड प्रेशर कम
बेचैनी
एमआईएस-सी का ख़तरा 0-21 वर्ष के बच्चों को होता है.
बच्चों को कोविड वैक्सीन लगने के बाद एमआईएस-सी का ख़तरा केवल 2% रहता है. डॉक्टरों को एमआईएस-सी के बारे में विस्तृत जानकारी है. माता-पिता को चाहिए कि बच्चों में कोविड होने के बाद लक्षणों पर विशेष ध्यान दें. कुछ नया या गंभीर लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें.
एक बात जिस पर सभी डॉक्टरों ने एक सी सहमति दिखायी वो ये है कि मौजूदा समय में कोविड मामले बच्चों में बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं, पर उन्होंने अभी तक कोई गंभीर मरीज़ नहीं देखा है.
आने वाला समय बताएगा की भारत में लॉन्ग कोविड(LONG COVID) और एमआईएस-सी(MIS-C) यानि मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम से कितने बच्चे संक्रमित हो रहे हैं.
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