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Covisheild Vaccine Related Facts: ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कंपनी ने यूके की अदालत में ये कहा कि उसकी बनाई कोविड-19 वैक्सीन से दुर्लभ मामलों में रेयर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. यह खबर सुर्खियां बनी है और टीका लगवा चुके लोगों में डर पैदा हो गया है, लेकिन इसमें जानने वाली बातें और भी हैं.
क्या कोविशील्ड वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट्स वाली जानकारी नई है? उन साइड इफेक्ट का असर कितने दिनों में और कितने लोगों में होने की आशंका रहती है? क्या इस वैक्सीन को लगवाने वाले लोगों के लिए डरने की कोई बात है? फिट हिंदी ने एक्सपर्ट से बात की और जाने इन सवालों के जवाब.
टीटीएस सहित एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की जानकारी नई नहीं है. क्लिनिकल परीक्षण डेटा, साथ ही वैक्सीन के पैकेजिंग इंसर्ट में टीटीएस को एक बहुत ही दुर्लभ लेकिन संभावित प्रतिकूल प्रभाव के रूप में बताया गया है.
2021 में, एस्ट्राजेनेका के पैकेजिंग इंसर्ट में वैक्सीन की आपूर्ति के साथ-साथ वैक्सीन के सभी जोखिम भी शामिल थे.
इसमें यह भी स्पष्ट रूप से बताया गया है कि टीटीएस का जोखिम बहुत दुर्लभ है, यानी 1/100,000 रोगियों से भी कम है.
यह पैकेजिंग इंसर्ट अक्टूबर 2021 में जारी किया गया था.
इसके अलावा, ये इनपुट 2021 से रिसर्च पेपर्स, सीडीसी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के माध्यम से पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हैं.
सीडीसी (CDC) ने साझा किया कि कोविड-19 टीकाकरण के बाद टीटीएस के बहुत कम मामले देखे गए हैं.
फिट हिंदी से बात करते हुए गुरुग्राम के सी के बिरला हॉस्पिटल के कंसलटेंट- इंटरनल मेडिसिन डॉ. तुषार तायल कहते हैं, "थ्रोम्बोसिस या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम का आजकल बहुत जिक्र हो रहा है क्योंकि कोविशील्ड के निर्माताओं ने अभी हाल ही में इस वैक्सीन को लेने वाले कुछ प्रतिशत लोगों में कुछ रेयर साइड इफेक्ट्स जैसे टीटीएस जैसी बीमारी सामने आने की बात कही है. ये थोड़ी सीरियस बीमारी है, जिसमें ब्लड क्लॉट्स कर जाते हैं".
एक्सपर्ट बताते हैं कि वैक्सीन से हुआ टीटीएस आमतौर पर टीकाकरण के 4 से 42 दिनों के बीच दिखाई देता है.
2021 में यूके में किए गए एक बड़े पैमाने के अध्ययन में पाया गया कि कोविड -19 से इन्फेक्शन के बाद थ्रोम्बोसिस का खतरा वायरस के खिलाफ टीकाकरण की तुलना में काफी अधिक है.
सीडीसी के रिसर्च पेपर में भी कुछ ऐसा ही बताया गया है. उसके मुताबिक "दिए गए दस लाख खुराक पर लगभग चार मामलों में" ऐसा हुआ है.
डॉ. तुषार तायल कोविड वैक्सीन के पॉजिटिव प्रभावों पर ध्यान देने की बात करते हैं न कि उसके दुर्लभ मामलों में होने वाले रेयर साइड इफेक्ट्स से डर जाने की.
वो कहते हैं, "टीटीएस (TTS) से लोगों को घबराना नहीं है. हमें ये देखना है चाहिए कि कोविड-19 वैक्सीन ने कितने सारे लोगों की जान बचाई है".
डॉ. तुषार तायल आगे कहते हैं, "अगर हम सिंपल पेरासिटामोल दवा की बात करें तो उससे भी मामूली से लेकर गंभीर और जानलेवा साइड इफेक्ट होने का जिक्र स्टडीज में मिल जाएगा. पर इसका ये मतलब नहीं है कि दवा खाने वाले सभी लोगों को बताए गए साइड इफेक्ट्स होंगे. बहुत ही कम मामलों में साइड इफेक्ट्स देखे जाते हैं.
थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जिसके कारण शरीर में ब्लड क्लॉट्स और प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं.
एक पैर में लगातार दर्द या सुन्न रहना
एक पैर या बांह में सूजन
छाती में दर्द
त्वचा के नीचे छोटे खून के धब्बे (इंजेक्शन की जगह पर नहीं)
बहुत तेज और लगातार रहने वाला सिरदर्द
धुंधला दिखना
सांस फूलना
पेट में दर्द
शरीर पर थोड़ा भी प्रेशर पड़ने पर नील पड़ जाना
अगर टीकाकरण के बाद आपको इनमें से एक या अधिक लक्षण दिखाई देते हैं, तो आगे की जांच के लिए डॉक्टर से संपर्क जरुर करें.
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Published: 02 May 2024,04:53 PM IST