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H1N1 Influenza Cases On Rise: देश के कई हिस्सों में एक्सटेंडेड फ्लू के मामले फैले हुए हैं. लक्षणों का लंबे समय तक रहना और ठीक होने कुछ दिनों बाद फिर से उसका वापस आना चिंता का कारण बन गया है. डॉक्टरों को दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, कोलकाता और बेंगलुरू में H1N1 इन्फ्लुएंजा के मामले देखने को मिल रहे हैं. उत्तर भारत में बढ़ता प्रदूषण और इस साल पड़ी कड़ाके की ठंड ने को भी इसका कारण माना जा रहा है.
H1N1 के मामले अचानक क्यों बढ़ रहे हैं? क्यों लक्षणों को जाने में अधिक समय लग रहा? क्या ये ठीक होने के बाद दोबारा भी हो रहा है? H1N1 इंफ्लुएंजा से बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखें? फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से बात कर समझा स्थिति के बारे में.
यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के मुताबिक भारत में H1N1 के 5350 मामले रिपोर्ट किए गए थे. पिछले साल इन्फ्लुएंजा वैरिएंट ए से अक्टूबर 2023 तक 101 लोगों की मौत दर्ज की गई है.
ठंडे वातावरण में वायरस लंबे समय तक ऐक्टिव रहता है और वहीं कुछ डेटा ये भी कहते हैं कि ठंडे माहौल में लोगों की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है.
डॉ. रवि शेखर झा बताते हैं कि H1N1 या स्वाइन फ्लू के मामलों में कई कारणों से अचानक तेजी आयी है. इस बार मौसम में गड़बड़ी, आबादी का बढ़ना और वायरस में बदलाव के चलते, ये इंफेक्शन बढ़े हैं.
आबादी के कुछ खास हिस्सों में इम्युनिटी कम होने, वैक्सीनेशन कवरेज पर्याप्त नहीं होने और ग्लोबल ट्रैवल की वजह से भी वायरस का प्रसार तेजी सेे हो रहा है.
वहीं फिट हिंदी से बात करते हुए डॉ. विकास मित्तल कहते हैं कि इस मौसम में H1N1 इंफ्लुएंजा के मामलों में अचानक बढ़ोतरी मौसमी फ्लू पैटर्न की वजह से आम होती है. हर साल,फ्लू वयरस के कई स्ट्रेन्स, जिनमें इंफ्लुएंजा ए, बी और H1N1 और H3N2 शामिल हैं, काफी फैलते हैं.
इंफेक्शन बड़े पैमाने पर न फैलें इसके लिए पब्लिक हेल्थ के उपायों पर ध्यान देने की जरूरत है, जिनमें वैक्सिनेशन अभियान, अधिक निगरानी बरतने और इंफेक्शन के मामले सामने आते ही तत्काल बचाव के उपायों को अमल में लाना जरूरी है.
डॉ. रवि शेखर झा चिंता जताते हुए कहते हैं कि इस बार रोगी को पूरी तरह से ठीक होने में काफी समय लगा रहा है.
उन्होंने लोगों में बढ़ती एंटीबॉयोटिक्स के इस्तेमाल को भी परेशानी का कारण बताया और कहा,
डॉ. विकास मित्तल ने आबादी के कमजोर तबकों में लक्षण के लंबे समय तक बने रहनी की बात की.
बेंगलुरु, फोर्टिस हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन की सीनियर कंसलटेंट, डॉ. शालिनी जोशी ने शहर में इन्फ्लुएंजा के मामलों में बढ़ोतरी की बात कहते हुए इस बीमारी में एंटीबॉयोटिक्स के गलत इस्तेमाल पर परेशानी जताई.
डॉ. झा ने रोगियों में ठीक होने के कुछ दिनों बाद लक्षणों के वापस आने की बात कही.
लेकिन डॉ. विकास मित्तल का कहना है कि H1N1 इंफ्लुएंजा अमूमन उसी सीन में रीलैप्स नहीं होता. लेकिन जो लोग पहले H1N1 के शिकार बन चुके होते हैं उन्हें यह इंफेक्शन दोबारा हो सकता है, क्योंकि वायरस से इम्युनिटी कई बार सभी प्रकार के स्ट्रेन्स से पूरी तरह से बचाव नहीं कर पाती.
लोगों को सावधान रहने की सलाह देते हुए डॉ. विकास मित्तल कहते हैं,
H1N1 से बचाव के लिए, सभी जरूरी सावधानियां बरतेंः
सालाना वैक्सिनेशन करवाएं
हाथों की धुलाई नियमित रूप से करें
हैंड सैनीटाइजर का इस्तेमाल करें
अपने चेहरे को बार-बार छूने से बचें
छींकते या खांसते समय अपने मुंह और नाक को टिश्यू या अपनी कुहनी से ढकें
अगर किसी में फ्लू जैसे लक्षण दिखाए दे रहे हैं, तो ऐसे व्यक्ति से से दूरी बनाकर रखें
भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें
पब्लिक हेल्थ संबंधी सलाह की जानकारी लें और बताए गए निर्देशों का पालन करें
अगर आपको अपने आप में फ्लू जैसे लक्षण दिखायी दें तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें और नियमित रूप से दवाओं का सेवन करें. इन सावधानियों को अपनाएं इससे आप न सिर्फ अपने आपको बचाते हैं बल्कि वायरस के प्रसार को कम कर कम्यूनिटी हेल्थ को बरकरार रखने में मदद भी करते हैं
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