advertisement
Heart Attack In Winter: क्या आप जानते हैं कि सर्दियों के महीनों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है?
2013 में पबमेड (PubMed) सेंट्रल में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, हार्ट प्रॉब्लम्स का एक स्पष्ट सीजनल ट्रेंड (seasonal trend) है. ठंड के महीनों के दौरान दिल की बीमारियां बढ़ जाती हैं और ऐसा सीजनल ट्रेंड कई देशों में देखा गया है.
ऐसा ही एक जर्मन स्टडी में बताया गया है कि जब भी 24 घंटे की अवधि में तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस गिरता है, तो दिल का दौरा 11% बढ़ जाता है. वहीं 2016 में जर्नल ऑफ स्ट्रोक एंड सेरेब्रोवास्कुलर डिजीज में प्रकाशित एक दूसरी स्टडी, जिसमें इस्केमिक स्ट्रोक के 1,70,000 से अधिक मामलों की जांच के बाद रिसर्चर इसी निष्कर्ष पर पहुंचे.
डॉक्टरों ने भी इन स्टडीज से सहमति जताई है. सर्दियों के दौरान हार्ट अटैक के मामले में वृद्धि के पीछे क्या कारण है? जोखिम में कौन हैं ? ठंड में हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें? आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
ओखला रोड, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. अतुल माथुर कहते हैं कि सर्दियों में दिल के दौरे बढ़ने के पीछे एक प्रमुख कारण वासोकॉन्स्ट्रिक्शन (vasoconstriction) है.
जैसा कि हार्ट एक्सपर्ट्स हमेशा कहते हैं सर्दियों में अपने दिल का खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि ठंडे मौसम के कारण हमारे दिल की आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.
एक्सपर्ट ठंड में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के दूसरे कारणों का भी जिक्र करते हैं.
सर्दियों के दौरान गर्मी देने वाले फैटी फूड का सेवन बढ़ जाता है
न्यूमोकोकल फेफड़ों के इन्फेक्शन और इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों से उन लोगों पर स्ट्रेन बढ़ जाता है, जिनके दिल पहले से ही कमजोर हैं.
सर्दियों के दौरान कम पसीना आने का मतलब है कि जिन लोगों का दिल कमजोर होता है उनके शरीर में अधिक पानी जमा हो जाता है, जिससे हार्ट फेलियर की समस्या हो सकती है.
बढ़ता पोल्युशन और स्मॉग दिल की बीमारियों को बढ़ाता है
फिट को AIIMS के पूर्व सलाहकार और साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग हार्ट इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ. बिमल छाजेर ने बताया कि जिस किसी को भी हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ट्राइग्लिसराइड्स, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज है, वो जोखिम में हैं.
इसके अलावा, जो लोग धूम्रपान करते हैं, अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त हैं और अधिक स्ट्रेस में रहते हैं, उन्हें भी दिल का दौरा पड़ने का खतरा होता है. साथ ही बुजुर्गों को भी जोखिम है.
बढ़ती ठंड को देखते हुए हार्ट से जुड़ी बीमारी के मरीज को जहां तक हो सके घर के अंदर रहना चाहिए. ऐसे मौसम में अचानक कोल्ड स्ट्रोक (cold stoke) होने की आशंका बढ़ जाती है.
ठंड में तले हुए, फैटी, मीठे और हाई कोलेस्ट्रॉल वाले भोजन से बचें. ऐसे फूड हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ा सकते हैं.
ठंडे तापमान के कारण आपकी ब्लड वेसल्स सिकुड़ सकती हैं. इसलिए बाहर निकलने से पहले गर्म कपड़ों की परत जरुर पहनें. हालांकि, आपका शरीर ज्यादा गर्म हो रहा है, तो गर्म कपड़े की एक परत हटा दें जब तक कि शरीर की अतिरिक्त गर्मी न निकल जाए. बहुत अधिक गर्मी आपके ब्लड वेसल्स को फैला सकती है, जिससे आपका ब्लड प्रेशर कम हो सकता है.
दिल को मजबूत और स्वस्थ बनाने वाले नट्स, फल और सब्जी इस मौसम में हर रोज खाएं. ठंड से बचने के लिए विटामिन सी का सेवन करें. इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है और ठंड का असर भी कम होता है. आप डाइट में संतरा, नींबू, मौसमी और आंवला शामिल करें. साथ ही शरीर के मूल तापमान को गर्म रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक वसा, ऊर्जा से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें. पौष्टिक वसा और दूसरे खाद्य पदार्थों का थर्मिक प्रभाव आपको अपना मूल तापमान बनाए रखने में मदद करेगा.
ठंडे तापमान में सुबह जल्दी बाहर निकलना हेल्थ रिस्क से भरा हो सकता है. इसलिए, अपने घर में ही योग, पाइलेट्स या आसान एक्सरसाइज करें. घर के अंदर एक जगह पर अधिक समय तक बैठे न रहें. बीच-बीच में चलते-फिरते रहें. साथ ही वजन को कंट्रोल में रखें.
शरीर को गर्म रखने के लिए सिर्फ चाय ही नहीं बल्कि लैमन टी, ग्रीन टी, ब्लैक टी/कॉफी या सूप का सेवन करें. इससे गले को आराम मिलता है और बॉडी का तापमान भी बना रहता है.
धूम्रपान और शराब से परहेज करें. तंबाकू का सेवन हृदय रोग या हार्ट फेलियर के मुख्य कारणों में से एक है.
बढ़ती ठंड में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, किडनी और वैस्कुलर समस्याओं जैसी हेल्थ कंडीशंस पर कड़ी नजर रखें. इन स्थितियों को अगर अनकंट्रोल्ड छोड़ दिया जाए, तो हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined